Edited By ,Updated: 13 Oct, 2024 05:05 AM
जब भी चुनाव निकट आते हैं, राजनीतिक पार्टियां मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रलोभनों का पिटारा खोल देती हैं। इसकी बड़े पैमाने पर शुरूआत तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता ने की थी। तब से यह सिलसिला देश में हर आने वाले चुनाव के साथ-साथ बढ़ता ही जा...
जब भी चुनाव निकट आते हैं, राजनीतिक पार्टियां मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रलोभनों का पिटारा खोल देती हैं। इसकी बड़े पैमाने पर शुरूआत तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता ने की थी। तब से यह सिलसिला देश में हर आने वाले चुनाव के साथ-साथ बढ़ता ही जा रहा है और अब अमरीका में भी ऐसा ही होता दिखाई दे रहा है। अमरीका में अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति के चुनाव में दूसरी बार भाग्य आजमा रहे रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रम्प भी अमरीकावासियों को मुफ्त की रेवडिय़ों का सब्जबाग दिखा रहे हैं। डैमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस के मुकाबले अपनी कमजोर स्थिति को भांप कर डोनाल्ड ट्रम्प तरह-तरह के लुभावने भाषण दे रहे हैं। इसी सिलसिले में उन्होंने हाल ही में ‘डेट्रायट इकोनोमिक क्लब’ में भाषण देते हुए सत्ता में आने के 12 महीनों के भीतर ऊर्जा तथा बिजली की दरें आधी कर देने का वादा किया।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 11 अक्तूबर को ही डोनाल्ड ट्रम्प के उक्त बयान का हवाला देते हुए सोशल मीडिया पर कहा कि‘‘मुफ्त की रेवड़ी अब अमरीका तक पहुंच गई है। ट्रम्प ने घोषणा की है कि वह बिजली की दरें आधी कर देंगे।’’अरविंद केजरीवाल की देखा-देखी देश में लगभग सभी पार्टियों ने उपहार रूपी रेवडिय़ां बांटनी शुरू कर रखी हैं। हाल ही में हुए जम्मू-कश्मीर के चुनावों में नैकां तथा पी.डी.पी. दोनों ने ही घरेलू खपतकारों को प्रति मास 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने, विश्व स्तर तक शिक्षा मुफ्त देने की घोषणाएं कीं।
हरियाणा में कांग्रेस ने सत्ता में आने पर प्रतिमाह 300 यूनिट बिजली, 500 रुपए में रसोई गैस सिलैंडर, बुजुर्गों को बुढ़ापा पैंंशन 6000 रुपए मासिक करने और महिलाओं को 2000 रुपए मासिक पैंशन देने के अलावा गरीबों को 100 गज का प्लाट देने की घोषणा की। दूसरी ओर भाजपा ने हरियाणा में 500 रुपए में गैस सिलैंडर, महिलाओं को 2100 रुपए मासिक पैंशन, कालेज जाने वाली मेधावी छात्राओं को स्कूटरी देने और सभी सरकारी अस्पतालों में डायलिसिस मुफ्त करने की घोषणा की।
रेवडिय़ां बांटने के इस रुझान ने अब एक सेवा का रूप ले लिया है और यह सिलसिला अब अमरीका तक पहुंच गया है, जो डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा चुनाव जीतने पर बिजली दरें आधी करने के वादे से सपष्ट है।—विजय कुमार