Edited By ,Updated: 08 Dec, 2024 05:01 AM
देश में नकली खाद्य पदार्थों, दवाइयों, खादों, कीटनाशकों, करंसी आदि की बातें तो सुनी जाती थीं, पर अब यह बीमारी नकली डाक्टरों, नकली ई.डी. अधिकारियों और नकली पुलिस अधिकारियों आदि तक पहुंच गई है।
देश में नकली खाद्य पदार्थों, दवाइयों, खादों, कीटनाशकों, करंसी आदि की बातें तो सुनी जाती थीं, पर अब यह बीमारी नकली डाक्टरों, नकली ई.डी. अधिकारियों और नकली पुलिस अधिकारियों आदि तक पहुंच गई है जिसके चंद उदाहरण निम्न में दर्ज हैं :
- 12 सितम्बर को मथुरा (उत्तर प्रदेश) की पुलिस ने ‘राधा आॢचड’ कालोनी में सर्वे करने के बहाने लूट के इरादे से एक सर्राफा कारोबारी के घर में स्वयं को ई.डी. अधिकारी बता कर घुसे एक व्यक्ति को गिरफ्तार करके उसके कब्जे से फर्जी सर्च वारंट, वाहन की फर्जी नम्बर प्लेट आदि बरामद किए।
- 8 अक्तूबर को भरतपुर (राजस्थान) पुलिस ने पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं को नौकरी का झांसा देकर उनसे लाखों रुपए की ठगी करने वाले एक फर्जी पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपी ने ठगी की 20 घटनाओं को अंजाम देना स्वीकार किया।
- 13 अक्तूबर को नोएडा (उत्तर प्रदेश) में नकली खनन अधिकारी बन कर लगभग 2 दर्जन लोगों से ठगी करने वाले 2 शातिर पकड़े गए।
- 10 नवम्बर को जयपुर में स्वयं को आई.आर.एस. अधिकारी तथा ‘नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो’ (एन.सी.बी.) का जोनल डायैरक्टर बता कर सरकारी नौकरी की चाहवान लड़कियों को अपने जाल में फंसाने, उनसे अश्लील चैट करने और उन्हें ब्लैकमेल करने के आरोप में एक बदमाश को गिरफ्तार किया गया।
- 21 नवम्बर को गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) जिले के साहिबाबाद थाना की पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। वह स्वयं को मणिपुर का 1979 बैच का आई.पी.एस. अधिकारी व डी.जी. रैंक से रिटायर बता कर विभिन्न अधिकारियों पर दबाव डालता और उनसे मनचाहे काम करवाता था।
- 26 नवम्बर को अहमदाबाद पुलिस की अपराध शाखा ने स्वयं को राजस्व विभाग का वरिष्ठ अधिकारी बताकर लोगों को नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपए ठगने के आरोप में ‘मेहुल शाह’ नामक व्यक्ति को गिरफ्तार करके उससे फर्जी सरकारी पहचान पत्र आदि बरामद किए।
- 4 दिसम्बर को मुलुंड (महाराष्ट्र) पुलिस ने स्वयं को नगर निगम अधिकारी बताकर दुकानदारों को ठगने वाले 2 बदमाशों ‘हनीफ सय्यद’ और ‘विजय गायकवाड़’ को गिरफ्तार करके उनके कब्जे से फर्जी पहचानपत्र व अन्य दस्तावेज बरामद किए।
- 5 दिसम्बर को कच्छ (गुजरात) में अधिकारियों ने एक फर्जी ई.डी. टीम का भंडाफोड़ करके एक जौहरी की फर्म पर छापा मार कर 25.25 लाख रुपए के सोने के आभूषण चुराने के आरोप में एक महिला सहित 12 लोगों को गिरफ्तार किया जबकि उनका एक साथी फरार है। पुलिस ने इन आरोपियों से कुल 45.82 लाख रुपए का सोना व कारें बरामद की हैं।
- 6 दिसम्बर को गुजरात पुलिस ने सूरत से डाक्टरी की फर्जी डिग्री देने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया। यह गिरोह कई वर्षों से कम पढ़े-लिखे बेरोजगारों को 70,000 रुपए में डाक्टरी की फर्जी डिग्रियां देने का काम कर रहा था और रजिस्ट्रेशन का नवीकरण करने के लिए 5,000 रुपए फीस भी ली जाती थी। इनमें से एक फर्जी डाक्टर 8वीं पास भी पाया गया।
1200 लोगों को डाक्टरी की फर्जी डिग्रियां दे चुके इस गिरोह के 2 मुख्य आरोपियों ‘डा. रमेश गुजराती’ और ‘बी.के. रावत’ के पास से पुलिस को सैंकड़ों आवेदन पत्र और सर्टीफिकेट मिले हैं।
- 7 दिसम्बर को प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश) में स्वयं को ‘लोकसेवक’ बता कर विभिन्न थानों के थानाध्यक्षों को फोन करके उन्हें पुलिस पदक, वीरता पुरस्कार और पदोन्नति के अलावा मनचाहे थाने में तैनाती का प्रलोभन देने वाले ठग ‘जयप्रकाश पाठक’ को गिरफ्तार करके उसके कब्जे से कई पुलिस थानों की फर्जी मोहरों सहित अन्य सामग्री भी बरामद की गई।
उक्त उदाहरणों से स्पष्ट है कि देश में जालसाजी किस कदर बढ़ गई है। अत: ऐसे समाज विरोधी तत्वों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि दूसरों को सबक मिले और यह बीमारी आगे और न फैल सके। -विजय कुमार