‘विदेशों में भारत की’‘बदनामी का कारण बन रहे चंद भारतीय’

Edited By ,Updated: 30 Jul, 2024 04:40 AM

a few indians are causing india s bad reputation abroad

एक ओर भारतीय मूल के लोग विश्व के कई देशों में उच्च पदों पर आसीन हैं तथा राजनीतिक व सामाजिक जीवन में छाए हुए हैं तो दूसरी ओर नशीले पदार्थों की तस्करी, हत्या, छेड़छाड़, बंधुआ मजदूरी करवाने, ठगी मारने आदि अपराधों के सिलसिले में पकड़े जाकर देश की बदनामी...

एक ओर भारतीय मूल के लोग विश्व के कई देशों में उच्च पदों पर आसीन हैं तथा राजनीतिक व सामाजिक जीवन में छाए हुए हैं तो दूसरी ओर नशीले पदार्थों की तस्करी, हत्या, छेड़छाड़, बंधुआ मजदूरी करवाने, ठगी मारने आदि अपराधों के सिलसिले में पकड़े जाकर देश की बदनामी करवा रहे हैं। ऐसे मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है जिसके इसी वर्ष के उदाहरण निम्न में दर्ज हैं : 

* 2 जनवरी, 2024 को कनाडा पुलिस तथा अमरीकी जांच एजैंसी एफ.बी.आई. ने संयुक्त अभियान के अंतर्गत कनाडा में भारतीय मूल के 3 लोगों आयुश शर्मा, गुरअमृत सिद्धू तथा शुभम कुमार को 133 करोड़ रुपए के नशीले पदार्थों की तस्करी के आरोप में 7 अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया जो मैक्सिको से नशीले पदार्थ खरीद कर कनाडा और अमरीका पहुंचाते थे।  

* 19 मार्च को दक्षिणी नेपाल के ‘सरलाही’ जिले में डकैती करने के आरोप में अधिकारियों ने ‘जितेंद्र राऊत’ (मोतीहारी) तथा उसके साथी ‘शनि सिंह’ को गिरफ्तार करके उनके कब्जे से हथियार बरामद किए। 
* 26 अप्रैल को अमरीका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी की भारतीय छात्रा ‘अचित्य शिवलिंगन’ को कालेज परिसर में अमरीका के मित्र देश इसराईल के विरुद्ध तथा फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और उसके यूनिवर्सिटी कैम्पस में प्रवेश पर रोक लगा दी गई। 

* 9 मई को आस्ट्रेलिया के मेलबोर्न में एक भारतीय छात्र की चाकुओं से गोद कर हत्या करने के आरोप में भारतीय मूल के 2 भाइयों अभिजीत तथा रॉबिन को न्यू साऊथ वेल्स के ‘गालबर्न’ शहर से गिरफ्तार किया गया। 
* 19 जून को सिंगापुर की एक अदालत ने भारतीय मूल के ‘देवेश राजशेखरन’ नामक एक व्यक्ति को शराब के नशे में सिंगापुर पुलिस के एक सदस्य को मुक्का मारने के आरोप में 5 सप्ताह कैद की सजा सुनाई।
* 3 जुलाई को सिंगापुर की एक अदालत ने भारतीय मूल की एक महिला को विभिन्न घोटालों में 12 व्यक्तियों से कुल 106,000 सिंगापुरी डालर (लगभग 66 लाख रुपए) की ठगी करने के आरोप में 3 वर्ष कैद की सजा सुनाई।
* 9 जुलाई को अमरीका के पिं्रस्टन में मानव तस्करी तथा जबरन श्रम योजना चलाने के आरोप में भारतीय मूल के 4 आरोपियों-चंदन दसिरैड्डी, संतोष कटकूरी, द्वारका तथा अनिल माले को गिरफ्तार किया गया।
* 12 जुलाई को कनाडा की पुलिस ने न्यू ब्रंसविक प्रांत के ‘मान्कटन’ स्थित पब्लिक पार्क में टहल रही लगभग एक दर्जन महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में एक भारतीय को गिरफ्तार किया। 

* 14 जुलाई को इटली के वेरोना प्रांत में 2 भारतीयों को अपने खेतों में काम करने वाले 33 मजदूरों को बंधक बनाकर रखने के आरोप में गिरफ्तार करके उनकी 43 लाख रुपए से अधिक की सम्पत्ति जब्त कर ली गई। 
* 22 जुलाई को अमरीका में पुलिस ने टैनेसी स्थित एक पैट्रोल पंप पर काम करने वाले भारतीय ‘मीर पटेल’ को किसी अन्य व्यक्ति का 10 लाख डालर का ईनामी लाटरी टिकट चुराने के आरोप में गिरफ्तार किया। 
* 25 जुलाई को कनाडा पुलिस ने ‘एडमांटन’ में 6 जगह पर छापेमारी करके एक वसूली रैकेट चलाने के आरोप में एक महिला जशनदीप कौर, गुरचरण सिंह, मानव धीर, परमिंद्र सिंह, दिवनूर अष्ट तथा एक नाबालिग सहित 6 लोगों को गिरफ्तार किया जबकि गिरोह का सरगना मङ्क्षनदर सिंह धालीवाल फरार है। ये लोग एशियाई व्यवसायियों को निशाना बनाकर उनसे अवैध वसूली करते थे। हाल ही में इस गिरोह के सदस्यों ने वसूली के दौरान एक अपार्टमैंट में आग लगा दी थी और इससे पहले भी ये लोग वसूली के दौरान अनेक मकानों में आग लगा चुके हैं। इन लोगों के विरुद्ध 54 मामले दर्ज हैं। इसे विडम्बना ही कहा जाएगा कि एक ओर जहां विदेशों में रह रहे भारतीय मूल के लोगों ने वहां जीवन के सभी क्षेत्रों राजनीति, शिक्षा, विज्ञान, अंतरिक्ष अनुसंधान आदि में अपनी विशेष पहचान बनाई है, वहीं चंद भारतीय वहां समाज विरोधी आपराधिक घटनाओं में शामिल हो कर भारत की बदनामी का कारण बन रहे हैं।—विजय कुमार 

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