Edited By ,Updated: 02 Oct, 2024 05:28 AM
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जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने देश विरोधी गतिविधियों में शामिल तत्वों को शह देने वाले उनके मददगारों को ढूंढ निकालने और उनकी गिरफ्तारी का अभियान चला रखा है। इसी शृंखला में पिछले कुछ समय के दौरान आतंकवादियों के अनेक मददगार गिरफ्तार किए गए हैं जिनमें से चंद...
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने देश विरोधी गतिविधियों में शामिल तत्वों को शह देने वाले उनके मददगारों को ढूंढ निकालने और उनकी गिरफ्तारी का अभियान चला रखा है। इसी शृंखला में पिछले कुछ समय के दौरान आतंकवादियों के अनेक मददगार गिरफ्तार किए गए हैं जिनमें से चंद घटनाएं निम्न में दर्ज हैं :
* 19 जून को पुलिस ने आतंकवादियों के एक मददगार (ओवर ग्राऊंड वर्कर) ‘हाकम’ को गिरफ्तार किया। उस पर 9 जून को वैष्णो देवी तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर हमला करने वाले आतंकवादियों को पनाह देने और उनके गाइड के रूप में काम करने का आरोप है। इस घटना में 9 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी।
* 17 जुलाई को डोडा में पुलिस ने विभिन्न आतंकी हमलों में शामिल आतंकवादियों के मददगारों के नैटवर्क के विरुद्ध कार्रवाई के दौरान 4 मददगारों मुबाशिर हुसैन, सफदर अली, सज्जाद अहमद और शौकत अली को गिरफ्तार करके उनके विरुद्ध जांच शुरू की।
* 24 जुलाई को जम्मू-कश्मीर सरकार ने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के आरोप में 2 पुलिस कांस्टेबलों इम्तियाज अहमद लोन, मुश्ताक अहमद पीर, स्कूल शिक्षा विभाग के एक जूनियर असिस्टैंट बाजिल अहमद मीर तथा ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग में एक कर्मचारी एवं कट्टर ड्रग्स तस्कर मोहम्मद जैद शाह को गिरफ्तार किया।
मोहम्मद जैद शाह उन लोगों के लगातार सम्पर्क में था जो 1990 में आतंकवादी ट्रेङ्क्षनग के लिए पाकिस्तान में घुसपैठ कर गए थे और इस समय पी.ओ.के. में बसे हुए हैं। मोहम्मद जैद शाह को सीमा पार के ड्रग तस्करों से हैरोइन की बड़ी खेप मिली थी।
* 25 जुलाई को जम्मू-कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद के 2 मददगारों ‘लियाकत’ और ‘राज’ को पुलिस ने गिरफ्तार किया। ये गिरफ्तार मददगार आतंकवादियों को खाने-पीने की वस्तुएं आदि उपलब्ध करवाते थे।
* 13 अगस्त को जम्मू डिवीजन में सीमा पार पाकिस्तान से घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों को सुरक्षित ठिकाने उपलब्ध करवाने के अलावा उनके खाने-पीने का बंदोबस्त करने वाले एक बड़े नैटवर्क को ध्वस्त करके इसके सरगना मो. लतीफ सहित 9 मददगारों को गिरफ्तार किया गया। पाकिस्तान में अपने हैंडलरों के लगातार सम्पर्क में रहने वाले इन मददगारों को पूरी जानकारी होती थी कि कब और कहां घुसपैठ होने वाली है।
* 28 सितम्बर को अवंतीपोरा पुलिस ने आतंकवादियों के 6 मददगारों को गिरफ्तार करके उनके पास से 5 आई.ई.डी., 30 डैटोनेटर, आई.ई.डी. के लिए 17 बैटरियां, 2 पिस्तौल, 3 मैगजीन, पिस्तौल के 25 जिंदा कारतूस, 4 हथगोले और 20,000 रुपए नकद बरामद किए।
अवंतीपोरा पुलिस को सूचना मिली थी कि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ऐसे युवाओं की पहचान कर रहा है जिन्हें आतंकी गिरोह से जुडऩे के लिए प्रेरित किया जा सके।
विडम्बना यह है कि इस तरह की राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में चंद सरकारी कर्मचारी भी शामिल पाए जा रहे हैं जो उसी थाली में छेद कर रहे हैं जिसमें वे खाते हैं। अत: जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद समाप्त करके शांति एवं सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए यहां मौजूद काली भेड़ों का पता लगाकर उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाना बहुत जरूरी है। ऐसा करके ही इस अशांत प्रदेश में शांति और खुशहाली कायम की जा सकेगी। अत: इसमें और तेजी लाने की जरूरत है।—विजय कुमार