Edited By ,Updated: 09 Dec, 2024 03:44 AM
सीरिया के उत्तर-पश्चिम में इस्लामी आतंकवादियों ने पिछले हफ्ते राष्ट्रपति बशर अल-असद की सेना के खिलाफ एक आश्चर्यजनक हमला किया और नाटकीय रूप से क्षेत्रीय लाभ हासिल किया।
सीरिया के उत्तर-पश्चिम में इस्लामी आतंकवादियों ने पिछले हफ्ते राष्ट्रपति बशर अल-असद की सेना के खिलाफ एक आश्चर्यजनक हमला किया और नाटकीय रूप से क्षेत्रीय लाभ हासिल किया। सीरियाई गृह युद्ध, जो 2011 में अरब स्प्रिंग से प्रेरित सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच शुरू हुआ था, 2016 के अंत में एक स्थिर चरण में प्रवेश कर गया था, जब सरकार ने अपने अधिकांश खोए हुए क्षेत्रों पर फिर से कब्जा कर लिया था।
2015 में, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा सीरिया में सेना भेजने का फैसला करने से पहले, असद शासन पतन के कगार पर था। दमिश्क और अलावी-प्रभुत्व वाले तटीय शहरों को छोड़कर, उसने अधिकांश आबादी वाले शहरों को खो दिया था। फ्री सीरियन आर्मी, जबात अल-नुसरा (अल-कायदा की सीरिया शाखा) और इस्लामिक स्टेट (आई.एस.) के रूप में कई विद्रोही और जिहादी गुट थे। रूसी हस्तक्षेप ने गृह युद्ध को पलटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जबकि अमरीका द्वारा समॢथत कुर्द मिलिशिया ने पूर्व में और कुर्द सीमावर्ती शहरों में आई.एस. से लड़ाई लड़ी, वहीं डुओसिया ईरान और हिजबुल्लाह द्वारा समॢथत सीरियाई सेना ने अन्य देशों से लड़ाई लड़ी।
आज सीरिया में तीन मुख्य ‘खिलाड़ी’ हैं। सबसे महत्वपूर्ण असद सरकार है, जिसे ईरान, ईराक और रूस के शिया मिलिशिया का समर्थन प्राप्त है। दूसरा ‘खिलाड़ी’ सीरियन डैमोक्रेटिक फोर्सेस (एस.डी.एफ.) है, जो मूल रूप से पीपुल्स प्रोटैक्शन फोर्सेस (वाई.पी.जी.) से जुड़ा एक प्रमुख मिलिशिया समूह है, जो सीरियाई कुॢदस्तान (रोजावा) को नियंत्रित करने वाला मुख्य सीरियाई कुर्द मिलिशिया है। तीसरा ‘खिलाड़ी’ हयात तहरीर अल-शाम (एच.टी.एस.) है, जो मुख्य सरकार विरोधी बल है जो इदलिब पर नियंत्रण रखता है। आज इसे सीरियन नैशनल आर्मी (एस.एन.ए.) कहा जाता है। एच.टी.एस. का नेतृत्व 42 वर्षीय सीरियाई आतंकवादी अबू मोहम्मद अल-जौलानी कर रहा है।
जौलानी 20 साल की उम्र में ईराक में अमरीकी कब्जे (2003) से लडऩे के लिए ईराक चला गया था और अल-कायदा में शामिल हो गया था । जब ईराक में अल-कायदा की कमान अबू बकर अल-बगदादी के हाथों में थी, तो जौलानी उसके करीबी लैफ्टिनैंटों में से एक के रूप में उभरा। जब दुनिया का ध्यान सीरिया की ओर गया, तो जौलानी ने इदलिब में अपना साम्राज्य धीरे-धीरे बढ़ाया। इस्लामिक स्टेट हार गया और बगदादी मारा गया। जौलानी ने सबसे पहले अल-नुसरा फ्रंट का नाम बदलकर जबात फतेह अल-शाम कर दिया। बाद में, नाम बदलकर फिर से हयात तहरीर अल-शाम कर दिया। जौलानी एक यू.एस. द्वारा नामित आतंकवादी है।
जौलानी ने हमेशा कहा था कि असद शासन को गिराना उसके उद्देश्यों में से एक था। रूस ने 24 फरवरी, 2022 को यूक्रेन से युद्ध शुरू किया। मॉस्को आज चल रहे युद्ध में व्यस्त है, और उसने सीरिया से हजारों सैनिकों को वापस भी बुला लिया है। पिछले एक साल में, सीरिया में इसराईली हवाई हमलों में कई वरिष्ठ ईरानी जनरल मारे गए। पिछले कई वर्षों में सीरिया में इसराईल के बार-बार हवाई हमलों ने ईरानी सेना को काफी हद तक कमजोर कर दिया है।
ईरान, हिजबुल्लाह और रूस के प्रत्यक्ष समर्थन के बिना, सीरिया के सैनिक असुरक्षित थे। 2016 में अलेप्पो पर फिर से कब्जा करने में असद को चार साल लग गए परन्तु एच.टी.एस. के हाथों उसे खोने में उसे सिर्फ चार दिन लगे। यह शासन के लिए एक शर्मनाक झटका है।
देश के अन्य हिस्सों में विद्रोही समूहों ने सरकारी ठिकानों पर हमला करना शुरू कर दिया, खासकर दक्षिण में। दमिश्क में ङ्क्षहसा के बीच चौक चौराहों पर आजादी के नारे लग रहे हैं। विद्रोहियों ने कहा है कि ‘‘यह 50 वर्षों के उत्पीडऩ और 13 साल के अपराध, अत्याचार और विस्थापन का अंत है’’। असद देश छोड़ कर भाग चुके हैं। लेकिन असद को खारिज करना जल्दबाजी होगी, जो एक बार वर्षों तक चले गृह युद्ध से बच गए थे। ऐसा लगता है कि सीरिया रक्तपात के एक और लंबे दौर में फंसता चला जा रहा है।