Edited By ,Updated: 30 Mar, 2025 05:09 AM

आज जहां एक ओर विश्व के अनेक भागों में युद्ध छिड़ा हुआ है और ‘तीसरा विश्व युद्ध’ दस्तक दे रहा है, वहीं दूसरी ओर दुनिया भर में लोग छोटी-छोटी बातों को लेकर भी सड़कों पर उतर रहे हैं और चाकू-छुरियों तथा बंदूकों का एक-दूसरे के विरुद्ध बेरहमी से इस्तेमाल...
आज जहां एक ओर विश्व के अनेक भागों में युद्ध छिड़ा हुआ है और ‘तीसरा विश्व युद्ध’ दस्तक दे रहा है, वहीं दूसरी ओर दुनिया भर में लोग छोटी-छोटी बातों को लेकर भी सड़कों पर उतर रहे हैं और चाकू-छुरियों तथा बंदूकों का एक-दूसरे के विरुद्ध बेरहमी से इस्तेमाल कर रहे हैं। इसी वर्ष सामने आईं ऐसी घटनाएं निम्न में दर्ज हैं :
* 1 जनवरी को ‘सेटिंजे’ (मोंटेनेग्रो) में ‘एको माॢटनोविक’ नामक सिरफिरे ने एक ही दिन में 5 जगह गोलीबारी करके 13 लोगों को मार डाला।
* 12 जनवरी को ‘पेंसिलवेनिया’ (अमरीका) की ‘बीवर काऊंटी’ में एक युवक ने अपने माता-पिता और छोटे भाई को गोली मार दी।
* 16 जनवरी को ‘गायमांजियम’ (स्लोवाकिया) में ‘सैमुअल स्त्रास्को’ नामक 18 वर्षीय जुनूनी छात्र ने एक हाई स्कूल में चाकूबाजी करके एक अध्यापक और अपने सहपाठी सहित 2 लोगों की हत्या तथा 1 अन्य को घायल कर दिया।
* 22 जनवरी को ही ‘एशफानबर्ग’ (जर्मनी) में ‘इनामुल्ला’ नामक अफगान नागरिक ने अंधाधुंध चाकू बाजी करके 2 लोगों को मार डाला।
* 4 फरवरी को ‘ओरेब्रो’ (स्वीडन) में ‘रिकार्ड एंडरसन’ नामक व्यक्ति ने एक स्कूल में गोलीबारी करके 12 लोगों की जान ले ली।
* 10 फरवरी को ‘बायरन (अमरीका) में एक महिला ने अपनी 3 बेटियों की गोली मार कर हत्या कर दी और चौथी को घायल करके स्वयं ही पुलिस को अपनी करतूत के बारे में सूचित कर दिया। पुलिस के आने से पहले ही उसने खुद को भी गोली मार ली। पुलिस ने घायल हालत में उसे अस्पताल पहुंचाया जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
* 10 फरवरी को ही ‘दायजान’ (दक्षिण कोरिया) के एक प्राथमिक स्कूल में ‘म्योंग जायवान’ नामक एक अध्यापिका ने क्लास रूम में चाकू से वार करके 8 वर्षीय ‘किम हा-न्यूल’ नामक एक अपनी ही छात्रा की जान ले ली।
* 16 फरवरी को ‘विलाच’ शहर (दक्षिणी आस्ट्रिया) में एक 23 वर्षीय व्यक्ति ने अचानक 6 राहगीरों पर चाकू से हमला कर दिया जिससे एक 14 वर्षीय किशोर की मौत तथा 5 अन्य घायल हो गए।
* 21 फरवरी को ‘इंडियाना’ (अमरीका) में एक व्यक्ति ने एक आश्रयगृह में गोलीबारी करके 3 बच्चों सहित 5 लोगों की जान ले ली और बाद में खुद को भी गोली मार ली।
* 21 फरवरी को ही ‘बॢलन’ (जर्मनी) में स्वयं को यहूदियों का दुश्मन बताने वाले ‘वासिम एम.’ नामक एक व्यक्ति ने वहां के ‘होलोकास्ट म्यूजियम’ में एक 30 वर्षीय व्यक्ति पर चाकू से ताबड़तोड़ वार करके उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिए जाने पर उसने कहा कि वह यहूदियों को खत्म कर देना चाहता है।
* 23 फरवरी को ‘मुलहाउस’ (फ्रांस) में ‘कांगो’ के समर्थन में एक प्रदर्शन के दौरान एक व्यक्ति ने चाकू से हमला करके एक व्यक्ति की हत्या और 3 लोगों को घायल कर दिया।
* 23 फरवरी को ही ‘इलिनॉय’ (अमरीका) के ‘ब्लूमिंगटन’ में एक व्यक्ति ने अपनी गर्लफ्रैंड के घर में घुस कर उसकी और उसके बेटे तथा उसके ब्वायफ्रैंड को गोली से उड़ा दिया।
* 8 मार्च को ‘जॉॢजया’ (अमरीका) में एक व्यक्ति अपनी नाराज पत्नी के मायके पहुंचा और गोली मार कर अपनी पत्नी तथा ससुर दोनों की जान ले ली।
* 26 मार्च को ‘फ्लोरिडा’ (अमरीका) के ‘पेमब्रोक पार्क’ में एक व्यक्ति ने एक अपार्टमैंट में गोलीबारी करके 1 महिला, 3 दूध पीते बच्चों और 10 वर्षीय लड़की सहित 5 लोगों की हत्या कर दी।
* और अब 27 मार्च को ‘एम्सटर्डम’ (नीदरलैंड्स) के ‘डैम स्क्वायर’ में एक व्यक्ति ने चाकू मार कर 5 लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया।
यह बात समझ से बाहर है कि आखिर लोग इतने हिंसक क्यों होते जा रहे हैं। निश्चय ही यह लोगों में बढ़ रही असहनशीलता और संकीर्ण सोच का ही परिणाम है। आज टैलीविजन तथा सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर दिखाई जाने वाली ङ्क्षहसक सामग्री का भी लोगों के मन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है जिसके लिए समाज में सकारात्मक विचारधारा को बढ़ाने की आवश्यकता है।—विजय कुमार