दमघोंटू दिल्ली की हवा, स्मॉग की चादर से इंडिया गेट भी गायब...कई क्षेत्रों में एयर क्वालिटी गंभीर

Edited By Updated: 23 Oct, 2020 03:13 PM

delhi air quality deteriorates with air in severe category in many areas

दिल्ली की हवा दमघोंटू होती जा रही है। शुक्रवार को दिल्ली में इतना प्रदूषण था कि इंडिया गेट नजर नहीं आ रहा था। राष्ट्रीय राजधानी में कई क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर'' श्रेणी में पहुंचने के बाद शुक्रवार को वायु की गुणवत्ता में और भी गिरावट...

नेशनल डेस्क: दिल्ली की हवा दमघोंटू होती जा रही है। शुक्रवार को दिल्ली में इतना प्रदूषण था कि इंडिया गेट नजर नहीं आ रहा था। राष्ट्रीय राजधानी में कई क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर' श्रेणी में पहुंचने के बाद शुक्रवार को वायु की गुणवत्ता में और भी गिरावट दर्ज की गई। शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 374 दर्ज किया गया जो कि एक दिन पहले 302 था। पृथ्वी विज्ञान की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली ‘सफर' के मुताबिक दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बेहद खराब' श्रेणी में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से विकसित 'समीर' ऐप के अनुसार दिल्ली में 10 निगरानी केंद्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर' श्रेणी में दर्ज किया गया है। अलीपुर में यह सूचकांक 447, शादीपुर में 441, मुंडका में 419, वजीरपुर में 432, आनंद विहार में 405, बवाना में 413, विवेक विहार में 422, रोहिणी में 401, जहांगीरपुरी में 418 और पटपड़गंज में 405 दर्ज किया गया।

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सफर के अनुसार दिल्ली क्षेत्र हवा की गति बहुत शांत है और अगले दो दिन तक भी इसके ऐसे ही रहने का पूर्वानुमान है। सफर ने बताया, ‘‘ ऐसा पूर्वानुमान है कि 24 और 25 अक्तूबर को वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब' के उच्चतम स्तर और यहां तक कि ‘गंभीर' श्रेणी को भी छू सकती है। सफर ने बताया कि हरियाणा, पंजाब और पड़ोसी क्षेत्रों में पराली जलाए जाने में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है और गुरुवार को यह संख्या 1213 थी। हवा की गति अभी प्रदूषक तत्वों को दिल्ली की तरफ धकेलने के लिए बहुत ज्यादा अनुकूल नहीं है इसलिए आज पराली से दिल्ली में पीएम 2.5 का योगदान 17 फीसदी दर्ज किया गया।

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भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि वायु की गुणवत्ता में और गिरावट दर्ज हो सकती है क्योंकि पीएम 10 और पीएम 2.5 कणों की संख्या हवा में बढ़ रही है। पीएम 10 का व्यास 10 माइक्रोमीटर से कम होता है और पीएम का 2.5 माइक्रोमीटर से कम होता है। ये हवा में बेहद सूक्ष्म प्रदूषक कण है। IMD के अतिरिक्त महानिदेशक आनंद शर्मा ने गुरुवार को कहा कि वायु गुणवत्ता आगामी दो दिनों में यानी 24 अक्तूबर तक और खराब होगी। पराली जलाने के अलावा अन्य कारक भी हैं, जिससे वायु गुणवत्ता खराब हो रही है। इनमें वाहन प्रदूषण और अपशिष्टों को जलाना भी शामिल है।

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