Edited By ,Updated: 13 Jun, 2023 04:58 AM
13 जून, 1965 के दिन पूज्य पिता अमर शहीद लाला जगत नारायण जी ने स्वतंत्र और निर्भीक पत्रकारिता के प्रतीक ‘पंजाब केसरी’ का प्रकाशन आरंभ किया था, जो आज अपनी 58 वर्षों की यात्रा सफलतापूर्वक तय करके 59वें वर्ष में प्रवेश कर गया है।
13 जून, 1965 के दिन पूज्य पिता अमर शहीद लाला जगत नारायण जी ने स्वतंत्र और निर्भीक पत्रकारिता के प्रतीक ‘पंजाब केसरी’ का प्रकाशन आरंभ किया था, जो आज अपनी 58 वर्षों की यात्रा सफलतापूर्वक तय करके 59वें वर्ष में प्रवेश कर गया है। ‘पंजाब केसरी’ का प्रकाशन 6000 प्रतियों से शुरू हुआ था जो अब लाखों की संख्या में छप रहा है। इस समय इसके सभी संस्करणों की प्रकाशन संख्या लगभग पौने सात लाख प्रतियां तथा औसत पाठक संख्या आई.आर.एस. के अनुसार 1.17 करोड़ है।
जिन दिनों ‘पंजाब केसरी’ का प्रकाशन आरंभ हुआ, कम्पोजिंग हाथ से एक-एक अक्षर जोड़ कर होती थी परंतु अब समूचे समाचारपत्र का प्रकाशन कम्प्यूटराइज्ड हो गया है। शुरूआती दौर में ‘पंजाब केसरी’ की पृष्ठï संख्या आम तौर पर 6 हुआ करती थी जो अब बढ़ कर प्रतिदिन 18-24 पृष्ठों तक पहुंच गई है और रविवारीय संस्करणों की पृष्ठï संख्या तो 24 से 32 पृष्ठों तक होती है। इस बीच 6 अगस्त, 2013 को नई दिल्ली से ‘नवोदय टाइम्स’ का प्रकाशन आरंभ किया गया।
इसकी शुरूआत 3700 प्रतियों से की गई थी जो इस समय बढ़कर ए.बी.सी. के अनुसार सवा लाख प्रतियों के लगभग हो गई है और इसमें लगातार वृद्धि हो रही है। इस दौरान हमारे पत्र समूह पर अनेक प्रहार भी हुए तथा हमें अनेक कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ा। पंजाब में आतंकवाद के शिखरकाल में 9 सितम्बर,1981 को पूज्य पिता जी और फिर 12 मई,1984 को बड़े भाई श्री रमेश चंद्र जी को शहीद कर दिया गया।
इनके अलावा उस काले दौर में हमने 2 समाचार सम्पादक और उप-संपादक व 60 अन्य संवाददाता, छायाकार, ड्राइवर, एजैंट और हॉकर भी खोए। इस सबके बावजूद प्रभु की कृपा से आपका यह प्रिय समाचारपत्र सब बाधाएं पार करता हुआ आगे बढ़ता रहा, जिसमें आप सबके सहयोग और हमारे कर्मठ तथा मेहनती स्टाफ का भी बड़ा हाथ है। आज अपने 59वें वर्ष में प्रवेश करते हुए हम निर्भीक और स्वतंत्र पत्रकारिता की कसौटी पर खरा उतरने का संकल्प दोहराते हुए, अपनी इस सफलता-यात्रा में सहभागी बनने के लिए अपने सभी पाठकों और संरक्षकों का हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं। हमें विश्वास है कि भविष्य में भी ‘पंजाब केसरी’ को आपका सहयोग पहले की भांति ही मिलता रहेगा। -विजय कुमार