Edited By ,Updated: 13 Nov, 2016 08:02 PM
इस्लाम हमेंशा से ही खतरे में था लेकिन अब हिंदू धर्म भी खतरे में है, यह कहना है मसहूर संगीतकार जावेद अख्तर का। एक टीवी चैनल के कार्यक्रम के...
नई दिल्ली: इस्लाम हमेंशा से ही खतरे में था लेकिन अब हिंदू धर्म भी खतरे में है, यह कहना है मसहूर संगीतकार जावेद अख्तर का। एक टीवी चैनल के कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म संस्कृति और उपसंस्कृतियों में बंटा है।
तीन तलाक को लेकर भी जावेद अख्तर ने अपनी बेबाक राय रखी, उन्होंने कहा कि यह परंपरा समाप्त होनी चाहिए, इस पर तत्काल प्रतिबंध लगना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने यूनीफॉर्म सिविल कोड की भी वकालत की है। यूनीफॉर्म सिविल कोड की वकालत करते हुए अख्तर ने कहा कि हालांकि मैं नहीं जानता हूं कि यह किस हद तक संभव है क्योंकि हमारा समाज काफी व्यापक है लेकिन इसपर अच्छी तरह से चर्चा के बाद इसे लागू किया जाना चाहिए।
जावेद अख्तर ने कहा कि भारत कई परंपराओं, संस्कृति में बंटा हुआ है, ऐसे में हर किसी को कानून के दायरे में लाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को सिविल कोड का एक ड्राफ्ट इंटरनेट पर डालना चाहिए। सिविल कोड अगर ड्राफ्ट होगा तो इसपर व्यापक चर्चा हो सकती है, इसपर एक साल तक मंथन होने के बाद इसे लागू किया जाना चाहिए।