Edited By ,Updated: 19 Jun, 2024 05:00 AM
भारत अब घोटालों का देश बनकर रह गया है। कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं बचा, जिसमें कोई न कोई घोटाला या हेराफेरी न हो रही हो। इनमें सरकारी तथा गैर सरकारी नौकरियां या रोजगार देने के नाम पर की जा रही हेराफेरी भी शामिल है और अब तो जरूरतमंद परिवारों की युवतियों...
भारत अब घोटालों का देश बनकर रह गया है। कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं बचा, जिसमें कोई न कोई घोटाला या हेराफेरी न हो रही हो। इनमें सरकारी तथा गैर सरकारी नौकरियां या रोजगार देने के नाम पर की जा रही हेराफेरी भी शामिल है और अब तो जरूरतमंद परिवारों की युवतियों को नौकरी देने का प्रलोभन देकर उनका यौन शोषण तक किया जाने लगा है। हाल ही में बिहार के मुजफ्फरपुर में ‘डी.वी.आर. मार्केटिंग’ नामक एक फर्जी कम्पनी में 50,000 रुपए मासिक तक का अच्छा वेतन देने का झांसा देकर कई युवतियों को महीनों तक बंधक बनाकर रखने और उनका यौन उत्पीडऩ करने का मामला सामने आया है।
आरोपियों से बच कर अदालत में पहुंची एक पीड़िता, की शिकायत पर इरफान, तिलक सिंह, अहमद रजा, हरे राम, मनीष सिन्हा, एनामुल अंसारी, विजय कुशवाहा और कन्हैया कुशवाहा समेत 9 लोगों के विरुद्ध छपरा के ‘मसरख’ थाने में केस दर्ज किया गया है। इनमें से तिलक सिंह को 18 जून को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि बाकियों की तलाश जारी है। पीड़िता के अनुसार आरोपियों ने उसे नौकरी का प्रलोभन देकर हाजीपुर (बिहार) की ‘डी.वी.आर. कंपनी’ में डॉक्यूमैंट और 20,500 रुपए लेकर बुलाया। अपनी मौसी से कर्ज लेकर पीड़िता ने हाजीपुर में ज्वाइन किया लेकिन वहां काम की बजाय उसे नौकरी के नाम पर लोगों को फ्रॉड कॉल करके उन्हें ‘कम्पनी’ के साथ जोडऩे का तरीका सिखाया जाने लगा। पीड़िता ने भी अपने माध्यम से 21 लोगों को कंपनी के साथ जोड़ा जिनसे कंपनी ने 20,500 रुपए ले लिए। जो लड़कियां अन्य ग्राहकों को नहीं जोड़ पाती थीं, उन्हें बैल्ट से मारा-पीटा व सिगरेट से दागा जाता था।
हाजीपुर में सबसे ज्यादा लड़कियों को रखा गया। पीड़िता के अनुसार वह 2021 में फेसबुक के जरिए आरोपियों के साथ जुड़ी लेकिन आज तक एक बार भी वेतन नहीं मिला। बस पीट कर और अन्य तरीकों से सबको डराकर रखा जाता था। इस दौरान युवितयों की तस्वीरें ली जातीं और उनसे छेड़छाड़ कर इंटरनैट पर डालने की धमकी देकर ब्लैकमेल किया जाता था। पीड़िता के अनुसार नशा देकर सब युवतियों की पिटाई की जाती और वीडियो बनाए जाते तथा एक युवती द्वारा विरोध करने पर आरोपियों ने उसके भाई की हत्या तथा अपहरण की धमकी तक दी। मुजफ्फरपुर के दफ्तर में छापा पडऩे पर आरोपी उसे लेकर हाजीपुर चले गए। पीड़िता के अनुसार जब वह गर्भवती हुई तो दवा खिलाकर तीन बार उसका गर्भपात भी कराया गया। फिर नकली शादी कर यौन शोषण किया गया। अन्य युवतियों को भी शादी के लिए मजबूर किया गया और गर्भवती होने पर उनका भी गर्भपात कराया गया।
पुलिस ने बताया कि इस फ्राड कंपनी पर उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार के अलग-अलग जिलों में एक दर्जन से अधिक केस दर्ज हैं। कंपनी के नामजद आरोपियों ने नौकरी के नाम पर एक अन्य युवती से कहा कि शुरूआत में उसे 20,000 रुपए मिलेंगे। उसे यह झांसा भी दिया गया कि कंपनी में और लड़के-लड़कियों को ज्वाइन करवाने पर उसे 50,000 रुपए मासिक मिलने लगेंगे। पीड़िता ने 53 युवक-युवतियों को इस कंपनी में ज्वाइन कराया परंतु जब भी वह वेतन मांगती तो आरोपी कहते कि वह अब फर्म की शेयर होल्डर बन गई है। यह तो केवल एक गिरोह की बात है, ऐसे न जाने कितने गिरोह देश में जरूरतमंद युवतियों को रोजगार देने के बहाने उनका शोषण कर रहे होंगे। रोजगार न होने के कारण आर्थिक तंगी के शिकार लोगों की मजबूरी का लाभ उठाते हुए उन्हें ठगना गंभीर अपराध है।
अत: बेरोजगार लोगों से नौकरियों के नाम पर छल करने और महिलाओं का यौन शोषण करने के जिम्मेदार लोगों पर फास्ट ट्रैक अदालतों में केस चला कर उन्हें कड़ा दंड दिया जाना चाहिए। सरकार को सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के जरिए बिजनैस करने वाली कम्पनियों की रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करनी चाहिए तथा प्रदेश सरकारों को साइबर क्राइम सैल के जरिए मार्र्कीटिंग कम्पनियों की कार्यशैली पर कड़ी नजर रखने के आदेश देने चाहिएं।—विजय कुमार