Edited By ,Updated: 22 Feb, 2015 03:30 PM
अन्ना हजारे के भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ किए जा रहे आंदोलन से डरी मोदी सरकार ने आखिरकार अपना फैसला बदलने का मन बना लिया है।
नई दिल्ली: अन्ना हजारे के भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ किए जा रहे आंदोलन से डरी मोदी सरकार ने आखिरकार अपना फैसला बदलने का मन बना लिया है। सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार भूमि अधिग्रहण बिल में बदलाव कर सकती है। सूत्र बता रहे हैं कि भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर कई वरिष्ठ मंत्रियों द्वारा मीटिंग की गई है।
आपको बता दें कि अन्ना हजारे ने शुक्रवार से भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ आंदोलन की शुरूआत कर दी। अन्ना ने हरियाणा के पलवल में "किसान अधिकार चेतावनी सत्याग्रह" पदयात्रा को हरी झंडी दिखाई। इसके लिए पलवल में बड़ी संख्या में किसान व अन्य लोगों की भीड़ इक_ी हुई। अन्ना के निशाने पर मोदी सरकार का भूमि अधिग्रहण बिल है। अन्ना किसानों को साथ लेकर पलवल से दिल्ली के लिए कूच करेंगे और 23 फरवरी को दिल्ली पहुंचने के बाद अन्ना जंतर-मंतर पर अनशन करेंगे। एकता परिषद की ओर से आयोजित इस यात्रा का मकसद भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को रदद् कराना है।
इतना ही नहीं भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के अगुवा रहे अन्ना हजारे ने शुक्रवार भूमि अध्यादेश मुददे पर लोकपाल के तरीके के आंदोलन की चेतावनी दी और लोगों से इस उददेश्य के लिए एकजुट होने तथा जेल जाने के लिए तैयार रहने को कहा। जंतर मंतर पर 23 फरवरी से प्रस्तावित दो दिवसीय प्रदर्शन के लिए यहां से दिल्ली के लिए अपना 'जल जंगल जमीन' मार्च शुरू करते हुए हजारे ने दावा किया कि पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से 50 हजार से अधिक किसान भूमि अधिग्रहण विधेयक में बदलाव के खिलाफ उनके आंदोलन में शामिल होंगे। उन्होंने कहा, 'एकबार लोग जागरूक हो जाएं, रामलीला मैदान पर बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।