Edited By ,Updated: 06 Sep, 2024 04:55 AM
भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी अपनी स्पष्टवादिता के लिए प्रसिद्ध हैं। वह अपनी ही पार्टी और सरकार को भी निष्पक्ष सलाह देने से संकोच नहीं करते। महाराष्ट्र के ‘सिंधुदुर्ग’ जिले के राजकोट किले में 2.4...
भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी अपनी स्पष्टवादिता के लिए प्रसिद्ध हैं। वह अपनी ही पार्टी और सरकार को भी निष्पक्ष सलाह देने से संकोच नहीं करते। महाराष्ट्र के ‘सिंधुदुर्ग’ जिले के राजकोट किले में 2.4 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित मराठा राज्य के संस्थापक ‘छत्रपति शिवाजी महाराज’ की प्रतिमा इसी वर्ष 26 अगस्त को टूट कर गिर जाने से इन दिनों महाराष्ट्र की राजनीति में बवाल मचा हुआ है जबकि राज्य में इसी वर्ष विधानसभा के चुनाव भी होने वाले हैं।
‘छत्रपति शिवाजी महाराज’ की विरासत का सम्मान करने के उद्देश्य से लगाई गई इस प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी पिछले ही वर्ष 4 दिसम्बर को नौसेना दिवस के अवसर पर किया था। प्रतिमा गिरने को लेकर राज्य की शिव सेना (एकनाथ शिंदे) तथा भाजपा की गठबंधन सरकार पर विरोधी दल हमलावर हैं। कांग्रेस, राकांपा तथा शिवसेना (उद्धव बाला साहब ठाकरे) ने इस मुद्दे को लेकर 1 सितम्बर को मुम्बई में प्रदर्शन भी किया जिसे उन्होंने ‘जोड़े मारो’ (जूता मारो) नाम दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतिमा गिरने के लिए माफी भी मांगी है तथा इसके गिरने के कुछ ही दिन पूर्व 20 अगस्त, 2024 को ‘राज्य लोक निर्माण विभाग’ (एस.पी.डब्ल्यू.डी.) के एक सहायक इंजीनियर ने प्रतिमा की खस्ता हालत की ओर ध्यान दिलाते हुए नौसेना के अधिकारियों को एक पत्र लिख कर सूचित किया था कि इस प्रतिमा को जोडऩे में जंग लगे नट और बोल्ट इस्तेमाल किए गए हैं।
श्री नितिन गडकरी ने इस संबंध में टिप्पणी करते हुए कहा है कि ‘छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा’ के निर्माण में यदि स्टेनलैस स्टील का इस्तेमाल किया गया होता तो यह नहीं गिरती। इसके साथ ही उन्होंने तटवर्ती क्षेत्रों में किए जाने वाले निर्माणों पर जंगरोधी उत्पादों के इस्तेमाल पर भी जोर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि समुद्र के 30 किलोमीटर के दायरे में पुलों आदि के निर्माण में स्टेनलैस स्टील का इस्तेमाल ही किया जाना चाहिए। मैं पिछले 3 वर्षों से इस बात के लिए दबाव बना रहा हूं।’’ इस घटना के सम्बन्ध में सिंधु दुर्ग पुलिस ने स्ट्रक्चरल कंसल्टैंट ‘चेतन पाटिल’ को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था और अब 4 सितम्बर को ‘छत्रपति शिवाजी महाराज’ की मूर्ति बनाने वाले ‘जयदीप आप्टे’ को भी गिरफ्तार कर लिया है।
‘महाराष्ट्र कला निदेशालय’ के डायरैक्टर राजीव मिश्रा के अनुसार उन्होंने केवल 6 फुट की प्रतिमा बनाने के लिए अनुमति दी थी परंतु नौसेना ने बिना बताए प्रतिमा की ऊंचाई 35 फुट कर दी। उल्लेखनीय है कि हाल ही में जब श्री नितिन गडकरी ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को जीवन बीमा और चिकित्सा बीमा पर जी.एस.टी. वापस लेने का अनुरोध किया था तब भी राजनीतिक क्षेत्रों में विवाद उत्पन्न हो गया था। वरिष्ठ विपक्षी नेता शरद पवार ने ‘छत्रपति शिवाजी महाराज’ की प्रतिमा गिरने को लेकर नितिन गडकरी की टिप्पणी का स्वागत किया है। यही नहीं, श्री नितिन गडकरी ने 4 सितम्बर को ही एक अन्य महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए दोपहिया वाहन निर्माताओं से वाहन खरीदारों को रियायती दर पर हैलमेट उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।
श्री गडकरी ने कहा कि कई लोग हैलमेट नहीं पहनने के कारण सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा देते हैं। वर्ष 2022 में हुई सड़क दुर्घटनाओं में 50,029 लोगों की मौत हैलमेट नहीं पहनने के परिणामस्वरूप हुई थी। उन्होंने कहा,‘‘यदि दोपहिया वाहन निर्माता वाहन खरीदने वालों को हैलमेट पर कुछ उचित छूट दे सकें तो हम कई लोगों की जान बचा सकते हैं।’’‘छत्रपति शिवाजी महाराज’ की मूर्ति टूटने के सम्बन्ध में श्री नितिन गडकरी के विचार और दोपहिया वाहन निर्माताओं से खरीदारों को सस्ती रियायती दर पर हैलमेट उपलब्ध करवाने की उनकी सलाह बिल्कुल सही है जिस पर अमल करने की तुरंत जरूरत है।—विजय कुमार