आम लोगों की मुश्किलें दूर करने की बजाय गुंडागर्दी कर रहे चंद नेता और उनके परिजन

Edited By ,Updated: 25 Sep, 2024 05:06 AM

a few politicians and their family members are indulging in hooliganism

सत्ता प्रतिष्ठान से जुड़े लोगों, राजनीतिज्ञों और उनके परिजनों से आशा की जाती है कि वे कोई भी कानून विरोधी कार्य नहीं करेंगे और आम लोगों की मुश्किलें सुलझाने में मदद करेंगे। परंतु आज यही लोग बड़े पैमाने पर गुंडागर्दी तथा गलत कामों में शामिल पाए जा...

सत्ता प्रतिष्ठान से जुड़े लोगों, राजनीतिज्ञों और उनके परिजनों से आशा की जाती है कि वे कोई भी कानून विरोधी कार्य नहीं करेंगे और आम लोगों की मुश्किलें सुलझाने में मदद करेंगे। परंतु आज यही लोग बड़े पैमाने पर गुंडागर्दी तथा गलत कामों में शामिल पाए जा रहे हैं, जिसके हाल ही के चंद उदाहरण निम्न में दर्ज हैं : 

* 4 अगस्त को खरगौन (मध्य प्रदेश) के ‘मुख्तयारा’ गांव में ‘बड़वाह’ पंचायत उपाध्यक्ष और भाजपा नेता ‘वीरेंद्र माले’ ने भूमि विवाद के चलते तहसीलदार और पुलिस की मौजूदगी में अपनी ही 80 वर्षीय बुजुर्ग दादी प्रेम बाई को पीट-पीट कर घायल कर दिया। 
* 31 अगस्त को गोपालगंज (बिहार) में राजद नेता रंजीत यादव और उसके गुर्गों ने बिना टोल दिए गुजरने को लेकर हुए विवाद में टोल प्लाजा के कर्मचारी को पीट डाला। राजद नेता पर दबंगई करते हुए लगातार बिना टोल दिए गुजरने का आरोप है। 

* 6 सितम्बर को नर्मदा जिले (गुजरात) में एक रेस्तरां में खाने के बिल की अदायगी को लेकर हुए विवाद में ‘आम आदमी पार्टी’ के विधायक ‘चैतार वसावा’ तथा उसके साथियों के विरुद्ध रेस्तरां मालिक ‘शांति लाल’ से गाली-गलौच और मारपीट करने के आरोप में केस दर्ज किया गया। 
* 8 सितम्बर को मऊ (उत्तर प्रदेश) में समाजवादी पार्टी के एक नेता वीरेंद्र पाल के विरुद्ध एक महिला ने होटल में ले जाकर उससे बलात्कार करने के आरोप में पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। 
* 12 सितम्बर को टैरर फंडिग, नकली नोटों और नशीले पदार्थों के धंधे, दंगा, हत्या, जबरन वसूली, किडनैपिंग आदि 50 से अधिक मामलों में वांछित तृणमूल कांग्रेस की पंचायत समिति के नेता असदुल्ला बिस्वास को पश्चिम बंगाल के ‘मालदा’ में गिरफ्तार किया गया।
* 20 सितम्बर को कर्नाटक के रामनगरम में भाजपा विधायक मुनिरत्ना और 6 अन्य व्यक्तियों को एक महिला की ताक-झांक, यौन उत्पीडऩ, बलात्कार  और धमकियां देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। 

* 20 सितम्बर को ही पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में 2.25 करोड़ रुपए की फिरौती के लिए एक व्यापारी का अपहरण करने के आरोप में तृणमूल कांग्रेस के पार्षद ‘मिलन सरदार’ को गिरफ्तार किया गया। 
* 20 सितम्बर को ही भदोही (उत्तर प्रदेश) जिला अदालत में एक मुकद्दमे की सुनवाई के सिलसिले में अपने 40-50 समर्थकों के साथ पहुंचे सपा विधायक जाहिद बेग ने सब-इंस्पैक्टर अवधेश सिंह को बुरी तरह से पीटा और उनकी वर्दी फाड़ डाली।
* 22 सितम्बर को अयोध्या (उत्तर प्रदेश) से सपा सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद के विरुद्ध अपहरण, धमकी देने और मारपीट करने के आरोप में एफ.आई.आर. दर्ज की गई। 
* 22 सितम्बर को ही पटना (बिहार) में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष शशि रंजन द्वारा एक लड़के की पिटाई से नाराज लोगों ने उसके घर पर हमला करके कई गाडिय़ों के शीशे तोड़ दिए। 
* 23 सितम्बर को कुशी नगर (उत्तर प्रदेश) में पुलिस ने नकली नोटों का कारोबार करने वाले एक अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश करके इसके सरगना मो. रफी अहमद (सपा नेता) सहित 10 लोगों को गिरफ्तार करके इनके कब्जे से 5.62 लाख रुपए की जाली करंसी के अलावा 10 तमंचे और 4 सुतली बम, 2 लग्जरी गाडिय़ां और अन्य सामान बरामद किया। मो. रफी अहमद ‘समाजवादी लोहियावाहिनी’ का राष्ट्रीय सचिव है। 

उक्त घटनाओं से स्पष्ट है कि लगभग सभी दलों में ऐसे तत्व मौजूद हैं जो अपनी पोजीशन का अनुचित लाभ उठा रहे हैं और अपनी पार्टी के लिए परेशानी का कारण बन रहे हैं। निश्चय ही एक बहुत गलत परम्परा को जन्म देने वाला यह एक खतरनाक रुझान है। यदि इसे नहीं रोका गया तो आम लोग भी प्रतिक्रिया स्वरूप इनकी ही तरह कानून अपने हाथ में लेने को विवश होंगे और इसका नतीजा सभी पक्षों के लिए दुखद ही होगा।—विजय कुमार  

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