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‘संपत्ति की खातिर’‘अपने ही ले रहे अपनों की जान’

Edited By ,Updated: 11 Feb, 2025 05:15 AM

for the sake of property our own people are killing their own people

आज रिश्तों की डोर बहुत कमजोर पड़ती जा रही है जिस कारण अक्सर परिवारों में विवाद और सम्पत्ति संबंधी झगड़ों के कारण अपनों द्वारा अपनों की हत्या के समाचार आते ही रहते हैं। सम्पत्ति विवाद को लेकर अपनों द्वारा ही अपनों की हत्या किए जाने के पिछले एक महीने...

आज रिश्तों की डोर बहुत कमजोर पड़ती जा रही है जिस कारण अक्सर परिवारों में विवाद और सम्पत्ति संबंधी झगड़ों के कारण अपनों द्वारा अपनों की हत्या के समाचार आते ही रहते हैं। सम्पत्ति विवाद को लेकर अपनों द्वारा ही अपनों की हत्या किए जाने के पिछले एक महीने के उदाहरण निम्न में दर्ज हैं :

* 10 जनवरी को हुबली (कर्नाटक) के ‘कुसुगल’ गांव में सम्पत्ति विवाद के चलते अपने माता-पिता से नाराज युवक ने अपने पिता ‘अशोकप्पा’ और सौतेली मां ‘शरमम्मा’ को मार डाला। 
* 15 जनवरी को फरीदाबाद (हरियाणा) में शो-रूम को लेकर विवाद के चलते बहस के बाद ‘विकास’ नामक युवक ने गोली मार कर अपने चचेरे बड़े भाई ‘नरेंद्र उर्फ बिट्टू’ की हत्या कर दी। 
* 19 जनवरी को संत कबीर नगर (उत्तर प्रदेश) के गांव ‘सूपा’ में सम्पत्ति विवाद के चलते ‘शक्तिभान’ और ‘बलिराम’ उर्फ ‘नानहू’ नामक 2 युवकों ने अपने चाचा ‘राम सुमेर गौतम’ की ईंटें मार-मार कर हत्या कर दी।
* 6 फरवरी को हैदराबाद में जहाज निर्माण से जुड़े उद्योगपति और ‘वेलजन ग्रुप’ के चेयरमैन 86 वर्षीय ‘वेलमति चंद्रशेखर जनार्दन राव’ की उनके 29 वर्षीय दोहते ‘किलारू कीॢत तेजा’ ने सम्पत्ति विवाद के चलते चाकू से 70 वार करके जान ले ली। 

‘वेलमति चंद्रशेखर जनार्दन राव’ 500 करोड़ रुपए सम्पत्ति के मालिक थे। पुलिस के अनुसार चाकू से वार करते हुए तेजा अपने नाना से कहता रहा, ‘‘तुमने सम्पत्ति का सही बंटवारा नहीं किया। कोई मुझे सम्मान नहीं दे रहा। मुझे मेरा पैसा दो।’’ 
आरोप है कि मृतक के दोहते ने अपनी मां पर भी चाकू से वार किया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। मृतक ने अपने दोहते को पैतृक सम्पत्ति में से उसके हिस्से के 4 करोड़ रुपए दिए थे परंतु वह इतने से संतुष्टï नहीं था। ‘किलारू कीॢत तेजा’ हाल ही में अपनी मास्टर डिग्री पूरी करके अमरीका से हैदराबाद लौटा था। 

* 7 फरवरी को सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) की दुर्गादास कालोनी में ‘श्रीकृष्ण महंत’ नामक युवक ने अपनी मां ‘मंजू महंत’ द्वारा उसके नाम सम्पत्ति करने से इंकार करने पर नाराज होकर उसकी हत्या कर दी।
* 9 फरवरी को वैशाली (बिहार) में बिहार के जलालपुर में अपने मंदबुद्धि भाई की सम्पत्ति का हिस्सा हड़पने पर तुले ‘संजीत शुक्ला’ नामक युवक ने अपने बड़े भाई ‘सुभाष शुक्ला’ को उसे ऐसा करने से रोकने पर पीट-पीट कर मार डाला जबकि अपनी भाभी की टांग भी तोड़ दी। 
* 9 फरवरी को ही कैमूर (बिहार) के ‘तरहनी’ गांव में मकान बनाने के लिए मिट्टी की खुदाई को लेकर हुए विवाद में ‘दिलीप सिंह’ नामक व्यक्ति ने अपने छोटे भाई ‘संजय सिंह’ और भतीजे ‘जयप्रकाश सिंह’ को गोली मार दी जिससे ‘संजय सिंह’ की मृत्यु और ‘जय प्रकाश’ घायल हो गया।

* 9 फरवरी को ही बेंगलुरू में ‘सी.चेलुवराजू’ नामक व्यक्ति द्वारा अपनी बहन के नाम वसीयत में 3 करोड़ रुपए की सम्पत्ति लिख देने से नाराज ‘चेलुवराजू’ की पत्नी ‘शांतम्मा’ ने अपने पति पर लकड़ी के लट्ठे से हमला करने के बाद उसे गाय के बाड़े में बंद कर दिया जहां उसकी मौत हो गई।
पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान ‘शांतम्मा’ ने कहा कि गाय के बाड़े में  मेरे पति के ऊपर शैड गिरने से उसकी मौत हुई परंतु सी.सी.टी.वी.फुटेज की जांच करने पर उसका झूठ बेनकाब हो गया और पुलिस ने ‘शांतम्मा’ को गिरफ्तार कर लिया।  
* और अब 10 फरवरी को इटावा (उत्तर प्रदेश) में एक रिटायर्ड सी.एम.ओ. ‘लवकुश सिंह’ के बेटे ‘हर्षवर्धन’ ने सम्पत्ति विवाद के चलते अपनी बहन ‘ज्योति’ और भांजी ‘ताशु’ की गोली मार कर हत्या कर दी। 
उसने अपने बहनोई पर भी जानलेवा हमला किया परंतु सौभाग्यवश उसके प्राण बच गए। ‘लवकुश सिंह’ के अनुसार उनकी पत्नी का देहांत हो चुका है और अपनी देखभाल के लिए उन्होंने अपनी बेटी और दोहती को अपने घर में रखा हुआ था। उनका इकलौता बेटा ‘हर्षवर्धन’ इसी कारण नाराज था। 
सम्पत्ति को लेकर पैदा होने वाले उक्त विवाद और हत्याएं निश्चय ही इस तथ्य की द्योतक हैं कि आज रिश्ते इतने स्वार्थी और क्षणभंगुर हो गए हैं कि लोग सम्पत्ति की खातिर अपने ही सगे-संबंधियों की जान के प्यासे हो गए हैं।—विजय कुमार  

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