Edited By ,Updated: 06 Jun, 2024 05:14 AM
18वीं लोकसभा के चुनाव समाप्त हुए और परिणामों की घोषणा के बाद ‘राजग’ तथा ‘इंडिया’ दोनों ही गठबंधनों के नेता अपनी-अपनी सरकार बनाने के जोड़-तोड़ में जुटे हुए हैं तथा शपथ ग्रहण समारोह 8 जून को संभावित है। इस बीच चुनाव के दौरान और जीत के बाद पूरे देश में...
18वीं लोकसभा के चुनाव समाप्त हुए और परिणामों की घोषणा के बाद ‘राजग’ तथा ‘इंडिया’ दोनों ही गठबंधनों के नेता अपनी-अपनी सरकार बनाने के जोड़-तोड़ में जुटे हुए हैं तथा शपथ ग्रहण समारोह 8 जून को संभावित है। इस बीच चुनाव के दौरान और जीत के बाद पूरे देश में जो दिलचस्प बातें हुईं, वे पाठकों की दिलचस्पी के लिए निम्न में दर्ज हैं :
* एक तांत्रिक के अनुसार कई उम्मीदवारों ने चुनावों में जीत की खातिर तांत्रिक अनुष्ठान करवाए हैं जिनके लिए विभिन्न जानवरों के अंगों की काफी मांग रही।
हिमाचल के चम्बा में वन विभाग ने ‘गीदड़ सिंगी’, ‘मॉनिटर लिजर्ड’ (एक प्रकार की छिपकली) के ‘पंजे’ तथा 13 जबड़े, सांपों की खोपडिय़ां, कछुओं की ठठरी आदि जब्त की हैं, जिनका इस्तेमाल पंजाब में चुनावों से पूर्व तंत्र-मंत्र के लिए किया जाना था।
* कोयम्बटूर में द्रमुक कार्यकत्र्ताओं ने अपने प्रत्याशी ‘गणपति पी. राजकुमार’ की जीत का जश्न बेहद भद्दे ढंग से मनाया। उन्होंने तमिलनाडु प्रदेश भाजपाध्यक्ष ‘के. अन्नामलाई’ की पराजय का मजाक उड़ाने के लिए एक बकरे के गले में ‘अन्नामलाई’ की तस्वीर डाल कर जुलूस निकाला और इस दौरान बकरे को यातनाएं भी दीं।
* 1980 में बढ़ी प्याज की कीमतों ने केंद्र की जनता सरकार को गिरा दिया था और 1977 में बुरी तरह हार कर सत्ताच्युत हुई इंदिरा गांधी को सत्ता में लौटने का अवसर मिल गया था। प्याज की कीमतों में भारी वृद्धि के कारण ही 1998 में दिल्ली विधानसभा के चुनावों में भाजपा हार गई थी। और अब एक बार फिर लोकसभा के चुनावों में प्याज ने महाराष्ट्र के चुनाव परिणामों पर असर डाला है। केंद्र सरकार ने गत वर्ष प्याज की कीमतें काबू में रखने के लिए इसके निर्यात पर रोक लगा दी थी। इससे कीमतें तो काबू में रहीं परंतु प्याज की खेती करने वाले राज्य के 18 जिलों के किसानों की नाराजगी के कारण इन चुनावों में भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) को नासिक, डिंडोरी, धुले जैसी महत्वपूर्ण सीटों से हाथ धोना पड़ा।
* इटावा लोकसभा सीट पर डा. राम शंकर कथेरिया (भाजपा) को अपनी जीत का पूरा भरोसा होने के कारण उन्होंने एक गैस्ट हाऊस में बड़े टी.वी. पर नतीजे दिखाने के अलावा खाने-पीने का सामान और मिठाई आदि तैयार करवाना शुरू कर रखा था, लेकिन मतगणना आगे बढऩे के साथ-साथ वहां मौजूद सब लोगों के चेहरे का रंग उड़ता चला गया और सारी मिठाई आदि बनी-बनाई रह गई जब सपा के ‘जितेंद्र कुमार दोहारे’ को विजेता घोषित कर दिया गया।
* जालन्धर में मतगणना स्थल पर पहुंचे एक निर्दलीय उम्मीदवार ने नतीजा आने से पहले ही रोना शुरू कर दिया जिस पर उसके समर्थकों ने उसे संभाला और नोटों का हार पहना कर उसे दिलासा दिया।
* अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा भाजपा के चुनाव प्रचार का महत्वपूर्ण हिस्सा था। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भाजपा को आशा थी कि इसका लाभ उसे पूरे देश में मिलेगा परंतु पार्टी उम्मीदवार लल्लू सिंह को ‘अयोध्या सीट’ के नाम से मशहूर फैजाबाद में सपा के अवधेश प्रसाद ने हरा दिया। राजद नेता तेजस्वी यादव ने इस पर कहा कि, ‘‘भगवान राम का आशीर्वाद ‘इंडिया गठबंधन’ को मिला है।’’
* अमृतसर सीट पर चुनाव लडऩे वाले 30 उम्मीदवारों में से 7 निर्दलीय उम्मीदवार तो 1000 वोट भी हासिल नहीं कर सके। इनमें से दिलबाग सिंह को सबसे कम 391 वोट मिले। उसके बाद नीलम (409), पृथ्वी पाल (434), गगनदीप (610), रमेश कुमार (652), गुरप्रीत सिंह रत्न (738), बलविंद्र सिंह (857) व राजेंद्र कुमार शर्मा (900) का स्थान रहा।
* दिल्ली की 7 सीटों पर चुनाव लडऩे वाले 162 उम्मीदवारों में से 148 (91 प्रतिशत) की जमानत भी जब्त हो गई। चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र से 23, नई दिल्ली से 15, दक्षिण दिल्ली से 20, पश्चिमी दिल्ली से 22, उत्तर-पूर्वी दिल्ली से 26, पूर्वी दिल्ली से 18 तथा उत्तर-पश्चिमी दिल्ली से 24 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई।
* अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (भाजपा) को हरा कर इतिहास रचने वाले किशोरी लाल शर्मा (कांग्रेस) के रिश्तेदारों ने पंजाब के मालेरकोटला में उनकी विजय का जश्न उस बेकरी के सामने मनाया, जहां वह बचपन में स्कूल से छुट्टी के बाद अपने पिता के काम में हाथ बंटाया करते थे। हम आशा करते हैं कि जहां उक्त विवरण से हमारे पाठकों का कुछ मनोरंजन हुआ होगा, वहीं उनकी जानकारी में अधिक नहीं तो कुछ वृद्धि अवश्य हुई होगी।—विजय कुमार