Edited By ,Updated: 10 Jan, 2025 05:11 AM
भ्रष्टाचार के विरुद्ध सरकार की ‘जीरो टालरैंस’ नीति के दावे के बावजूद चंद सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों तथा अन्य लोगों द्वारा रिश्वतखोरी के मामलों में कोई कमी नजर नहीं आती जो इसी वर्ष के मात्र एक सप्ताह के निम्न उदाहरणों से स्पष्ट है
भ्रष्टाचार के विरुद्ध सरकार की ‘जीरो टालरैंस’ नीति के दावे के बावजूद चंद सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों तथा अन्य लोगों द्वारा रिश्वतखोरी के मामलों में कोई कमी नजर नहीं आती जो इसी वर्ष के मात्र एक सप्ताह के निम्न उदाहरणों से स्पष्ट है :
* 1 जनवरी को ‘भ्रष्टïाचार निरोधक विभाग’ की टीम ने एस.डी.एम. घरौंडा के कार्यालय में रीडर अशोक कुमार को 4000 रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा।
* 2 जनवरी को ‘विजीलैंस ब्यूरो’, बङ्क्षठडा की टीम ने बङ्क्षठडा के संगत पुलिस थाने में तैनात हैड कांस्टेबल कुलदीप सिंह को उसके द्वारा रिश्वत में लिए गए 70,000 रुपयों सहित गिरफ्तार किया।
* 2 जनवरी को ही हरियाणा में ‘भ्रष्टïाचार निरोधक ब्यूरो’ की टीम ने नूंह जिले के आर्थिक अपराध विंग के इंचार्ज सब इंस्पैक्टर यशपाल को गुरुग्राम में 1 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
* 3 जनवरी को सी.बी.आई. ने ‘टैलीकॉम रैगुलेटरी अथारिटी आफ इंडिया’ (ट्राई) के एक अधिकारी ‘नरेंद्र सिंह रावत’ को केबल आप्रेटरों से 1 लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया।
* 3 जनवरी को ही ‘पंजाब विजीलैंस ब्यूरो’ ने क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण, बङ्क्षठडा में गनमैन के रूप में तैनात सिपाही सुखप्रीत सिंह को अपने सहयोगियों की सहायता से ट्रांसपोर्टरों से लगभग 20-25 लाख रुपए मासिक रिश्वत वसूल करने के आरोप में गिरफ्तार किया।
* 7 जनवरी को जयपुर में ‘भ्रष्टाचार निरोधक विभाग’ की टीम ने राजस्थान विधानसभा के बाहर एक राजस्व अधिकारी को एक प्राइवेट कम्पनी की फाइल आगे बढ़ाने के बदले में 3 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
* और अब 8 जनवरी को ‘पंजाब विजीलैंस ब्यूरो’ ने संगरूर जिले में ‘मूनक’ स्थित बी.डी.पी.ओ. कार्यालय में तैनात पंचायत सचिव ‘पृथ्वी सिंह’ को शिकायतकत्र्ता से 20,000 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
उक्त उदाहरणों से स्पष्टï है कि देश में भ्रष्टïाचारी अधिकारियों का लालच और हौसले इतने बढ़ गए हैं कि वे रिश्वत लेने से नहीं डरते। अत: ऐसे अधिकारियों को कठोरतम दंड देने की आवश्यकता है।—विजय कुमार