Edited By ,Updated: 11 Oct, 2024 05:06 AM
विश्वविख्यात टाटा ग्रुप के सर्वेसर्वा श्री ‘रतन नवल टाटा’ का संक्षिप्त बीमारी के बाद 86 वर्ष की आयु में 9 अक्तूबर को निधन हो गया। मुम्बई के प्रतिष्ठित पारसी परिवार में 28 दिसम्बर, 1937 को जन्मे ‘रतन नवल टाटा’ एक दूरदर्शी उद्योगपति तथा परोपकारी...
विश्वविख्यात टाटा ग्रुप के सर्वेसर्वा श्री ‘रतन नवल टाटा’ का संक्षिप्त बीमारी के बाद 86 वर्ष की आयु में 9 अक्तूबर को निधन हो गया। मुम्बई के प्रतिष्ठित पारसी परिवार में 28 दिसम्बर, 1937 को जन्मे ‘रतन नवल टाटा’ एक दूरदर्शी उद्योगपति तथा परोपकारी व्यक्ति थे।
रतन टाटा ने अमरीका के ‘कार्नेल विश्वविद्यालय’ (न्यूयार्क) से ‘बैचलर आफ आर्कीटैक्चर’ में और ‘हार्वर्ड बिजनैस स्कूल’ में एडवांस्ड मैनेजमैंट प्रोग्राम की शिक्षा प्राप्त की तथा उन्होंने 2010 में उसे अपने एक अध्ययन केंद्र के निर्माण के लिए लगभग 4.20 अरब रुपए का दान दिया और इससे पूर्व सन् 2008 में कार्नेल यूनिवर्सिटी को भी इतनी ही रकम दान दी थी। वह अपनी आय का बड़ा हिस्सा दान कर देते थे। रतन टाटा ने कोविड-19 महामारी के विरुद्ध लड़ाई के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष में 1500 करोड़ रुपए दिए। उन्होंने कोरोना वायरस से ग्रस्त रोगियों को ठहराने के लिए टाटा समूह के सभी होटल खोल दिए थे। रतन टाटा को कुत्तों से बेहद प्रेम था। उन्होंने अपने सभी सहयोगियों और कर्मचारियों से कह रखा था कि मुम्बई के आलीशान इलाके में स्थित टाटा समूह के मुख्यालय के दरवाजे लावारिस कुत्तों के लिए खोल दिए जाएं।
रतन टाटा को दुनिया की सबसे सस्ती कार ‘नैनो’ का 2008 में निर्माण शुरू करने का श्रेय भी जाता है। दरअसल स्कूटर पर 4-4 लोगों को जाते देख कर उनके मन में आम लोगों के लिए सस्ती कार बनाने का विचार आया जिसके बाद लगभग 1 लाख रुपए मूल्य वाली नैनो कार का जन्म हुआ। रतन टाटा के चाचा जे.आर.डी. टाटा ने 1932 में भारत की पहली विमान सेवा ‘टाटा एयर सर्विसेज’ शुरू की थी जो बाद में ‘एयर इंडिया’ कहलाई। भारत सरकार द्वारा 1953 में सभी प्राइवेट विमान सेवाओं का राष्ट्रीयकरण कर देने के कारण एयर इंडिया भी सरकार के नियंत्रण में चली गई परंतु लगातार घाटे में रहने के कारण सरकार को इसे बेचना पड़ा और रतन टाटा ने 8 अक्तूबर, 2021 को इसे खरीद लिया।
टाटा ग्रुप ने अमृतसर में पंजाब में सबसे बड़ा ट्रीलियम मॉल तथा उसी में ‘होटल ताज स्वर्ण’ खोला है। रतन टाटा की मृत्यु के साथ ही उनके उत्तराधिकारी को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं। चूंकि रतन टाटा आजीवन कुंवारे रहे और उनके सगे भाई जिम्मी टाटा भी कुंवारे तथा सार्वजनिक जीवन से दूर रहते हैं, अत: टाटा समूह का उत्तराधिकारी रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा के परिवार में से किसी को बनाए जाने की संभावना है।
रतन टाटा को श्रद्धांजलि अर्पित करने वाले असंख्य लोगों में अभिनेत्री सिम्मी ग्रेवाल भी शामिल हैं, जिन्होंने एक्स (इंटरनैट) पर लिखा, ‘‘आप के जाने की क्षति को सहन कर पाना बहुत मुश्किल है। मेरे दोस्त अलविदा।’’ सिम्मी ग्रेवाल ने स्वीकार किया है कि कुछ समय तक उन दोनों ने डेटिंग भी की थी। बाद में उनकी राहें जुदा हो गईं परंतु वे अच्छे दोस्त बने रहे। सिम्मी के चैट शो में भी रतन टाटा एक बार आए थे और उन्होंने रहस्योद्घाटन किया था कि कुछ मौके ऐसे भी आए जब वे दोनों विवाह करने के बहुत निकट पहुंच गए थे परंतु ऐसा हुआ नहीं।
महाराष्ट्र और झारखंड की सरकारों ने जहां उनके देहांत पर एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की, वहीं महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव पारित करके रतन टाटा को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने की मांग की है। शिवसेना (यू.बी.टी.) ने भी यही मांग की है। ईमानदारी की मिसाल होने के बावजूद वह भी विवादों में घिरे। हालांकि उनका नाम 2008 में 2जी लाइसैंस घोटाले में सीधे तौर पर तो नहीं जुड़ा लेकिन ‘लॉबीस्ट’ नीरा राडिया को किए एक कथित फोन काल की लीक हुई रिकाॄडग के जरिए उनका नाम सामने आया था। पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह का कहना है कि, ‘‘रतन टाटा में सत्ता में बैठे लोगों से सच बोलने का साहस था।’’उद्योग जगत से जुड़े लोगों के अनुसार, ‘‘वह एक अनोखे व्यक्ति...एक अद्भुत इंसान थे...वह दूरदर्शी थे जो उद्योग के भविष्य को देख सकते थे। हमने आज भारत के एक महानायक को खो दिया है।’’—विजय कुमार