‘रोजाना सामने आ रहे भ्रष्टाचार के मामले’‘भ्रष्ट अफसरों पर लगाम के लिए सख्ती की जरूरत’

Edited By ,Updated: 01 Mar, 2025 05:23 AM

cases of corruption are coming to light every day

केन्द्र तथा राज्य सरकारें भ्रष्टाचार को रोकने के कितने ही दावे क्यों न करें, भ्रष्टाचार पर नकेल कसना कठिन प्रतीत होता है। यह बुराई इस कदर बढ़ चुकी है कि इसमें निचले स्तर के कर्मचारी से लेकर उच्च पदों पर बैठे अधिकारी तक शामिल पाए जा रहे हैं जिसके...

केन्द्र तथा राज्य सरकारें भ्रष्टाचार को रोकने के कितने ही दावे क्यों न करें, भ्रष्टाचार पर नकेल कसना कठिन प्रतीत होता है। यह बुराई इस कदर बढ़ चुकी है कि इसमें निचले स्तर के कर्मचारी से लेकर उच्च पदों पर बैठे अधिकारी तक शामिल पाए जा रहे हैं जिसके मात्र इसी माह के 20 दिनों के उदाहरण निम्न में दर्ज हैं :

* 8 फरवरी को भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के अधिकारियों ने वारंगल (तेलंगाना) जिले के ‘उप परिवहन आयुक्त’ पी. श्रीनिवास के विरुद्ध आय के ज्ञात स्रोत से अधिक सम्पत्ति जमा करने के आरोप में मुकद्दमा दर्ज करके 4.47 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की सम्पत्ति बरामद की। 
* 10 फरवरी को भोपाल (मध्य प्रदेश) में प्रवर्तन निदेशालय ने कांस्टेबल ‘सौरभ शर्मा’ और उसके साथी ‘चेतन सिंह गौड़’ को आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक सम्पत्ति बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया। 
‘चेतन’ की कार से 52 किलो सोने की छड़ें और 11 करोड़ रुपए नकद बरामद हुए थे जबकि ‘सौरभ शर्मा’ द्वारा अपने परिवार, मित्रों व कम्पनियों के नाम पर 25 करोड़ रुपए की अचल सम्पत्ति खरीदने का भी पता चला। 
* 12 फरवरी को विजीलैंस विभाग ने मेरठ में उत्तर प्रदेश पुलिस के रिटायर्ड दारोगा ‘महिंद्र सिंह सैनी’ के 2 मकानों और एक स्कूल पर छापा मारकर 16 करोड़ रुपए से अधिक सम्पत्ति का पता लगाया।
* 23 फरवरी को पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने नगर परिषद मलोट के जूनियर क्लर्क को एक विधवा से 20,000 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। 

* 25 फरवरी को नगर निगम बठिंडा के सिविल ब्रांच के विवादास्पद एक्सियन पर विजीलैंस विभाग ने शिकंजा कसते हुए आय के ज्ञात स्रोत से 1.83 करोड़ रुपए की अधिक सम्पत्ति के मामले में केस दर्ज किया।
* 25 फरवरी को ही पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने सिविल सर्जन कार्यालय गुरदासपुर में वार्ड अटैंडैंट ‘रविंद्र पाल सिंह’ को शिकायतकत्र्ता को मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के बदले 30,000 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। 
* 25 फरवरी को ही ‘बदायूं’ (उत्तर प्रदेश) जिले में भ्रष्टïाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने 2 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए सी.ओ. चकबंदी ‘प्रमोद कुमार’ के सहायकको रंगे हाथों गिरफ्तार किया। 
* 26 फरवरी को ‘गांधीनगर’ (गुजरात) में भ्रष्टïाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने ए.एस.आई. ‘अशोक चौधरी’ को शिकायतकत्र्ता से 2 लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया। 
* 27 फरवरी को बाराबंकी (उत्तर प्रदेश) में सी.ओ. हैदरगढ़ के कार्यालय में दारोगा अशोक पांडे तथा ग्राम चौकीदार राम कुमार को भ्रष्टïाचार निरोधक टीम ने 30,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। 

* 27 फरवरी को ही मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) की भ्रष्टïाचार निरोधक टीम ने अफजलगढ़ सिंचाई खंड के अकाऊंटैंट ‘उज्ज्वल कुमार’ को एक ठेकेदार के बिल पास करने के बदले में 20,000 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
* 27 फरवरी को ही होशियारपुर (पंजाब) में विजीलैंस ब्यूरो ने राजस्व विभाग के कर्मचारी ‘आलोक’ को 8,000 रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा। 
* 27 फरवरी को ही अनाज मंडी पुलिस स्टेशन पटियाला में तैनात ए.एस.आई. ‘रंजीत सिंह’ को 15,000 रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। 
* और अब 28 फरवरी को इंदौर में आर्थिक अपराध विभाग की टीम ने नगर निगम से निलंबित चल रहे सहायक राजस्व अधिकारी ‘राजेश परमार’ के घर और विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की जिसकी प्रारंभिक जांच के दौरान करोड़ों रुपए की सम्पत्ति का खुलासा हुआ जबकि यह लेख लिखे जाने तक छापे की कार्रवाई जारी थी। 

* 28 फरवरी को ही फतेहगढ़ चूडिय़ां पुलिस स्टेशन में तैनात एक सब इंस्पैक्टर को कोई केस सैटल करने के एवज में दोषियों से फोन पर रिश्वत मांगने का आडियो वायरल होने पर मुअत्तिल कर दिया गया।
उपरोक्त चंद उदाहरणों से स्पष्टï है कि सभी स्तरों पर नौकरशाही कितनी अधिक भ्रष्ट हो चुकी है। लिहाजा देश में सभी स्तरों पर भ्रष्टïाचार के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि देश को घुन की तरह खा रही इस बीमारी पर रोक लग सके।—विजय कुमार

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