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प्रयागराज महाकुंभ चंद दिलचस्पी से भरे बयान

Edited By ,Updated: 15 Feb, 2025 05:07 AM

prayagraj maha kumbh a few interesting statements

इन दिनों प्रयागराज में महाकुंभ का मेला चल रहा है। इस मेले को भारत की सबसे बड़ी धार्मिक परम्पराओं में से एक माना जाता है और इसमें आस्था की डुबकी लगाकर भगवान का आशीर्वाद पाने के लिए देश-विदेश से करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। अभी तक 50...

इन दिनों प्रयागराज में महाकुंभ का मेला चल रहा है। इस मेले को भारत की सबसे बड़ी धार्मिक परम्पराओं में से एक माना जाता है और इसमें आस्था की डुबकी लगाकर भगवान का आशीर्वाद पाने के लिए देश-विदेश से करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। अभी तक 50 करोड़ से अधिक लोग स्नान कर चुके हैं तथा अभी और लोग स्नान करेंगे। मेले के दौरान भगदड़ मचने के परिणामस्वरूप कुछ मौतें भी हुईं तथा कुछ लोग नदी में भी डूब गए और इस दौरान कुछ अग्निकांड भी हुए। बहरहाल इस तरह के हालात के बीच विभिन्न विचारधाराओं के कुछ नेताओं ने दिलचस्प और कटाक्ष भरे बयान दिए हैं जो हम पाठकों की दिलचस्पी के लिए नीचे दर्ज कर रहे हैं : 

* 27 जनवरी को महू (मध्य प्रदेश) में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने महाकुंभ में भाजपा नेताओं के डुबकी लगाने को लेकर एक बड़ा बयान देते हुए कहा, ‘‘अरे भाई, गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी दूर होती है क्या? क्या इससे आपको पेट भरने के लिए खाना मिलता है? ऐसे समय में ये लोग जाकर हजारों रुपए खर्च करके डुबकियां लगा रहे हैं और तब तक डुबकी लगाते रहते हैं जब तक टी.वी. में उनकी फोटो अच्छी नहीं दिखने लगती।’’
* 3 फरवरी को सपा सांसद जया बच्चन संसद में बोलीं, ‘‘सदन में इस समय ‘जलशक्ति विभाग’ गंदे पानी पर चर्चा कर रहा है। इस समय सर्वाधिक प्रदूषित पानी कहां है? यह कुंभ में है। वी.आई.पी. चले जाते हैं। कुंभ में स्नान करते हैं। उन्हें विशेष ट्रीटमैंट मिलता है। उनकी तस्वीरें आती हैं।’’ 

* 4 फरवरी को पूर्णिया (बिहार) से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव लोकसभा में महाकुंभ को लेकर विवादास्पद बयान देते हुए बोले, ‘‘...मैं एक बाबा का नाम नहीं लूंगा लेकिन उन्होंने कहा कि कुंभ में जो-जो मरे वे मोक्ष को प्राप्त हो गए हैं। तो मैं चाहता हूं कि ऐसे बाबा, नागा, नेता और जो बड़े पैसे वाले वहां जाते हैं, उन्हें भी डुबकी लगाकर मर जाना चाहिए...उन्हें भी मोक्ष मिल जाना चाहिए।’’
* 11 फरवरी को राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता ‘गोविंद राम मेघवाल’ ने सिंचाई के लिए पानी की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसानों को संबोधित करते हुए कहा :

‘‘मैंने दुनिया में भारत पहला देश देखा है जहां नदी में नहाने से पाप धुल जाते हैं। लाखों लोग नहाने के लिए पहुंचते हैं। यदि नदी में स्नान करने से पाप धुलते हैं तो जेलों में बंद सभी कैदियों को कुंभ स्नान करवाकर उन्हें छोड़ देना चाहिए।’’
* 13 फरवरी को ‘गाजीपुर’ लोकसभा सीट से सपा सांसद ‘अफजाल अंसारी’ ने  महाकुंभ स्नान को लेकर कहा, ‘‘महाकुंभ नहाने की होड़ मची हुई है। लोगों का ऐसा मानना है कि महाकुंभ स्नान से उन्हें वैकुंठ मिलेगा। ऐसे में स्वर्ग तो हाऊसफुल हो जाएगा और नरक खाली हो जाएगा।’’

* 14 फरवरी को शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के नेता तथा सांसद संजय राऊत के छोटे भाई और विधायक सुनील राऊत ने कहा कि, ‘‘आज ही मैं प्रयागराज से मुम्बई आया हूं। दो दिन से प्रयागराज में था। कुंभ का ‘मजा’ देख रहा था। कौन कितने पाप धुल रहा है यह देख रहा था। लोगों को पाप  धोते-धोते देख, उनके पाप मेरे ही बदन को चिपक तो नहीं जाएंगे, यह सोच कर मैंने डुबकी ही नहीं लगाई।’’
सुनील राऊत के उक्त बयान की आलोचना करते हुए एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना की विधायक मनीषा कायंदे ने कहा है कि ‘‘जिस उद्धव शिवसेना का कांग्रेसीकरण हो गया हो उससे क्या उम्मीद कर सकते हैं। बाला साहिब ठाकरे होते तो सुनील राऊत को जूते से पीटते।’’
देश में कई राजनीतिक दल हैं और कई धार्मिक आस्थाओं और मान्यताओं वाले लोग रहते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी-अपनी विचारधारा के अनुसार बोलने का अधिकार है। अत: इसे अन्यथा न लेकर इन बयानों को मनोरंजन की दृष्टिï से ही पढ़ा जाए।—विजय कुमार

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