Edited By ,Updated: 05 Sep, 2024 05:02 AM
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पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के संबंध शुरू से ही तनावपूर्ण चले आ रहे हैं। जहां जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान अपने पाले हुए आतंकवादियों द्वारा ङ्क्षहसा करवाता आ रहा है, वहीं उत्तर-पूर्व के राज्यों मणिपुर, नागालैंड और त्रिपुरा आदि भी लम्बे समय से अशांत...
पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के संबंध शुरू से ही तनावपूर्ण चले आ रहे हैं। जहां जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान अपने पाले हुए आतंकवादियों द्वारा ङ्क्षहसा करवाता आ रहा है, वहीं उत्तर-पूर्व के राज्यों मणिपुर, नागालैंड और त्रिपुरा आदि भी लम्बे समय से अशांत चले आ रहे हैं। इस तरह के हालात के बीच भारत सरकार की ‘रक्षा खरीद परिषद’ ने सशस्त्र सेनाओं की क्षमता बढ़ाने तथा उनके आधुनिकीकरण के लिए लगभग 1 लाख 45 हजार करोड़ रुपए के रक्षा सौदों को स्वीकृति दी है।
इन सौदों की कुल लागत का 99 प्रतिशत डिजाइन, विकास और निर्माण स्वदेशी होगा। इनमें सेना के टैंक बेड़े के आधुनिकीकरण के लिए ‘फ्यूचर रैडी काम्बैट व्हीकल्स’ की खरीद भी शामिल है। यह सभी इलाकों में काम करने में सक्षम, बहुस्तरीय सुरक्षा, सटीक तथा खतरनाक लोगों पर काबू पाने वाले उपकरणों से लैस बेहतर गतिशीलता से युक्त मुख्य युद्धक टैंक होगा।
‘रक्षा खरीद परिषद’ ने हवाई लक्ष्य का पता लगाने और ट्रैक करने के साथ-साथ फायरिंग करने में भी सक्षम एयर डिफैंस फायर कंट्रोल राडार की खरीद के लिए भी स्वीकृति देने के अलावा भारतीय तटरक्षक बल की क्षमता बढ़ाने के लिए खरीद के तीन प्रस्ताव भी स्वीकार किए हैं। खराब मौसम की स्थिति में उच्च परिचालन सुविधाओं और उन्नत तकनीक तथा लम्बी दूरी के संचालन वाले अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों की खरीद से तटरक्षक बल की निगरानी, खोज एवं बचाव तथा आपदा राहत अभियान चलाने की क्षमता में वृद्धि होगी।
देश की सुरक्षा को दरपेश खतरों को देखते हुए सरकार द्वारा सशस्त्र सेनाओं की क्षमता बढ़ाने तथा उनके आधुनिकीकरण के लिए जितनी जल्दी हो सके इन हथियारों को भारतीय सेना का हिस्सा बनाया जाए, उतना ही अच्छा होगा ताकि देश की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।—विजय कुमार