Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 04 Mar, 2025 04:36 PM

अमेरिकी मीडिया नेटवर्क CBS द्वारा किए गए हालिया सर्वे में चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। इस सर्वे में अमेरिकी नागरिकों ने खुलकर अपने विचार रखे और बताया कि डोनाल्ड ट्रंप ने जिन वादों के साथ राष्ट्रपति पद हासिल किया था, अब वे उन सभी मुद्दों को...
इंटरनेशनल डेस्क: अमेरिकी मीडिया नेटवर्क CBS द्वारा किए गए हालिया सर्वे में चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। इस सर्वे में अमेरिकी नागरिकों ने खुलकर अपने विचार रखे और बताया कि डोनाल्ड ट्रंप ने जिन वादों के साथ राष्ट्रपति पद हासिल किया था, अब वे उन सभी मुद्दों को नजरअंदाज कर रहे हैं। महंगाई, बेरोजगारी, टैक्स राहत, और विदेश नीति जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ट्रंप सरकार के कदमों से लोग संतुष्ट नहीं हैं।
अमेरिका की जनता आर्थिक सुधार चाहती है
सर्वे में हिस्सा लेने वाले 82 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे चाहते हैं कि सरकार अर्थव्यवस्था में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित करे। 80 प्रतिशत लोगों ने बढ़ती महंगाई से राहत दिलाने की मांग की, जबकि 59 प्रतिशत लोग टैक्स में छूट चाहते हैं। मैक्सिको बॉर्डर को लेकर ट्रंप सरकार ने जो सख्त रुख अपनाया है, वह जनता को उतना जरूरी नहीं लग रहा। सिर्फ 51 प्रतिशत लोगों ने ही इसे महत्वपूर्ण मुद्दा बताया, जबकि 73 प्रतिशत लोगों ने कहा कि सरकार इसे जरूरत से ज्यादा तूल दे रही है।
बेरोजगारी बढ़ाने पर लगी ट्रंप सरकार!
69 प्रतिशत अमेरिकी नागरिकों का मानना है कि ट्रंप प्रशासन नई नौकरियों के अवसर पैदा करने के बजाय नौकरियां खत्म करने पर ज्यादा ध्यान दे रहा है। वहीं, केवल 29 प्रतिशत लोग ही मानते हैं कि ट्रंप सरकार महंगाई को लेकर गंभीर है।
विदेश नीति पर भी जनता असंतुष्ट
सर्वे के नतीजे बताते हैं कि ट्रंप सरकार की विदेश नीति को लेकर भी जनता संतुष्ट नहीं है। 42 प्रतिशत लोगों का मानना है कि विदेश नीति में हुए बदलावों से अमेरिका की स्थिति खराब हो सकती है। वहीं, केवल 31 प्रतिशत लोग इसे सही मानते हैं।
यूक्रेन विवाद पर ट्रंप सरकार पर उठे सवाल
यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध को लेकर भी अमेरिकी जनता ने अपनी राय दी। 52 प्रतिशत लोगों ने यूक्रेन का समर्थन किया, जबकि केवल 4 प्रतिशत लोग रूस के पक्ष में दिखे। ट्रंप सरकार ने यूक्रेन को हथियार सप्लाई करने पर रोक लगा दी थी, जिसे 51 प्रतिशत लोगों ने गलत बताया। उनका मानना है कि ट्रंप रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का ज्यादा समर्थन कर रहे हैं, जबकि उन्हें यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की का साथ देना चाहिए था।