जिंदगी ने बहुत कुछ दिया तो किस्मत से क्या करूं गिला

Edited By ,Updated: 20 May, 2015 04:44 PM

article

महज 12 साल की उम्र में ही अपने दोनों हाथ गंवा चुके बजवाड़ा गांव के रहने वाले 69 वर्षीय पूर्ण चंद परदेसी अपनी इस कमजोरी से जीवन की संघर्ष भरी राह में कभी घुटने नहीं टेके।

होशियारपुर (अमरेंद्र): महज 12 साल की उम्र में ही अपने दोनों हाथ गंवा चुके बजवाड़ा गांव के रहने वाले 69 वर्षीय पूर्ण चंद परदेसी अपनी इस कमजोरी से जीवन की संघर्ष भरी राह में कभी घुटने नहीं टेके। लोगों के लाख समझाने के बावजूद परदेसी ने आर्टीफिशियल हाथ नहीं लगाए। परदेसी बताते हैं कि किसी पर बोझ नहीं बनूं यह सोचकर शादी नहीं की लेकिन बजवाड़ा गांव में भाई-भतीजों से जिस तरह प्यार मिल रहा है तो उन्हें किस बात का रंज? जिंदगी ने जीवन में बहुत कुछ दिया है तो फिर किस्मत से भला क्यों गिला करूं?
 
रेल हादसे ने छीन लिए दोनों ही हाथ: हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना के गगरेट-दौलतपुर रोड पर स्थित गांव दियोली के मूल निवासी पूर्ण चंद परदेसी के पिता रामरक्खा दिल्ली के शकूर बस्ती रेलवे स्टेशन पर गनमैन के पद पर कार्यरत थे। 1959 में परदेसी जब चौथी कक्षा में पढ़ रहे थे तो एक दिन स्कूल जाने के दौरान रेलगाड़ी से उतरते समय रेल के पहिए की चपेट में आकर अपने दोनों ही हाथ गंवा बैठे। 
 
उन्होंने इसे जिंदगी का सबक मान इसी एक टुकड़े में चमड़े की छोटी सी बैल्ट के बीच कलम फंसाकर लिखना शुरू कर दिया। 1970 में द्वितीय श्रेणी में मैट्रिक करने के बाद बड़े भाई के साथ होशियारपुर लौट आए। पूर्ण चंद की सुंदर लिखावट बताती है कि उन्होंने जीवन को कभी बोझ नहीं बनने दिया। साल 1976 में देश के तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के हाथों नैशनल अवार्ड से सम्मानित परदेसी अब तक 1 लाख से भी अधिक पुस्तकों व मैगजीनों की प्रूफ-रीडिंग कर चुके हैं। 
 
होशियारपुर के साधु आश्रम में बतौर प्रूफ रीडर से करियर की शुरूआत करने वाले परदेसी हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी व पंजाबी में अब तक लाखों पुस्तकों की प्रूफ रीडिंग का काम सफलतापूर्वक निभा रहे हैं।
 
रिटायरमैंट के बाद भी ईमानदारी व जज्बा बेमिसाल पूर्ण चंद परदेसी की ईमानदारी और जीने का जज्बा ही है कि साल 2005 में रिटायरमैंट के बाद भी संस्थान को उनकी जरूरत महसूस हुई। पिछले 10 सालों से कांट्रैक्ट बेस पर काम करने के दौरान प्रूफ रीडिंग का काम करते हुए इन पुस्तकों से सबक लेना कभी नहीं भूले।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!