Edited By ,Updated: 02 Nov, 2024 05:31 AM
अब जबकि देश में रबी (सॢदयों) की फसलों गेहूं, सरसों, चना, आलू आदि की बुवाई शुरू होने वाली है, इनके बेहतर उत्पादन के लिए जरूरी ‘डाई अमोनिया फास्फेट’ (डी.ए.पी.) खाद की कमी के कारण अनेक राज्यों के किसानों में ङ्क्षचता और रोष व्याप्त है।
अब जबकि देश में रबी (सर्दियों) की फसलों गेहूं, सरसों, चना, आलू आदि की बुवाई शुरू होने वाली है, इनके बेहतर उत्पादन के लिए जरूरी ‘डाई अमोनिया फास्फेट’ (डी.ए.पी.) खाद की कमी के कारण अनेक राज्यों के किसानों में ङ्क्षचता और रोष व्याप्त है। यूरिया के बाद ‘डी.ए.पी.’ ही सर्वाधिक इस्तेमाल होने वाली खाद है जिसमें उक्त फसलों के लिए सर्वाधिक आवश्यक पोषक तत्व नाइट्रोजन और फास्फोरस होते हैं और इसे लेने के लिए किसानों को लम्बी-लम्बी कतारों में खड़े होना पड़ रहा है। कई जगह इसके लिए पुलिस को हस्तक्षेप भी करना पड़ रहा है। हाल ही में हरियाणा में कई जगह पुलिस की मौजूदगी में ‘डी.ए.पी.’ खाद बांटी गई। अगले महीने गेहूं, चना, आलू, सरसों आदि की बुवाई शुरू होने पर ‘डी.ए.पी.’ खाद की मांग और बढ़ जाएगी। इसी को लेकर दायर एक याचिका के आधार पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र एवं पंजाब सरकार को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
याची के अनुसार, ‘‘भारत के खाद्यान्न भंडार में पंजाब प्रमुख योगदान देता है परंतु ‘डी.ए.पी.’ की पर्याप्त आपूर्ति न होने पर गेहूं की पैदावार में काफी कमी आएगी जिससे वे किसान सर्वाधिक प्रभावित होंगे जो अपनी आजीविका के लिए फसल के अच्छे उत्पादन पर निर्भर रहते हैं। अत: संबंधित अधिकारियों को पंजाब में समय पर पर्याप्त मात्रा में ‘डी.ए.पी.’ खाद उपलब्ध करवाना यकीनी बनाने के लिए निर्देश जारी किए जाएं।’’ जहां ‘डी.ए.पी.’ खाद की कमी से किसान परेशान हैं, वहीं देश के विभिन्न भागों में समाज विरोधी तत्वों द्वारा नकली खाद और बीज बेच कर किसानों के साथ छल किया जा रहा है। जहां पंजाब सरकार द्वारा धान की किस्म ‘पी.आर. 126’ की बिजाई की सिफारिश के बाद आपूर्ति ठीक ढंग से न होने पर इसके बीज में हाइब्रिड बीज की मिलावट जैसे आरोप लग रहे हैं, वहीं राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश आदि में बड़े पैमाने पर नकली खाद पकड़ी गई है।
* 19 सितम्बर को कृषि विभाग के अधिकारियों ने मोगा (पंजाब) में 2 वाहनों में लदी हुई नकली ‘डी.ए.पी.’ खाद जब्त करके पुलिस को सौंपी।
* 30 सितम्बर को कांकेर (राजस्थान) पुलिस ने नकली खाद की तस्करी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया, जो ‘नावा सिटी’ (राजस्थान) में नकली खाद का निर्माण करके उसे छत्तीसगढ़ तथा अन्य राज्यों में बेचते थे।
* 12 अक्तूबर को पुलिस ने जबलपुर (मध्य प्रदेश) में नामी कम्पनियों की बोरियों से मिलती-जुलती बोरियों में नकली खाद भर कर बेचने वाले एक खाद व्यापारी को गिरफ्तार करके 5000 किलो नकली खाद जब्त की।
* 16 अक्तूबर को पुलिस ने सादाबाद (उत्तर प्रदेश) में एक गोदाम पर छापा मार कर नकली ‘डी.ए.पी.’ खाद के 187 कट्टे जब्त किए।
* 22 अक्तूबर को खंडवा (मध्य प्रदेश) में पकड़ी गईं नकली ‘डी.ए.पी.’ खाद की बोरियों में मिट्टी, पत्थर और रेत के कण निकले।
* 23 अक्तूबर को सागर (मध्य प्रदेश) में 30 टन से अधिक नकली ‘पोटाश खाद’ जब्त की गई।
यहां यह बात भी उल्लेखनीय है कि जहां असामाजिक तत्व खाद की कालाबाजारी करके और असली के नाम पर नकली खाद थमा कर किसानों को लूट रहे हैं, वहीं खाद बनाने वाली चंद कम्पनियां किसानों को ‘डी.ए.पी.’ खाद के साथ कुछ अनुपयोगी अतिरिक्त रासायनिक सामग्री लेने के लिए भी विवश कर रही हैं जिनके न लेने पर उन्हें खाद नहीं दी जाती। ऐसे हालात में पंजाब सरकार ने किसानों को कृषि विभाग की ओर से तय कीमत पर ‘डी.ए.पी.’ उपलब्ध करवाने के निर्देश जारी करने के अलावा ‘डी.ए.पी.’ खाद या अन्य खादों के साथ गैर जरूरी चीजें देने वाले डीलरों की शिकायत करने को कहा है और इसकी निगरानी करने तथा दोषियों के विरुद्ध एक्शन लेने के लिए अधिकारी तैनात किए हैं। ऐसे ही कदम अन्य राज्यों में भी उठाने की तथा खाद की सप्लाई सुचारू करने की तुरंत जरूरत है ताकि खाद की अनुपलब्धता के कारण किसानों की फसल प्रभावित न हो जिसका अंतत: देश को ही लाभ होगा।—विजय कुमार