Edited By ,Updated: 23 Apr, 2025 05:27 AM
धरती का ‘स्वर्ग कश्मीर’ लम्बे समय से पाक प्रायोजित आतंकवाद से जूझ रहा है। केंद्र सरकार द्वारा राज्य में आतंकवाद की समाप्ति के लिए जारी ‘आप्रेशन ऑल आऊट’ के बावजूद आतंकवादियों पर लगाम नहीं लग रही।
राज्य में आतंकी हमलों की नवीनतम कड़ी में 22 अप्रैल को...
धरती का ‘स्वर्ग कश्मीर’ लम्बे समय से पाक प्रायोजित आतंकवाद से जूझ रहा है। केंद्र सरकार द्वारा राज्य में आतंकवाद की समाप्ति के लिए जारी ‘आप्रेशन ऑल आऊट’ के बावजूद आतंकवादियों पर लगाम नहीं लग रही। राज्य में आतंकी हमलों की नवीनतम कड़ी में 22 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के प्रमुख पर्यटक स्थल पहलगाम में बाद दोपहर लगभग 3 बजे भारी हथियारों से लैस पुलिस की वर्दी में आए 2-3 आतंकवादियों के हमले में 30 से अधिक पर्यटकोंं की मौत और अनेक पर्यटक घायल हो गए। मृतकों में 2 विदेशी भी हैं। यह फरवरी, 2019 के बाद से कश्मीर में सबसे बड़ा आतंकवादी हमला हो सकता है जब पुलवामा में एक आतंकवादी हमले में सी.आर.पी.एफ. के 47 जवान शहीद हुए थे।
आतंकवादी ‘बैसरन’ (पहलगाम) के आसपास के घने जंगल से निकले और पहाड़ से नीचे उतर कर वहां मौजूद लगभग 40 पर्यटकों को घेर कर उन पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी और 50 राऊंड से अधिक गोलियां चलाईं। आतंकवादियों ने सभी पर्यटकों के आई. कार्ड देखे तथा उनका धर्म और नाम पूछे। उनके ङ्क्षहदू होने की पुष्टिï की और फिर उन पर गोलियां बरसाईं एक महिला ने कहा, ‘‘मेरे पति को सिर में मुसलमान न होने की वजह से गोली मारी गई...।’’ एक मृतक की पत्नी के अनुसार,‘‘हमलावर ने मेरे पति की हत्या करने के बाद कहा-जाओ, मोदी को बता देना।’’
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब कश्मीर में पर्यटक सीजन शुरू है, अमरीकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस सपरिवार चार दिवसीय दौरे पर भारत आए हुए हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब के दौरे पर थे, जो वापस लौट आए हैं और देश में वक्फ बोर्ड को लेकर विवाद चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गृहमंत्री अमित शाह से हमले के संबंध में बात की और उन्हें केंद्र शासित प्रदेश का तुरंत दौरा करने को कहा, जिसके तुरंत बाद अमित शाह ने श्रीनगर पहुंच कर सेना व सुरक्षा एजैंसियों के उच्चाधिकारियों के साथ बैठ कर सारे मामले पर चर्चा की। इसके साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस संबंध में ‘सेना प्रमुख’ उपेंद्र द्विवेदी से बात करके जानकारी ली है।
राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के अनुसार, ‘‘यह हमला हाल के वर्षों में आम लोगों पर हुए किसी भी हमले से कहीं बड़ा है। हमारे मेहमानों पर यह हमला घृणित है। इसकी निंदा के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं है।’’ लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए सरकार को राज्य में हालात सामान्य होने के खोखले दावे करने के बजाय ठोस कदम उठाने को कहा। हमेशा की तरह पर्यटकों पर हमले की सूचना के बाद सुरक्षा बलों ने घटनास्थल को घेर कर आतंकवादियों की तलाश शुरू कर दी है। इस हमले की जिम्मेदारी पाक आधारित आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टैंस फ्रंट’ (टी.आर.एफ.) ने ली है। यह पहला मौका नहीं है जब जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया है। उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर में 1995 के बाद से अनेक विदेशियों सहित 132 पर्यटकों की हत्या आतंकवादी कर चुके हैं। 9 जून, 2024 को रियासी जिले में तीर्थयात्रियों से भरी बस पर सेना की वर्दी में आए आतंकियों के हमले में 10 लोगों की मौत और 41 लोग घायल हो गए थे।
जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर ही निर्भर है। न सिर्फ यहां प्रति वर्ष होने वाली अमरनाथ यात्रा में देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं वहीं पर्यटन के मौसम में बड़ी संख्या में देश-विदेश से पर्यटक आते हैं जिसके परिणामस्वरूप यहां के घोड़े, पिट्ठू व पालकी वालों, शिकारा चलाने वालों और होटल मालिकों को भारी कमाई होती है। इस घटना के परिणामस्वरूप राज्य में पर्यटन को भारी आघात लगेगा और राज्य में जारी विकास गतिविधियों को ठेस पहुंचेगी। इस हमले से डल झील में शिकारा आदि में की गई तमाम बुकिंग भी प्रभावित होगी जिससे स्थानीय लोगों की ही आय और रोजगार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इससे 3 जुलाई से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा पर भी आतंकी हमले का साया मंडराने की आशंका पैदा हो गई है।—विजय कुमार