Edited By ,Updated: 22 Oct, 2024 04:27 AM
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भारत में 1 जुलाई, 2017 से लागू जी.एस.टी. में लगातार सुधारों का सिलसिला जारी है क्योंकि इसमें कुछ वस्तुओं तथा सेवाओं पर टैक्स इस तरह लगाया गया है कि उसमें बार-बार संशोधन की मांग उठती रहती है।
भारत में 1 जुलाई, 2017 से लागू जी.एस.टी. में लगातार सुधारों का सिलसिला जारी है क्योंकि इसमें कुछ वस्तुओं तथा सेवाओं पर टैक्स इस तरह लगाया गया है कि उसमें बार-बार संशोधन की मांग उठती रहती है। अब तक इस कानून में 40 से अधिक बार संशोधन किए जा चुके हैं। देश भर में डेढ़ करोड़ से अधिक बिजनैस जी. एस. टी. के अंतर्गत रजिस्टर्ड हैं।
जी.एस.टी. में संशोधनों की शृंखला में दर युक्तिकरण पर गठित मंत्री समूह (जी.ओ.एम.) ने 19 अक्तूबर, 2024 को 10,000 रुपए से कम कीमत वाली साइकिलों पर जी.एस.टी. 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का सुझाव देने के अलावा एक्सरसाइज नोटबुकों (कॉपियों) पर जी.एस.टी. 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का फैसला किया है।
इसके साथ ही 20 लीटर और उससे अधिक मात्रा की पानी की बोतलों पर जी.एस.टी. 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का फैसला भी किया गया है। मंत्रियों के समूह (जी.ओ.एम.) द्वारा लिए गए उक्त फैसलों पर अंतिम मोहर जी.एस.टी. कौंसिल द्वारा लगाई जाएगी। ये फैसले आम लोगों को राहत देने वाले हैं लेकिन यदि पानी की छोटी बोतलों पर भी जी.एस.टी. घटा दिया जाता तो अच्छा होता।
आम लोगों द्वारा पानी की छोटी बोतलों का ही इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है। इसके साथ ही आवश्यकता इस बात की भी है कि यदि आम जनता से जुड़ी रोजाना इस्तेमाल की वस्तुओं को ढूंढ कर उन पर भी जी.एस.टी. कम किया जाए तो इससे देश की बड़ी जनसंख्या को राहत मिलेगी। -विजय कुमार