Edited By ,Updated: 15 Jul, 2016 11:46 AM
भूतों और प्रेतात्माओं से बात करने का दावा करने वाले पैरानार्मल जांचकर्ता गौरव तिवारी की मौत के राज से पर्दा अभी उठा नहीं बल्कि और गहराता जा रहा है।
नई दिल्ली: भूतों और प्रेतात्माओं से बात करने का दावा करने वाले पैरानार्मल जांचकर्ता गौरव तिवारी की मौत के राज से पर्दा अभी उठा नहीं बल्कि और गहराता जा रहा है। गौरव की मौत से जुड़े अब कुछ ऐसे सवाल सामने आए हैं जिससे शक की सूई घरवालों की तरह घुम गई है। दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को गौरव के परिजनों से करीब 8 घंटे पूछताछ की। गौरव तिवारी ने 7 जुलाई को अपने घर के बाथरूम में खुदकुशी की थी। उस समय सुबह के करीब 9.30 बजे थे और घर पर सारे लोग मौजूद थे।
घरवालों ने पुलिस को उसकी मौत की खबर करीब 11.30 बजे दी थी। सूत्रों के मुताबिक, गौरव और उसकी पत्नी के बीच काफी समय से मनमुटाव चल रहा था और मौत से एक दिन पहले भी दोनों के बीच झगड़ा हुआ था। झगड़े की वजह गौरव का लैपटॉप बताया जा रहा है। गौरव पैरानॉर्मल सोसाइटी से जुड़ी एक महिला के काफी करीब था और कहा जा रहा है कि वह अक्सर उस लड़की से लैपटॉप पर चैट भी करता था। यह बात उसकी पत्नी को पसंद नहीं थी।
पुलिस को आशंका है कि गौरव के परिजन उससे कुछ छुपा रहे हैं। गौरतलब है कि गौरव देश और दुनिया के करीब छह हजार हॉन्टेड लोकेशन की जांच कर चुका है लेकिन खुद उसकी मौत आज एक मिस्ट्री बन कर रह गई है। गौरव के गले पर काले रंग के गहरे निशान मिले थे और ऐसे निशान फंदा आदि कसने के बाद ही होते हैं। अनजान शक्तियों की खोज करने के लिए गौरव अक्सर देर रात तक घर से बाहर रहता था और 6 जुलाई को भी वह पूरा दिन घर पर था और शाम साढ़े सात बजे वो जनकपुरी के एक हॉन्टेड प्लेस की छानबीन के लिए घर से निकला।
जनकपुरी में अपनी तफ्तीश पूरी करने के बाद वह घर लौटा था जिसके बाद गौरव और उसकी पत्नी के बीच फिर से झगड़ा हुआ था। देर रात सभी खाना खाकर सो गए। सुबह सभी ने एकसाथ नाश्ता किया। गौरव अपने लैपटॉप पर काम करने लग गया और उसके थोड़े समय बाद बाथरूम से जोरदार आवाज आई जब परिजनों ने जाकर देखा तो गौरव की लाश फर्श पर पड़ी हुई थी।