Edited By ,Updated: 05 Mar, 2025 05:49 AM

इस समय भारत समेत विश्व के अधिकांश देश जनसंख्या विस्फोट का सामना कर रहे हैं, इसीलिए हमारी केंद्र व राज्य सरकारें जनसंख्या नियंत्रण के कार्यक्रम चला रही हैं। दूसरी ओर चंद नेताओं द्वारा देश की जनसंख्या में वृद्धि की बात कहने से अनावश्यक विवाद उत्पन्न...
इस समय भारत समेत विश्व के अधिकांश देश जनसंख्या विस्फोट का सामना कर रहे हैं, इसीलिए हमारी केंद्र व राज्य सरकारें जनसंख्या नियंत्रण के कार्यक्रम चला रही हैं। दूसरी ओर चंद नेताओं द्वारा देश की जनसंख्या में वृद्धि की बात कहने से अनावश्यक विवाद उत्पन्न हो रहे हैं।
* 14 जनवरी, 2025 को मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त तथा ‘परशुराम कल्याण बोर्ड’ के अध्यक्ष ‘विष्णु राजौरिया’ ने 4 बच्चे पैदा करने वाले ब्राह्मïण जोड़े को एक लाख रुपए पुरस्कार देने की घोषणा की। और अब 3 मार्च को ‘तमिलनाडु’ के मुख्यमंत्री ‘एम.के. स्टालिन’ ने राज्य के नव-विवाहित जोड़ों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द बच्चे पैदा करें। द्रमुक के एक कार्यकत्र्ता के विवाह समारोह में भाग लेने गए स्टालिन ने कहा, ‘‘पहले हम कहते थे कि आप आराम से बच्चे पैदा करें परन्तु अब हालात बदल गए हैं और अब हमें कहना चाहिए कि तुरन्त बच्चे पैदा करें।’’
‘‘हमने परिवार नियोजन सफलतापूर्वक लागू किया जिस कारण अब हमें इस स्थिति का सामना करना पड़ रहा है तथा राज्य को जनसंख्या नियंत्रण करने का खमियाजा भुगतना पड़ सकता है।’’
‘‘किसी भी राज्य की जनसंख्या के आधार पर उसकी लोकसभा सीटों का परिसीमन होता है तथा हमारी जनसंख्या कम होगी तो लोकसभा सीटों की संख्या कम होने से संसद में हमारा प्रतिनिधित्व घट सकता है।’’
‘एम.के. स्टालिन’ ने परिसीमन के मुद्दे पर सभी पाॢटयों की बैठक भी बुलाई है तथा सभी राजनीतिक दलों से आपसी मतभेद भुलाकर इस बैठक में शामिल होने की अपील करते हुए कहा कि :
‘‘2026 में होने वाले परिसीमन का मुद्दा राज्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह तमिलनाडु के अधिकारों और उसके हितों की रक्षा से जुड़ा है, इसलिए इस मामले का राजनीतिक मूल्यांकन नहीं करना चाहिए। जनसंख्या अधिक होने पर ही लोकसभा में हमारे अधिक सांसद जा सकते हैं। केंद्र सरकार परिसीमन द्वारा तमिलनाडु की सीटों की संख्या कम करने की कोशिश कर रही है जो राज्य के हितों के विरुद्ध है।’’
उल्लेखनीय है कि ‘बिहार’ और ‘उत्तर प्रदेश’ जैसे राज्य जनसंख्या नियंत्रण में विफल रहने के कारण 2026 में किए जाने वाले लोकसभा सीटों के परिसीमन में अधिक सीटें प्राप्त कर लेंगे।
2019 में ‘मिलन वैष्णव’ और ‘जेमी हिंट्सन’ द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में बताया गया था कि परिसीमन के परिणामस्वरूप लोकसभा सीटों की संख्या 543 से बढ़ कर 668 हो सकती है।
इसमें अकेले ‘उत्तर प्रदेश’ की लोकसभा सीटों की संख्या ही वर्तमान 80 से बढ़ कर 2026 में 143 हो सकती है जबकि इसके विपरीत ‘तमिलनाडु’, जो लोकसभा में 39 प्रतिनिधि भेजता है, उसके सदस्यों की संख्या बढ़ कर मात्र 49 ही हो पाएगी। ‘केरल’ 20 सांसद लोकसभा में भेजता है जिसमें कोई तबदीली नहीं होगी। इससे पूर्व 21 अक्तूबर 2024 को एम.के. स्टालिन ने कहा था कि, ‘‘लोकसभा सीटों के परिसीमन के परिणामस्वरूप लोगों को 16-16 बच्चे पैदा करने के विषय में सोचना पड़ सकता है।’’
उल्लेखनीय है कि देश की स्वतंत्रता के समय हम 34 करोड़ थे और अब भारत की जनसंख्या बढ़ कर 145 करोड़ के लगभग हो गई है जबकि हमारे साधन तो वही हैं। अत: परिवार नियोजन को बढ़ावा देना तथा लोगों को बढ़ती जनसंख्या की हानियों के प्रति जागरूक करके परिवार नियोजन के साधन अपना कर कम बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित करना जरूरी है। मात्र राजनीतिक लाभ के लिए लोगों को जल्द तथा अधिक बच्चे पैदा करने की सलाह देना किसी भी दृष्टिï से उचित नहीं कहा जा सकता। इसलिए ‘तमिलनाडु’ के मुख्यमंत्री ‘एम.के. स्टालिन’ की राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित सलाह सही नहीं है।—विजय कुमार