Edited By ,Updated: 03 Sep, 2024 05:10 AM
‘राजस्थान पब्लिक सर्विस कमिशन’ की ओर से 2021 में ली गई सब इंस्पैक्टर भर्ती परीक्षा में पेपर लीक की जानकारी सामने आने पर इसकी जांच ‘स्पैशल आप्रेशन ग्रुप’ (एस.ओ.जी.) को सौंपी गई थी।
‘राजस्थान पब्लिक सर्विस कमिशन’ की ओर से 2021 में ली गई सब इंस्पैक्टर भर्ती परीक्षा में पेपर लीक की जानकारी सामने आने पर इसकी जांच ‘स्पैशल आप्रेशन ग्रुप’ (एस.ओ.जी.) को सौंपी गई थी। इस सिलसिले में ‘स्पैशल आप्रेशन ग्रुप’ (एस.ओ.जी.) ने 2018 से 2022 तक ‘राजस्थान पब्लिक सर्विस कमिशन’ (आर.पी.एस.सी.) के सदस्य रहे ‘रामू राम राईका’ की बेटी ‘शोभा राईका’ तथा बेटे ‘देवेश’ के अलावा 3 अन्य ट्रेनी एस.आई. ‘मंजू देवी’, ‘अविनाश’ तथा ‘बिजेंद्र कुमार’ को 31 अगस्त, 2024 को गिरफ्तार किया है। आरोपियों को उसी दिन न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया जहां से इन्हें 7 सितम्बर तक एस.ओ.जी. के रिमांड में दे दिया है जबकि बाद में ‘रामू राम राईका’ को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
एस.ओ.जी. की पड़ताल के अनुसार ‘रामू राम राईका’ का बेटा ‘देवेश’ अतीत में आई.ए.एस., आर.ए.एस. और एस.आई. की भर्ती परीक्षाएं देकर सभी परीक्षाओं में फेल हो चुका था। ‘रामू राम राईका’ की बेटी ‘शोभा’ भी पहले एस.आई. भर्ती परीक्षा में फेल हो चुकी थी। एस.ओ.जी. की पड़ताल में सामने आया कि ‘रामू राम राईका’ ने ‘राजस्थान पब्लिक सॢवस कमिशन’ (आर.पी.एस.सी.) का सदस्य रहते हुए अपने बेटे ‘देवेश राईका’ और बेटी ‘शोभा राईका’ को एस.आई. भर्ती का पेपर पहले ही दे दिया था। उल्लेखनीय है पिछली बार लिए गए टैस्ट में ‘शोभा राईका’ तथा ‘देवेश राईका’ की क्रमश: पांचवीं तथा चालीसवीं रैंक थी परंतु जब एस.ओ.जी. ने इस बार टैस्ट लिया तो वे राज्य के राज्यपाल का नाम तक नहीं बता पाए।
एस.ओ.जी. ने राय सिंह नगर निवासी ‘मंजू’ और झुंझुनूं निवासी ‘बिजेंद्र’ को भी गिरफ्तार किया है जिन्हें पेपर लीक गिरोह के मास्टर माइंड ‘भांभू’ के जरिए परीक्षा से पहले एस.आई. भर्ती का पेपर मिला था। वहीं शाहपुरा, जयपुर के ‘अविनाश’ को पेपर लीक के सरगना ‘शेर सिंह मीणा’ के जरिए एस.आई. भर्ती का पेपर मिला था। एस.ओ.जी.-ए.टी.एस. के ए.डी.जी. ‘श्री वी.के. सिंह’ के अनुसार एस.आई. पेपर लीक में अब तक 42 ट्रेनी एस.आई. सहित 66 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से 61 के विरुद्ध एस.ओ.जी. एक मुख्य और 2 पूरक चार्जशीट पेश कर चुकी है। इनके अलावा अभी ट्रेङ्क्षनग ले रहे लगभग 20 और एस.आई. जिनकी ट्रेङ्क्षनग इस वर्ष अक्तूबर में पूरी होने वाली है, इस समय एस.ओ.जी. के राडार पर हैं। कई अन्य लोगों पर भी एस.ओ.जी. की नजर है।
यह दूसरा मामला है जब ‘राजस्थान पब्लिक सर्विस कमिशन’ (आर.पी.एस.सी.) के किसी सदस्य को पेपर लीक मामले में एस.ओ.जी. ने गिरफ्तार किया है। इससे पहले एस.ओ.जी. ने इसके सदस्य ‘बाबू लाल कटारा’ को शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले में आर.पी.एस.सी. का सदस्य रहते पकड़ा था जिसे बाद में राज्यपाल ‘कलराज मिश्र’ ने निलम्बित कर दिया था। पेपर लीक का यह इकलौता मामला नहीं है। इस से पहले उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 2022 में आयोजित लेखापाल भर्ती परीक्षा प्रश्न पत्र के लीक होने की खबरें भी सुर्खियां बन चुकी हैं। 2023 में हरियाणा लोक सेवा आयोग को तब बड़ी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा का प्रश्न पत्र परीक्षा से कुछ घंटे पहले ही लीक हो गया। कर्मचारी चयन आयोग को 2023 में कांस्टेबल परीक्षा के दौरान पेपर लीक के आरोपों का सामना करना पड़ा। प्रश्न पत्र परीक्षा से पहले सोशल मीडिया पर साझा किया गया था।
इस समय जबकि देश भारी बेरोजगारी से जूझ रहा है, जब भी किसी भी राज्य में सरकारी नौकरी के लिए आसामियां निकलती हैं तो बड़ी संख्या में युवा इन नौकरियों के लिए आवेदन करते हैं परंतु इनके लिए ली जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में घोटालों के कारण पात्र उम्मीदवारों के अधिकार छिन रहे हैं। पेपर लीक होने के कारण जहां योग्य उम्मीदवार नौकरी पाने से रह गए, वहीं पुलिस विभाग में रिक्त स्थानों पर भर्ती न होने से विभाग के काम का भी नुकसान हुआ। अत: पेपर लीक में शामिल होने वालों को कठोरतम दंड दिया जाना चाहिए ताकि इस बुराई पर रोक लग सके।—विजय कुमार