‘स्कूली बसों में बच्चों की सुरक्षा’ ‘पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का सही आदेश’

Edited By ,Updated: 24 Aug, 2024 05:11 AM

safety of children in school buses  punjab haryana hc order is correct

अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए माता-पिता स्कूली बसों का सहारा लेते हैं। कुछ बसें स्कूलों के प्रबंधकों द्वारा चलाई जाती हैं जबकि कुछ बसें वे ठेके पर लेते हैं। इनके ड्राइवरों व अन्य स्टाफ द्वारा नशे में वाहन चलाने, बच्चियों से छेड़छाड़ और यौन...

अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए माता-पिता स्कूली बसों का सहारा लेते हैं। कुछ बसें स्कूलों के प्रबंधकों द्वारा चलाई जाती हैं जबकि कुछ बसें वे ठेके पर लेते हैं। इनके ड्राइवरों व अन्य स्टाफ द्वारा नशे में वाहन चलाने, बच्चियों से छेड़छाड़ और यौन उत्पीडऩ आदि की घटनाएं होती रहती हैं। ऐसी कोई घटना होने पर कई बार स्कूल प्रबंधक यह कह कर पल्ला झाड़ लेते हैं कि बस उनकी नहीं बल्कि ठेके पर ली हुई थी।

इसी का संज्ञान लेते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा और पंजाब की सरकारों तथा चंडीगढ़ के प्रशासन को ‘सुरक्षित स्कूल वाहन नीति’ के अंतर्गत सभी स्कूली बसों में सी.सी.टी.वी. कैमरे, स्पीड गवर्नर व हाइड्रॉलिक दरवाजों का प्रावधान करने का निर्देश देते हुए पूछा था कि उनकी स्कूली बसों के स्टाफ को ‘बेसिक लाइफ सपोर्ट सिस्टम’ की ट्रेनिंग दी जा सकती है या नहीं। इसी सिलसिले में मान्य चीफ जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस विकास सूरी पर आधारित पीठ ने हरियाणा और पंजाब की सरकारों तथा यू.टी. चंडीगढ़ के प्रशासन से अपने-अपने क्षेत्र में ‘सुरक्षित स्कूल वाहन नीति’ को सही तरीके से लागू करवाने का आदेश देते हुए कोर्ट मित्र के समक्ष 24 अक्तूबर से पहले अपना जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं। 

माननीय न्यायाधीशों के अनुसार यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि उनके क्षेत्र में आने वाले स्कूलों में इस दिशा-निर्देश के पालन को सुनिश्चित करें। नियमों का पालन नहीं करने पर सरकार ऐसे स्कूलों की मान्यता रद्द करने का निर्णय ले सकती है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि बस स्कूल की अपनी न होकर किसी ठेकेदार की है, तो भी स्कूल प्रबंधन की यह जिम्मेदारी है कि वह ‘सुरक्षित स्कूल वाहन नीति’ का पालन सुनिश्चित करे। स्कूल बस दुर्घटनाओं के परिणामस्वरूप बच्चों की जान को खतरे तथा बसों के ड्राइवर व अन्य स्टाफ द्वारा बच्चियों के यौन शोषण के समय-समय पर सामने आते रहने वाले मामलों के दृष्टिïगत पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट का उक्त आदेश सही है जिसके लिए न्यायाधीश साधुवाद के पात्र हैं।—विजय कुमार

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!