Edited By ,Updated: 24 Feb, 2015 08:12 AM
विपक्ष के कड़े विरोध और समाज सेवक अन्ना हजारे द्वारा आज जंतर-मंतर में रोष प्रदर्शन शुरू किए जाने के बावजूद मोदी सरकार लोकसभा में आज विवादास्पद भूमि अधिग्रहण बिल पेश करेगी।
नई दिल्ली : विपक्ष के कड़े विरोध और समाज सेवक अन्ना हजारे द्वारा आज जंतर-मंतर में रोष प्रदर्शन शुरू किए जाने के बावजूद मोदी सरकार लोकसभा में आज विवादास्पद भूमि अधिग्रहण बिल पेश करेगी। इस संबंध में फैसला गृह मंत्री राजनाथ सिंह के घर में हुई भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में लिया गया बताते हैं। बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल नहीं हुए थे।
सूत्रों के अनुसार बैठक शुरू होने से पूर्व राजनाथ ने इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर उनको सारी स्थिति से अवगत कराया। समाज सेवक हजारे के धरने में शामिल किसान संगठनों के कुछ प्रतिनिधियों ने शाम को गृह मंत्री से मुलाकात कर उनको अपनी मांगों से अवगत कराया। राजनाथ ने किसान नेताओं के साथ हुई बैठक की जानकारी भी मोदी को दी।
बैठक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, वेंकैया नायडू, जे.पी. नड्डा, शिवराज सिंह और अनंत कुमार शामिल थे। भूमि अधिग्रहण मुद्दे पर भाजपा संसदीय बैठक में सरकार ने राज्यसभा से 3 बिल हटाने का नोटिस दिया। इनमें इंशोरैंस, कोल माइंस और मोटर व्हीकल बिल वापस लेने का नोटिस दिया है। वहीं संघ परिवार ने भी भूमि अधिग्रहण अध्यादेश का विरोध किया है। संघ के विरोध के बाद सरकार अध्यादेश के विवादास्पद प्रावधानों को हटा देगी ताकि विपक्ष को इसका विरोध करने का मौका न मिले।
बीच का रास्ता ढूंढ रही सरकार
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर मचे हंगामे से निबटने के लिए केंद्र सरकार बीच का रास्ता तलाशने में जुटी हुई है। सरकार को ङ्क्षचता है कि इस अध्यादेश के चलते उसकी नकारात्मक छवि बन रही है। अगले कुछ महीनों में बिहार और पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव हैं। दिल्ली में भाजपा की बुरी हार के बाद सरकार को लगता है कि उसकी छवि इसी तरह गरीब और किसान विरोधी बनती गई तो आगे के चुनावों में दिक्कत आ सकती है।