Edited By ,Updated: 31 Dec, 2024 05:48 AM
3 मई, 2023 के एक फैसले में मैतेई समुदाय को अनुसूचित जाति का दर्जा देने की मणिपुर हाईकोर्ट की सिफारिश के विरुद्ध छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद ‘मैतेई’ और ‘कुकी-जो’ समुदायों में शुरू हुई जातीय ङ्क्षहसा 607 से अधिक दिनों के बाद भी जारी है। इस दौरान...
3 मई, 2023 के एक फैसले में मैतेई समुदाय को अनुसूचित जाति का दर्जा देने की मणिपुर हाईकोर्ट की सिफारिश के विरुद्ध छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद ‘मैतेई’ और ‘कुकी-जो’ समुदायों में शुरू हुई जातीय ङ्क्षहसा 607 से अधिक दिनों के बाद भी जारी है। इस दौरान कम से कम 260 लोगों की मौत के अलावा 2000 लोग घायल हो चुके हैं। गत 1 अगस्त, 2024 को ‘कुकी’ और ‘मैतेई’ गुटों में शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के अगले ही दिन यह समझौता टूट गया। फिर 15 अक्तूबर, 2024 को दिल्ली में मैतेई और कुकी विधायकों की बैठक में भविष्य में ङ्क्षहसक घटनाएं नहीं होने का आश्वासन दिया गया, परंतु ऐसा हुआ नहीं। इस बीच 17 अक्तूबर, 2024 को मणिपुर में भाजपा के 19 विधायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर मुख्यमंत्री ‘एन. बीरेन सिंह’ को हटाने की मांग भी कर चुके हैं। इस तरह के हालात के बीच मणिपुर में ङ्क्षहसा लगातार जारी है तथा हाल ही में सामने आई चंद घटनाएं निम्न में दर्ज हैं :
* 15 सितम्बर को ‘उखरुल’ शहर में रात को परिवहन मंत्री ‘खशिम वशुम’ के घर में बम विस्फोट से भारी क्षति पहुंची।
* 30 अक्तूबर को ‘इम्फाल पश्चिम’ के गांव में धमाके से सारा गांव दहल गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह विस्फोट ड्रोन से किया गया।
* 16 नवम्बर को जद (यू) के विधायक ‘के. जॉयकिशन सिंह’ के आवास पर तोड़-फोड़ करने वाली भीड़ न 18 लाख रुपए नकद और 1.5 करोड़ रुपए के आभूषण लूट लिए।
* 24 दिसम्बर को सुरक्षा बलों ने ‘चुराचांदपुर’ जिले के ‘तेईजांगपुर’ गांव में 3 देसी राकेट, एक राइफल और मैगजीन, 4 पिस्तौल और मैगजीन, 6 देसी बम, कम तीव्रता वाले 45 विस्फोटक व अन्य कारतूस बरामद किए।
* 25 दिसम्बर को क्रिसमस के दिन उग्रवादियों ने राजधानी ‘इम्फाल’ से सटे पहाड़ी जिलों के कई गांवों में भारी गोलीबारी की।
* 25 दिसम्बर को ही मणिपुर पुलिस व असम राइफल्स के जवानों ने ‘चुराचांदपुर’ जिले में एक पुल के नीचे 3.6 किलो विस्फोटक, इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आई.ई.डी.), डैटोनेटर व अन्य सामान बरामद किया।
* 27 दिसम्बर को ‘पूर्वी इम्फाल’ जिले के 2 गांवों में आधुनिक हथियारों और बमों से लैस पहाड़ी क्षेत्र के सशस्त्र लोगों द्वारा गोलीबारी और बमों से हमले के परिणामस्वरूप एक पुलिस कर्मी सहित 2 लोग घायल हो गए।
* 27 दिसम्बर को ही ‘इम्फाल पश्चिम’ के ‘चिंगमेइरोंग’ इलाके में एक डाक्टर के घर पर हथगोला फैंका गया।
* 28 दिसम्बर को इम्फाल पूर्व में ही ‘कुकी’ उग्रवादियों द्वारा ‘थम्नापोकपी’, ‘शांतिखोंगबल’, ‘सनासाबी’ और ‘सबुंगखोक’ इलाकों में गोलीबारी के परिणामस्वरूप एक पत्रकार सहित 4 लोग घायल हो गए।
ऐसी घटनाओं के बीच मणिपुर में पड़ोसी म्यांमार से तस्करी द्वारा लाए गए अत्याधुनिक हथियार भी बरामद हो रहे हैं। सुरक्षा बलों ने 13 दिसम्बर को 7 पिस्तौलें बरामद कीं जिन पर ‘मेड इन बर्मा’ लिखा हुआ था। इनमें 5 म्यांमार सेना की एम.ए. 4 राइफलें तथा एक ए.के. 47 शामिल थीं। इसी दिन उग्रवादियों के एक ठिकाने से असम राइफल्स ने विदेशी ‘स्टारलिंक एंटीना’ तथा ‘राऊटर’ (सिग्नल प्राप्त करने वाला उपकरण) बरामद किए।
‘केंद्रीय सुरक्षा बल’ के एक अधिकारी का कहना है कि यहां सुरक्षा बलों द्वारा बरामद देसी पिस्तौलें भारत में निर्मित नहीं हैं। अभी पिछले ही दिनों सुरक्षा बलों ने म्यांमार में बनी बुलेटप्रूफ जैकेट और फौजी वर्दी भी बरामद की थी।
एक अन्य समाचार के अनुसार पाकिस्तान की गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई. ने देश में अशांति फैलाने के लिए अब उत्तर-पूर्वी राज्यों में साम्प्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश शुरू कर दी है। इसके लिए पाकिस्तान से तस्करों के जरिए अत्याधुनिक हथियार जम्मू-कश्मीर और पंजाब के रास्ते उत्तर-पूर्व के राज्यों में पहुंचाए जा रहे हैं। चीन और म्यांमार की सीमा पर स्थित होने के कारण रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मणिपुर जैसे राज्य में इतने लम्बे समय से जारी हिंसा देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। हालांकि सुरक्षा बलों द्वारा राज्य में सक्रिय तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई जारी है परंतु इसमें तेजी लाने की जरूरत है क्योंकि जितनी जल्दी हो सके इसका समाधान होना ही देश और इस अशांत राज्य के हित में है। —विजय कुमार