पाकिस्तान में हिन्दुओं व अल्पसंख्यकों पर अत्याचार जारी

Edited By Pardeep,Updated: 27 May, 2018 02:44 AM

atrocities against hindus and minorities in pakistan

जहां पाकिस्तान सरकार और उसकी सेना भारत में अपने पाले हुए आतंकवादियों द्वारा लगातार हिंसा करवा रही है वहीं दूसरी ओर विभाजन के बाद पाकिस्तान में रह गए हिंदू, सिख, ईसाई, हाजरा व अहमदिया अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हिंसा, धर्मांतरण, नाबालिग अल्पसंख्यक...

जहां पाकिस्तान सरकार और उसकी सेना भारत में अपने पाले हुए आतंकवादियों द्वारा लगातार हिंसा करवा रही है वहीं दूसरी ओर विभाजन के बाद पाकिस्तान में रह गए हिंदू, सिख, ईसाई, हाजरा व अहमदिया अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हिंसा, धर्मांतरण, नाबालिग अल्पसंख्यक कन्याओं के अपहरण, बलात्कार व जबरन विवाह का सिलसिला जारी है। 

पाकिस्तान में अहमदियों की धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगी हुई है। अल्पसंख्यकों से बेगार करवाई जाती है और उन्हें टार्चर किया जाता है जिससे उनकी मौत तक हो जाती है। उन्हें न आसानी से रोजगार मिलता है और न अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए ऋण। यही नहीं स्कूलों में अल्पसंख्यकों के विरुद्ध नफरत का पाठ पढ़ाया जाता है। मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट ‘स्टेट आफ ह्यूमन राइट्स इन 2017’ के अनुसार, ‘‘देश की सेना की आलोचना या भारत से अच्छे संबंधों की वकालत करने के कारण पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का गायब होना जारी है। ईश निंदा के झूठे आरोपों ने उन्हें चुप रहने पर मजबूर कर दिया है।’’ 

‘‘सरकार के अल्पसंख्यकों पर अत्याचार व हिंसा रोकने में असफल रहने के कारण वहां इनकी संख्या घट रही है। चरमपंथी पाकिस्तान की विशेष इस्लामिक पहचान बनाने पर आमादा हैं व सरकार ने उन्हें पूरी छूट दे रखी है।’’ अकेले सिंध प्रांत में ही 2010 से अब तक 1200 से अधिक लोगों का अपहरण किया जा चुका है और हालत यह है कि 5 हिंदुओं सहित अकेले मई, 2018 में ही अल्पसंख्यक समुदाय के 13 लोगों की हत्या की गई। इसी वर्ष 25 मार्च को सिंध के मातली जिले में 500 हिन्दुओं को इस्लाम कबूल करवाया गया। इनमें अधिकांश वे लोग थे जो भारत में शरण लेने आए थे परंतु दीर्घावधि वीजा न मिलने के कारण उन्हें पाकिस्तान लौटना पड़ा। 

पाक में अल्पसंख्यकों पर अत्याचारों के ताजा उदाहरण निम्र में दर्ज हैं: 17 दिसम्बर, 2017 को पाकिस्तान के हांगू जिले में रहने वाले सिखों ने आरोप लगाया कि स्थानीय अधिकारियों द्वारा उन्हें धर्म परिवर्तन करने के लिए विवश किया जा रहा है व उन पर लगातार अत्याचार किए जा रहे हैं। 22 दिसम्बर को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक हिन्दू किशोरी के अपहरण के बाद उसका जबरन धर्म परिवर्तन करवाया गया। 10 मार्च, 2018 को बलूचिस्तान के नासिराबाद में अज्ञात हमलावरों ने जानिया कुमारी नामक हिन्दू महिला को कुल्हाड़ी से काट डाला। 05 ïïअप्रैल को सिंध के डारो कस्बे में बंदूक की नोक पर एक हिन्दू बालक के अपहरण के बाद उसके साथ सामूहिक कुकर्म किया गया। 

09 मई को शिकारपुर पुलिस ने एक हिन्दू व्यापारी चुन्नी लाल का सिर मुंडवा दिया। उसकी मूंछें और भौंहें भी काट दी गईं। उस पर यह आरोप लगाया गया कि वह ब्याज पर पैसे उधार देता है। 13 मई को बलूचिस्तान प्रांत में एक हिन्दू व्यापारी जयपाल दास और उसके बेटे गिरीश नाथ की हत्या कर दी गई। 19 मई को कराची में ईसाई समुदाय के नेताओं ने आरोप लगाया कि 30 मार्च से अब तक नकाबपोश सुरक्षा अधिकारी उनके समुदाय के 24 युवकों को कराची के निकट से उठा कर ले गए। 

24 मई को स्यालकोट में 600 उपद्रवियों की भीड़ ने रात 11 बजे अहमदिया समुदाय की एक बंद पड़ी मस्जिद पर हमला करके इसे ढहा दिया। 25 मई को पाकिस्तान के सिंध प्रांत के मीरपुर खास शहर के वकील हीरा लाल का अपहरण करके अज्ञात हमलावर किसी गुप्त स्थान पर ले गए। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय पर वहां की सरकार और सेना की शह पर किए जाने वाले अत्याचारों के ये तो चंद नमूने मात्र हैं। इनके अलावा भी न जाने कितनी घटनाएं हुई होंगी जो प्रकाश में नहीं आ पाईं। इस बीच पाकिस्तान में  मानवाधिकार उल्लंघनों के विरुद्ध वहां के अल्पसंख्यकों ने ‘साऊथ एशिया मायनारिटीज अलायंस फाऊंडेशन’ नामक एक संगठन बनाया है जिसे अमरीका की रिपब्लिकन पार्टी के कुछ सांसदों का समर्थन भी प्राप्त है। 

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद तथा अमरीकन सैंटर फार लॉ एंड जस्टिस ने कहा है कि ‘‘ईसाइयों को उनकी आस्था की खातिर पाकिस्तान में मारा-पीटा जा रहा है, टार्चर किया जा रहा है और उनकी हत्या की जा रही है अत: दुनिया के नेताओं को पाक के विरुद्ध तुरंत एक्शन लेना चाहिए।’’ अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचारों के विरुद्ध उठने वाली आवाजों के बावजूद वहां इस दुष्चक्र का जारी रहना इस तथ्य का मुंह बोलता प्रमाण है कि पाकिस्तान सरकार ने अपने देश के अल्पसंख्यकों के प्रति किस कदर उदासीनतापूर्ण रवैया अपना रखा है।—विजय कुमार  

Related Story

    Trending Topics

    Afghanistan

    134/10

    20.0

    India

    181/8

    20.0

    India win by 47 runs

    RR 6.70
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!