Edited By ,Updated: 10 Sep, 2024 05:24 AM
भारतीय रेल सेवा को पटरी से उतारने की देश विरोधी तत्वों द्वारा कोशिशें की जा रही हैं। पिछले कुछ समय के दौरान रेलगाडिय़ां पलटाने और इनपर पथराव की घटनाएं हुई हैं, जो निम्न ताजा उदाहरणों से स्पष्ट है :
भारतीय रेल सेवा को पटरी से उतारने की देश विरोधी तत्वों द्वारा कोशिशें की जा रही हैं। पिछले कुछ समय के दौरान रेलगाडिय़ां पलटाने और इनपर पथराव की घटनाएं हुई हैं, जो निम्न ताजा उदाहरणों से स्पष्ट है :
* 16-17 अगस्त को तड़के 2.30 बजे कानपुर-झांसी रूट पर पटना से अहमदाबाद जा रही ‘साबरमती एक्सप्रैस’ को गोबिंदपुरी और भीमसेन स्टेशनों के बीच पटरी पर 3 फुट लम्बा बोल्डर रख कर पलटाने की कोशिश की गई जिससे इसके 22 डिब्बे पटरी से उतर गए। ‘साबरमती एक्सप्रैस’ की भांति 8 वर्ष पहले ‘इंदौर-पटना एक्सप्रैस’ को पलटाने की साजिश रची गई थी, जिसमें 152 यात्रियों की जान चली गई थी।
* 23 अगस्त को उत्तर प्रदेश में दिल्ली-सहारनपुर रेलवे लाइन पर शामली बाईपास के निकट 50 मीटर की दूरी में लगभग 4 स्थानों पर 30 ‘पैंड्रोल क्लिप’ निकले पाए गए। इसकी सूचना वहां घूमने आए एक छात्र ने रेलवे को दी जिसके बाद ‘पैंड्रोल क्लिप’ लगाकर रेलवे ट्रैक को ठीक किया गया। इतनी बड़ी संख्या में पैंड्रोल क्लिप पटरी से अलग होने पर ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो सकती थी।
* 23 अगस्त को ही राजस्थान के ‘पाली’ जिले में जोधपुर से गुजरात के साबरमती के बीच चलने वाली ‘वंदे भारत’ एक्सप्रैस को ‘जवाई बांध’ तथा ‘बिरोलिया’ के बीच रेल पटरी पर सीमैंट व कंक्रीट का ब्लाक रख कर पलटाने की कोशिश की गई।
* 24 अगस्त को फिर इसी स्थान पर सीमैंट और कंक्रीट के बने 2 ब्लाक रखे पाए गए परंतु समय रहते रेल कर्मियों को सूचना मिल जाने के कारण उन्हें हटा दिया गया।
* 24-25 अगस्त की रात को फर्रुखाबाद में कुछ अराजक तत्वों ने ‘कासगंज-फर्रुखाबाद एक्सप्रैस’ को पटरी से उतारने की कोशिश के अंतर्गत रेलवे ट्रैक पर लकड़ी का टुकड़ा रख दिया जो इंजन में फंस गया।
* 30 अगस्त को राजस्थान के ‘बारां’ जिले में ‘छबड़ा’ रेल लाइन पर मोटरसाइकिल के स्क्रैप से मध्य प्रदेश के गुना से कोटा जा रही मालगाड़ी का इंजन टकरा गया परंतु चालक ने एमरजैंसी ब्रेक लगा कर गाड़ी को पटरी से उतरने से बचा लिया।
* 5 सितम्बर को देर रात फिरोजपुर से चंडीगढ़ जाने वाली ‘सतलुज एक्सप्रैस’ पर ‘बद्दोवाल’ स्टेशन के निकट शरारती तत्वों ने पथराव किया जिससे 4 वर्षीय बच्चे समेत 3 यात्री घायल हो गए।
* 8 सितम्बर को कानपुर में रात लगभग साढ़े 8 बजे ’अनवरगंज- कासगंज’ रेलवे लाइन पर ‘बराजपुर’ और ‘बिल्हौर’ के बीच प्रयागराज से भिवानी जा रही ‘कालिंदी एक्सप्रैस’ के चालक द्वारा रेलवे ट्रैक पर भरे हुए एल.पी.जी. सिलैंडर को देख कर आपातकालीन ब्रेक लगाने से एक बड़ी दुर्घटना टल गई। पुलिस के अनुसार गनीमत रही कि सिलैंडर इंजन में फंस कर फटा नहीं वरना बड़ी दुर्घटना हो सकती थी।
जांच करने पर झाडिय़ों में पुलिस को एक सिलैंडर, मिठाई के डिब्बे में पैट्रोल की बोतल, माचिस और बारूद जैसी कई घातक वस्तुएं मिलीं। ‘बिल्हौर’ के ‘मकनपुर’ में हजरत बदीउद्दीन जिंदाशाह की मजार है जहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में ‘जमातियों’ का आना-जाना लगा रहता है। अत: पुलिस द्वारा जांच के दायरे में ‘जमातियों’ को भी शामिल किया गया है तथा 12 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
* 9 सितम्बर को ही उत्तर प्रदेश में ‘चौकाघाट डेलवालिया’ के निकट लखनऊ-पटना ‘वंदे भारत’ एक्सप्रैस पर पत्थर फैंकने की घटना सामने आई, जिससे ‘वंदे भारत’ के सी-5 कोच के शीशे टूट गए। हाल ही में पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ‘फस्तुला गौरी’ ने एक आडियो जारी कर भारत में मौजूद स्लीपर सैल को रेलगाडिय़ां पलटाने का आदेश दिया था तथा हाल ही की ट्रेन दुर्घटनाओं की भी इसी एंगल से जांच की जा रही है। पाकिस्तान की गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई. के इशारे पर आतंकी संगठन आई.एस.आई.एस. की साजिश का शक भी गहरा रहा है।
पिछले कुछ समय के दौरान सामने आई रेलगाडिय़ां पलटाने तथा उन पर पथराव की उक्त घटनाओं से स्पष्टï है कि देशद्रोही तत्वों के इरादे किस कदर खतरनाक हैं और यदि वे अपने षड्यंत्र में सफल हो जाएं तो कितना बड़ा अनर्थ हो सकता है। अत: शत्रुओं की चालें नाकाम करने के लिए रेल पटरियों के इर्द-गिर्द सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने और समाज विरोधी तत्वों के विरुद्ध चौकसी बढ़ाने की तुरंत आवश्यकता है।—विजय कुमार