Edited By ,Updated: 13 Mar, 2025 04:23 AM

भारतीय जेलों में बंद कैदियों से मोबाइल फोनों और नशों आदि की बरामदगी आज आम बात हो गई है, जिसमें जेलों के कर्मचारियों की मिलीभगत पाई जा रही है। यह समस्या कितना गंभीर रूप धारण कर चुकी है, यह पिछले 6 महीनों के निम्न उदाहरणों से स्पष्ट है :
भारतीय जेलों में बंद कैदियों से मोबाइल फोनों और नशों आदि की बरामदगी आज आम बात हो गई है, जिसमें जेलों के कर्मचारियों की मिलीभगत पाई जा रही है। यह समस्या कितना गंभीर रूप धारण कर चुकी है, यह पिछले 6 महीनों के निम्न उदाहरणों से स्पष्ट है :
* 5 अगस्त, 2024 को ‘अलवर’ (राजस्थान) सैंट्रल जेल में ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी ‘मनीष यादव’ को जेल में बंद कैदियों और हवालातियों को प्रतिबंधित वस्तुएं सप्लाई करने के आरोप में गिरफ्तार करके उसके बैग से 3 ‘मोबाइल फोन’, 64 ग्राम ‘गांजा’, 83 बंडल ‘बीड़ी’, 10 पुडिय़ां ‘गुटका’, ‘जर्दा’ और 4 ‘तम्बाकू के बंडल’ बरामद किए गए। अधिकारियों के अनुसार जेल में 4 ग्राम ‘गांजे’ की कीमत 3000 रुपए, बीड़ी के एक बंडल की कीमत 1000 रुपए, छोटा मोबाइल फोन 20,000 रुपए, तम्बाकू की पुडिय़ा 300 से 500 रुपए या उससे भी अधिक ली जाती है।
* 11 अक्तूबर, 2024 को ‘दौसा’ (राजस्थान) स्थित हाई सिक्योरिटी जेल में तलाशी के लिए पुलिस के पहुंचने की भनक लगने पर जेल में तैनात गार्ड ‘राम नाथ’ ने नशा सप्लाई करने आए अपने 2 साथी तस्करों को सावधान कर दिया जिस पर वे जेल परिसर में ही 243 ग्राम अफीम और अन्य प्रतिबंधित सामान फैंक कर भाग गए जिसे जेल में छापा मारने आई पुलिस ने जब्त करने के बाद ‘गार्ड रामनाथ’ को गिरफ्तार कर लिया।
* 16 जनवरी, 2025 को ‘त्रिचूर’ (केरल) में ‘वियूर हाई सिक्योरिटी जेल’ के सहायक जेलर ‘शम्सुद्दीन’ को जेल में सजा काट रहे कैदियों को बीडिय़ां बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। ‘शम्सुद्दीन’ 200 रुपए मूल्य वाला बीडिय़ों का बंडल कैदियों को 4000 रुपए में बेच रहा था।
* 1 फरवरी, 2025 को बठिंडा (पंजाब) की केंद्रीय जेल में कैदियों को हैरोइन सप्लाई करने के आरोप में वहां तैनात ‘तस्वीर सिंह’ नामक एक सीनियर कांस्टेबल को गिरफ्तार करके उसके पास से 15 ग्राम हैरोइन तथा तम्बाकू की 4 पुडिय़ां बरामद की गईं।
* 5 फरवरी, 2025 को ‘पणजी’ में गोवा पुलिस तथा जेल अधिकारियों ने ‘कोलवाले जेल’ के डिप्टी सुपरिंटैंडैंट ‘कृष्णा उसगांवकर’ तथा ‘इंडियन रिजर्व बटालियन’ के सहायक सब इंस्पैक्टर ‘सूरज तोरास्कर’ को कैदियों को जेल के अंदर नशीले पदार्थ सप्लाई करने के आरोप में गिरफ्तार किया।
* 5 मार्च, 2025 को अधिकारियों ने ‘अमृतसर केंद्रीय जेल’ में तैनात कर्मचारी ‘हीरा सिंह’ के कब्जे से बीडिय़ों के 24 बंडल बरामद किए।
* 6 मार्च, 2025 को पंजाब सरकार ने होशियारपुर सैंट्रल जेल के ‘सुपरिंटैंडैंट बलजीत सिंह घुम्मण’ को जेल में चल रही नशा तस्करी और अन्य अवैध गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में निलंबित किया।
* 8 मार्च को ‘अमृतसर सैंट्रल जेल’ के अधिकारियों ने कैदियों को नशीले पदार्थ सप्लाई करने के आरोप में जेल वार्डन ‘जगदीप सिंह’ को गिरफ्तार करके उसके कमरे की तलाशी के दौरान वहां से नकद 63,650 रुपयों के अलावा, 217 बंडल ‘बीड़ी’, 260 ग्राम ‘नशीला पाऊडर’, 50 ग्राम ‘चरस’, 960 ‘नशीली गोलियां’ आदि बरामद कीं।
* 11 मार्च को ‘अमृतसर सैंट्रल जेल’ में तलाशी अभियान के दौरान ‘जगदीप सिंह’ नामक एक कर्मचारी को चाय की खाली केतली में 2 मोबाइल फोन तथा चार्जर छिपाकर जेल के अंदर ले जाते हुए गिरफ्तार किया गया जो वह कैदियों और हवालातियों को देने वाला था।
उल्लेखनीय है कि स्वतंत्रता के बाद से देश में जेलों के सुधार के लिए अनेक कमेटियां गठित की गईं परंतु लगभग सभी सुझाव ठंडे बस्ते में डाल दिए जाने के कारण जेलों का हाल लगातार बुरा होता चला गया।
अत: जहां जेलों में सुधार संबंधी सिफारिशों को तुरंत लागू करने की जरूरत है, वहीं इनमें नशे की तस्करी आदि रोकने के लिए बेहतर सुरक्षा प्रबंधों, कैदियों पर नजर रखने के लिए सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने, मोबाइल आदि ले जाने और इनका इस्तेमाल रोकने के लिए तुरंत जैमर लगाने और जेलों में कैदियों को नशा एवं अन्य प्रतिबंधित वस्तुएं पहुंचाने के लिए जिम्मेदार कर्मचारियों को कठोर दंड देने की जरूरत है।—विजय कुमार