Edited By ,Updated: 01 Nov, 2016 08:48 AM
इस साल चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (सी.पी.सी.सी.) ने शहर में वायु प्रदूषण की जांच करने के लिए नई मशीने लगाईं।
चंडीगढ़(विजय) : इस साल चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (सी.पी.सी.सी.) ने शहर में वायु प्रदूषण की जांच करने के लिए नई मशीने लगाईं। जिसके परिणाम चौंकाने वाले सामने आए। नई मशीनों ने जो डाटा एकत्रित किया है उसके अनुसार चार सालों में शहर में न केवल वायु प्रदूषण बढ़ा है, बल्कि ध्वनि प्रदूषण ने भी सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। ध्वनि प्रदूषण के मामले में जहां सैक्टर-22 सबसे आगे रहा वहीं, वायु प्रदूषण की बात की जाए तो यहां सैक्टर-29 का नंबर पहला आया। 2013 से लेकर अब तक के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो ध्वनि प्रदूषण के मामले में थोड़ा इजाफा हुआ है।
सैक्टर-22 में दीवाली की रात 8 से लेकर 9 बजे तक और रात 9 से 10 बजे तक के स्लॉट में सबसे अधिक ध्वनि पैदा करने वाले पटाखे फोड़े गए। वहीं, तीन सालों के दौरान वायु प्रदूषण ने भी काफी तेजी से छलांग लगाई है। सैक्टर-29 के एरिया से 2014 के बाद इस साल काफी अधिक वायु प्रदूषण दर्ज किया गया। सैक्टर-29 में जहां रैस्पिरेबल सस्पैंडिड पर्टिकुलेट मैटर (आर.एस.पी.एम.) 330 माइक्रोग्राम्स प्रति क्यूबिक मीटर (एम.पी.सी.एम.) दर्ज किया गया, वहीं नाइट्रोजन की मात्रा भी 42 आई है जोकि चार सालों में सबसे अधिक है।
मौसम का भी रहा असर :
सी.पी.सी.सी. के वैज्ञानिक सुशील डोगरा की मानें तो वायु प्रदूषण बढऩे की मुख्य वजह केवल दीवाली की रात को बजाय गए पटाखों को ही नहीं कहा जा सकता है, बल्कि इसमें मौसम का अहम रोल रहा। पिछले काफी दिनों से शहर में बारिश नहीं हुई इसके अतिरिक्त पंजाब के गांव में पराली को भी जलाया जा रहा है, जिसकी वजह से हवा में धुआं काफी था। ये भी वायु प्रदूषण का कारण बनी।
सैक्टर-17 में सबसे कम प्रदूषण :
जहां एक ओर लगभग हरेक एरिया में प्रदूषण में बढ़ौतरी हुई है, वहीं सैक्टर-17 एक ऐसा एरिया रहा जहां पर सबसे कम प्रदूषण दर्ज किया गया। इसमें वायु और ध्वनि प्रदूषण दोनों शामिल हैं। दीवाली की रात 8 से 9 बजे तक 67.6 डैसिबल ध्वनि प्रदूषण रहा, वहीं यहां पर आर.एस.पी.एम. की मात्रा 225 एम.पी.पी.एम. और नाइट्रोजन की मात्रा 30 आई।
इस बार लगाई थीं 10 मशीनें :
पहली बार चंडीगढ़ में वायु और ध्वनि प्रदूषण की चैकिंग के लिए 10 स्थानों पर 20 मशीनें लगाई गई थी। पॉल्यूशन चेक करने के लिए कमेटी ने हाल ही में 2.5 पी.एम. की 10 मशीनें खरीदी हैं। इन मशीनों को उन्हीं जगहों पर लगाया जाएगा, जहां पर पहले से 10 पी.एम. की मशीनें लगी हुई हैं। जो 2.5 पी.एम. की नई मशीनें खरीदी गई हैं उनके जरिए हवा में घुलने वाले बारीक से बारीक कणों की भी जानकारी हासिल की गई।
वायु प्रदूषण
एरिया आर.एस.पी.एम. 2015 2014 2013
सैक्टर-22 316 124 218 450
सैक्टर-29 330 189 260 409
सैक्टर-17 225 102 185 165
ध्वनि प्रदूषण
एरिया नॉर्मल डे (24 अक्तूबर) 30 अक्तूबर 2015 2014 2013
सैक्टर-22
रात 8 से 9 बजे 61.5 82.2 80.4 80.2 76.4
रात 9 से 10 64.3 86.3
सैक्टर-29
रात 8 से 9 बजे 66.5 71.1 81.6 72.3 72.3
रात 9 से 10 52.3 80.5 83.0 75.0 77.5
सैक्टर-17
रात 8 से 9 बजे 54.9 67.6 65.0 65.8 74.1
रात 9 से 10 53.9 68.8 67.2 68.4 69.3