Edited By ,Updated: 04 Oct, 2024 05:40 AM
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2013 से ‘सिटीजन्स फार अकाऊंटेबल गवर्नैंस’ नामक अपनी मीडिया और प्रचार कम्पनी चलाने वाले तथा विभिन्न राजनीतिक दलों के चुनावी रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर (पी.के.) ने 2 अक्तूबर को अपनी ‘जन सुराज पार्टी’ बनाने की घोषणा करके बिहार की राजनीति में एंट्री...
2013 से ‘सिटीजन्स फार अकाऊंटेबल गवर्नैंस’ नामक अपनी मीडिया और प्रचार कम्पनी चलाने वाले तथा विभिन्न राजनीतिक दलों के चुनावी रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर (पी.के.) ने 2 अक्तूबर को अपनी ‘जन सुराज पार्टी’ बनाने की घोषणा करके बिहार की राजनीति में एंट्री मार दी है। बिहार के अगले वर्ष होने वाले चुनावों में अपनी पार्टी के संतोषजनक प्रदर्शन को लेकर आश्वस्त प्रशांत किशोर ने उक्त कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को व्यवस्था परिवर्तन का संकल्प दिलाते हुए दावा किया कि राज्य में 2025 के चुनाव परिणाम की झलक तो शीघ्र ही 4 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में नजर आ जाएगी।
पहले से ही राजनीति में कदम रखने की तैयारी कर रहे प्रशांत किशोर के अनुसार यह पार्टी बनाने का उनका उद्देश्य बिहार के लोगों को प्रदेश में एक नया राजनीतिक विकल्प देकर उन्हें संगठित करना है।उल्लेखनीय है कि प्रशांत किशोर ने 2022 में पश्चिम चम्पारण से ‘जन सुराज अभियान’ की शुरूआत करके बिहार की 3000 किलोमीटर से अधिक की पदयात्रा के दौरान लोगों को बताया कि अभी तक बिहार के लोगों को स्तरीय शिक्षा व रोजगार के अवसर इसलिए नहीं मिल पाए हैं क्योंकि उन्होंने कभी इन मुद्दों पर वोट ही नहीं दिया।
प्रशांत किशोर ने कहा, ‘‘राज्य में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए हमें 4 लाख करोड़ रुपए से अधिक की जरूरत होगी। इसके लिए हम राज्य में लागू शराबबंदी कानून, जिससे प्रतिवर्ष 20,000 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है, को समाप्त करके धन जुटाएंगे। इसलिए हमारी सरकार आते ही एक घंटे के भीतर राज्य में शराबबंदी समाप्त कर दी जाएगी।’’
शराब के दुष्प्रभावों को देखते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने पराधीनता के युग में घोषणा की थी कि, ‘‘यदि भारत का शासन आधे घंटे के लिए भी मेरे हाथ में आ जाए तो मैं शराब की सभी डिस्टिलरियों और दुकानों को बिना मुआवजा दिए ही बंद कर दूंगा।’’ परंतु आज प्रशांत किशोर शराब का सहारा लेकर ही बिहार में सत्ता पर कब्जा करना चाहते हैं। अब यह तो समय ही बताएगा कि उनकी यह रणनीति कितनी सफल होती है। -विजय कुमार