‘कांवड़ यात्रा के दौरान’ ‘दुर्घटनाओं में शिव भक्तों की दुखद मौतें’

Edited By ,Updated: 07 Aug, 2024 05:02 AM

during kanwar yatra  tragic deaths of shiv devotees in accidents

श्रावण मास में भगवान भोले नाथ के भक्त गंगा तथा अन्य पवित्र नदियों नर्मदा, शिप्रा आदि के तटों पर स्नान करने के बाद कलश मेें उनका जल भर कर उन्हें रंग-बिरंगे झंडों, वंदनवारों, धागों, चमकीले फूलों आदि से सजाई कांवड़ों पर बांध कर और अपने कंधे पर लटका कर...

श्रावण मास में भगवान भोले नाथ के भक्त गंगा तथा अन्य पवित्र नदियों नर्मदा, शिप्रा आदि के तटों पर स्नान करने के बाद कलश मेें उनका जल भर कर उन्हें रंग-बिरंगे झंडों, वंदनवारों, धागों, चमकीले फूलों आदि से सजाई कांवड़ों पर बांध कर और अपने कंधे पर लटका कर अपने-अपने इलाके के शिवालयों में लाकर शिवलिंग पर अर्पित करते हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान सड़क दुर्घटनाओं और करंट लगने आदि के कारण इस वर्ष हुईं दर्दनाक घटनाएं निम्न में दर्ज हैं : 

* 20 जुलाई को उत्तर प्रदेश में जिला बिजनौर के ‘नहटौर’ में एक किशोर कांवडि़ए की मोटरसाइकिल फिसल जाने के कारण मौत हो गई। 
* 21 जुलाई को उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में ही हरिद्वार-काशीपुर हाईवे पर ‘कोतवाली देहात’ में अज्ञात वाहन की टक्कर से अमरोहा के  मोटरसाइकिल सवार कांवडि़ए की जान चली गई। 
* 21 जुलाई को ही हरिद्वार-काशीपुर हाईवे पर थाना ‘रेहड़’ के निकट 4 कांवडिय़ों की मोटरसाइकिल एक आवारा जानवर से टकरा जाने से 3 कांवडिय़ों की मौत हो गई जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया।
* 29 जुलाई को मोटरसाइकिल पर कांवड़ लेने जा रहे विजय नामक युवक की उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। 
* 31 जुलाई को हिसार में तेज वर्षा के कारण दिल्ली बाईपास पर शनि मंदिर के निकट एक कांवड़ शिविर का पंडाल गिरने से सेवादार जितेंद्र की करंट लगने से मौत हो गई। इसी दिन कैथल में चंडीगढ़-हिसार राष्ट्रीय राजमार्ग पर ‘चंदाना’ गांव के निकट राजस्थान के एक कांवडि़ए महेंद्र की ट्रक की चपेट में आने से जान चली गई। 

* 2 अगस्त को गंगाजल लेकर दिल्ली लौट रहे मोटरसाइकिलों पर सवार 2 कांवडि़ए शुभम पांडे और राहुल दुबे नोएडा में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रैस-वे पर मोटरसाइकिल बेकाबू होकर स्लिप हो जाने के कारण दोनों गिर कर गंभीर रूप से घायल हो गए और उनकी उपचार के दौरान मौत हो गई। 
* 3 अगस्त को हरिद्वार से मोटरसाइकिलों पर जल लेकर आ रहे 36 कांवडिय़ों के जत्थे के एक मोटरसाइकिल की सामने से आ रहे दूसरे मोटरसाइकिल से जोरदार टक्कर हो गई। इस दुर्घटना में पीलीभीत के एक कांवडि़ए तेजपाल की मौत तथा उसका 10 वर्षीय बेटा एवं साथी कांवडिय़ा गंभीर रूप से घायल हो गए। 
* 4 अगस्त को बिहार के वैशाली जिले के सुल्तानपुर में कांवडिय़ों से भरी एक ट्राली के म्यूजिक सिस्टम के 11000 वोल्ट के हाईटैंशन बिजली के तार की चपेट में आ जाने से उसमें आग लग जाने के परिणामस्वरूप 9 कांवडिय़ों की मौत तथा 8 अन्य गंभीर रूप से झुलस गए। 

* 5 अगस्त को बिहार के कटिहार में ‘मनिहारी’ थाना क्षेत्र के गांव ‘कुमारीपुर’ के निकट सुबह-सवेरे मोटरसाइकिलों के बीच टक्कर में गंगाघाट पर जल भरने जा रहे 4 कांवडिय़ों की मौत हो गई। 
* 5 अगस्त को ही उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के जयरामपुर इलाके से गुजर रहे कांवडिय़ों के एक दल को तेज रफ्तार कार ने रौंद दिया जिसके परिणामस्वरूप 17 वर्षीय एक युवती नेहा की मृत्यु तथा अरुण, संजना और रजनी सहित 3 कांवडि़ए घायल हो गए।

* 6 अगस्त को बुलंदशहर के राजघाट से कांवड़ लेकर वृंदावन के गोपेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक करने के बाद अपने गांव लौट रहे 3 युवा कांवडिय़ों को एक ट्रैक्टर-ट्राली ने कुचल दिया। हालांकि विभिन्न राज्यों की संबंधित सरकारें कांवड़ यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए आवश्यक प्रबंध करती हैं, परन्तु इसके बावजूद कांवड़ यात्राओं के दौरान दुर्घटनाओं का होना दुखद है। अच्छे उद्देश्य से की जाने वाली यात्रा सुरक्षित और खुशी-खुशी सम्पन्न हो इसके लिए जहां प्रशासन को चाक-चौबंद प्रबंध करने की जरूरत है, वहीं कांवडिय़ों को भी सावधानी बरतनी चाहिए ताकि किसी प्रकार की अप्रिय दुर्घटना से बचा जा सके।—विजय कुमार

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