प्रधानमंत्री जी स्वयं ध्यान दीजिए! ‘शांति के लिए तरस रहे मणिपुर वासी’

Edited By ,Updated: 17 Jul, 2024 05:15 AM

manipur residents are yearning for peace

हमारे देश में उत्तर-पूर्व के 7 राज्य अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड और त्रिपुरा सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण होने के कारण केंद्र सरकार द्वारा विशेष ध्यान देने की मांग करते हैं। इनमें से मणिपुर में स्थिति लम्बे समय से...

हमारे देश में उत्तर-पूर्व के 7 राज्य अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड और त्रिपुरा सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण होने के कारण केंद्र सरकार द्वारा विशेष ध्यान देने की मांग करते हैं।
इनमें से मणिपुर में स्थिति लम्बे समय से काफी गंभीर बनी हुई है। वहां पिछले एक वर्ष से अधिक समय से कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जारी जातीय संघर्ष के परिणामस्वरूप लगभग 230 लोगों की जान जा चुकी है और 65,000 से अधिक लोग बेघर होकर राहत शिविरों में रह रहे हैं। सरकार के दावों के विपरीत राज्य में हिंसा थम नहीं रही जो इसी वर्ष की निम्र घटनाओं से स्पष्ट है : 

* 17 जनवरी को ‘मोरेह’ इलाके में उग्रवादियों ने सुरक्षा बलों के वाहन पर हमला करके 2 जवानों को शहीद कर दिया। उग्रवादियों ने सुरक्षा बलों की एक चौकी पर भी बम फैंके और गोलीबारी की। 
* 15 फरवरी को ‘कुकी’ तथा ‘जो’ जनजाति की बहुलता वाले ‘चुराचांदपुर’ जिले में उपद्रवी भीड़ द्वारा एस.पी. और डी.सी. कार्यालयों पर पथराव व आगजनी से 2 नागरिकों की मौत तथा 40 से अधिक घायल हो गए। 
* 26 अप्रैल को ‘विष्णुपुर’ जिले में ‘कुकी’ उग्रवादियों ने सैंट्रल फोर्स की चौकी पर बमों से हमला कर दिया जिससे 2 जवान शहीद और 2 अन्य  गंभीर रूप से घायल हो गए। 
* 8 जून को ‘जिरीबाम’ जिले में उग्रवादियों ने 2 पुलिस चौकियों, एक फॉरैस्ट आफिस तथा 70 मकानों को आग लगा कर खाक कर दिया। 

* 10 जून को मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के काफिले पर हमले में 2 सुरक्षा कर्मचारी घायल हो गए। यह हमला मुख्यमंत्री के हिंसाग्रस्त क्षेत्र के दौरे पर आने से 2 दिन पहले हुआ था। 
* 14 जुलाई की सुबह भारी हथियारों से लैस संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने ‘जिरीबाम’ जिले में ‘मैतेई’ बहुल गांव और सुरक्षा कर्मियों को निशाना बना कर सी.आर.पी.एफ. के जवान अजय कुमार झा की गोली मार कर हत्या तथा 3 अन्य जवानों को घायल कर दिया। एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, ‘‘जिस सटीकता से हमले किए गए उससे स्पष्ट है कि आतंकवादी अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर रहे थे।’’ 

* 16 जुलाई को इंफाल ईस्ट के ‘कोंथा खाबम’ में एक समाचारपत्र ‘नाहरोलगी थौडांग’  के संपादक ‘खोइरोम लोयलकपा’ के आवास पर अज्ञात हमलावरों ने गोलियां चलाईं जिससे इलाके में दहशत फैल गई। इस हिंसाग्रस्त राज्य में हालांकि सरकार द्वारा स्थिति नियंत्रण में बताई जाती है परन्तु वास्तविकता इसके विपरीत ही प्रतीत होती है तथा उग्रवादियों के कब्जे से तरह-तरह के देसी-विदेशी हथियार बरामद हो रहे हैं। इनमें 7.62 एम.एम. ए.के. 56 असाल्ट राइफलें, पी.टी. 22 राइफलें, 12 इंच की सिंगल बैरल बंदूकें, इम्प्रोवाइज्ड  प्रोजैक्टाइल लांचर, चीनी हैंड ग्रेनेड, 51 एम.एम. मोर्टार, चीनी वाकी-टाकी सैट,1 एस.एल.आर.,  .38 पिस्टल, ग्रेनेड और एक्सकैलिबर राइफलें, एम.ए.-3, एम.ए.-2 और .45 पिस्टल और 9 एम.एम. पिस्टल आदि शामिल हैं। इस तरह के हालात पर टिप्पणी करते हुए पूर्व सेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे ने कुछ समय पहले कहा था कि ‘‘मणिपुर में जो हो रहा है, उसमें विदेशी एजैंसियों की संलिप्तता से इन्कार नहीं किया जा सकता।’’ 

‘‘सीमावर्ती राज्यों में अस्थिरता देश की सुरक्षा के लिए अच्छी नहीं है। अलग-अलग विद्रोही समूहों को मिल रही कथित चीनी मदद कई वर्षों से जारी है।’’ प्रेक्षकों के अनुसार ‘‘यदि यह सच है कि इसमें (मणिपुर ङ्क्षहसा) विदेशी ताकतें शामिल हैं, विशेषकर चीन, जो इन विद्रोही संगठनों को मदद दे रहा है, तो हमें इसकी उपेक्षा न करके इसे गंभीरता से लेना चाहिए।’’ अत: मणिपुर की लगातार बिगड़ रही स्थिति को और खराब होने से बचाने के लिए प्रधानमंत्री जी को स्वयं तुरन्त इस ओर ध्यान देकर प्राथमिकता के आधार पर इस समस्या का हल निकालने की कोशिश करनी चाहिए ताकि इस सीमावर्ती राज्य में सामान्य स्थिति बहाल हो और देश तथा प्रदेश की सुरक्षा पर आंच न आए।—विजय कुमार 

Related Story

    Trending Topics

    Afghanistan

    134/10

    20.0

    India

    181/8

    20.0

    India win by 47 runs

    RR 6.70
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!