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‘आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे पढ़ सकेंगे’ ‘अब प्राइवेट स्कूलों में’

Edited By ,Updated: 26 Mar, 2025 04:59 AM

economically weaker children will be able to study  in private schools now

देश में ‘राइट टू एजुकेशन एक्ट’ 2009 में लागू हुआ था। इसके अंतर्गत, प्राइवेट स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटें गरीब वर्ग के बच्चोंं के लिए आरक्षित रखने का प्रावधान तो है परन्तु कुछ प्राइवेट स्कूल अभी तक इसका पालन नहीं करते।

देश में ‘राइट टू एजुकेशन एक्ट’ 2009 में लागू हुआ था। इसके अंतर्गत, प्राइवेट स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटें गरीब वर्ग के बच्चोंं के लिए आरक्षित रखने का प्रावधान तो है परन्तु कुछ प्राइवेट स्कूल अभी तक इसका पालन नहीं करते। पंजाब में यह कानून लागू करने के लिए 2011 में नियम बनाए गए परंतु इसके 14 वर्ष बाद भी राज्य में इसके अंतर्गत आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों का प्राइवेट स्कूलों में दाखिला संभव नहीं हो पा रहा था।

इसी को देखते हुए ‘पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट’ ने 19 फरवरी, 2025 को आदेश दिया कि सभी प्राइवेट स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक 25 प्रतिशत सीटें आॢथक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों के लिए रिजर्व रखना जरूरी है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को राज्य में ‘राइट टू एजुकेशन’ अधिनियम सही ढंग से लागू करना यकीनी बनाने के लिए अनिवार्य रूप से एक निगरानी प्रणाली बनाने को भी कहा है। उक्त आदेश के बाद पंजाब सरकार ने प्राइवेट स्कूलों को शिक्षा सत्र 2025-26 से इसका पालन यकीनी बनाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

हाईकोर्ट के उक्त फैसले से प्राइवेट स्कूलों में पात्र विद्यार्थियों के लिए दाखिले की प्रक्रिया शुरू करने में सहायता मिलेगी परन्तु इसे लागू करने के लिए एक उचित कार्य योजना बनाने की आवश्यकता है। शिक्षाविदों के अनुसार इसके लिए प्रवेश प्रक्रिया की निगरानी के लिए प्राइवेट स्कूलों के प्रतिनिधियों, जिला शिक्षा अधिकारियों और अभिभावकों पर आधारित जिला स्तरीय समितियां बनानी चाहिएं।—विजय कुमार

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