आपसी रंजिश के चलते लगातार हो रही राजनीतिक हत्याएं

Edited By ,Updated: 11 Sep, 2024 04:54 AM

political murders are happening continuously due to mutual enmity

देश के विभिन्न भागों में आपसी रंजिश के चलते राजनीतिक हत्याओं का सिलसिला पिछले कुछ समय के दौरान तेज हो गया है।

देश के विभिन्न भागों में आपसी रंजिश के चलते राजनीतिक हत्याओं का सिलसिला पिछले कुछ समय के दौरान तेज हो गया है जो इसी वर्ष (2024) के पिछले 3 महीनों के निम्न उदाहरणों से स्पष्ट है : 

  • 23 जून को मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजय वर्गीय के परिवार के बेहद करीबी तथा इंदौर में भाजपा युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष मोनू कल्याणे की गोली मार कर हत्या कर दी गई। 
  • 5 जुलाई को शाम के समय चेन्नई में 6 हमलावरों ने ‘बहुजन समाज पार्टी’ के प्रदेशाध्यक्ष ‘के. आर्मस्ट्रांग’ पर तलवारों और चाकुओं से हमला करके उनकी उस समय हत्या कर दी जब वह अपने घर के बाहर पार्टी के कुछ कार्यकत्र्ताओं के साथ बातचीत कर रहे थे।  
  • 12 जुलाई को राजस्थान के अलवर में भाजपा के नेता यासीन खान पर कुछ बदमाशों ने लाठी-डंडों और हथौड़ों से हमला करके उन्हें मार डाला।
  • 14 जुलाई को पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर जिले में तृणमूल कांग्रेस के एक नेता बापी राय की पीठ पर गोली मार कर उनकी हत्या कर दी गई। 
  • 16 जुलाई को तमिलनाडु के मदुरै में सुबह की सैर को निकले ‘नाम तमिलर पार्टी’ के नेता बाला सुब्रह्मïण्यम की सरेराह हत्या कर दी गई। 
  • 18 जुलाई को आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रैड्डी की वाई.एस.आर. कांग्रेस पार्टी की युवा शाखा के सदस्य शेख रशीद की ‘पालनाडू’ जिले में बीच सड़क पर चाकू से दोनों हाथ काटने के बाद हत्या कर दी गई।
  • 7 अगस्त को बिहार में ‘बगहा’ के ‘तमकुहा’ बाजार में जद (यू) नेता विभव राय की कुछ लोगों ने गोलियां मार कर हत्या कर दी। 
  • 14 अगस्त को बिहार की राजधानी पटना में भाजपा नेता अजय साह की कुछ लोगों ने गोलियां मार कर हत्या कर दी।
  • 1 सितम्बर को पुणे में राकांपा (अजित गुट) के नेता व पूर्व पार्षद ‘वनराज आंदेकर’ पर ताबड़-तोड़ 5 गोलियां चलाकर उसकी हत्या कर दी गई। 
  • 3 सितम्बर को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में भाजपा मंडल अध्यक्ष राम अभिलाख सिंह के भतीजे अभय प्रताप सिंह की हत्या कर दी गई।  
  • 7 सितम्बर को उत्तर प्रदेश के औरइया जिले में ‘असदुद्दीन ओवैसी’ की पार्टी ए.आई.एम.आई.एम. के युवा मोर्चे के जिला अध्यक्ष मेराज अंसारी की हत्या कर दी गई।
  • 9 सितम्बर को सुबह बिहार में पटना के चौक थाना क्षेत्र में एक स्थानीय भाजपा नेता मुन्ना शर्मा की अज्ञात हमलावरों ने गोली मार कर हत्या कर दी। 
  • 9 सितम्बर को ही शाम को भागलपुर के बाबरगंज इलाके में अज्ञात बदमाशों ने भाजपाई पार्षद के पति शशि मोदी को गोली मार कर घायल कर दिया और इसी दिन रात को बिहार के अरवल जिले में घात लगा कर बैठे कुछ अपराधियों ने एक वाम नेता सुनील चंद्रवंशी की हत्या कर दी जब वह बाजार से घर जा रहे थे। 
  • 9 सितम्बर को ही पंजाब के खन्ना में ‘आप’ किसान विंग के अध्यक्ष त्रिलोचन सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गई। 

उपरोक्त घटनाओं से स्पष्टï है कि देश में न सिर्फ राजनीतिक ङ्क्षहसा जारी है, बल्कि प्रतिद्वंद्वी दलों द्वारा अपने विरोधियों को निपटाने के लिए क्रूरतम तरीके इस्तेमाल किए जा रहे हैं। निश्चय ही यह सच्चे लोकतंत्र का चेहरा नहीं है और इससे लगता है कि समय बीतने के साथ-साथ हमारे लोकतंत्र में भागीदार विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता परिपक्व होने की बजाय प्रतिद्वंद्विता के चलते असहनशील और क्रूर होते जा रहे हैं। यदि राजनीतिज्ञ ही कानून का इस तरह उल्लंघन करने लगेंगे तो फिर कानून-व्यवस्था को लागू कौन करेगा। -विजय कुमार 

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