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‘प्रभावशाली लोगों व उनके सगे-संबंधियों’ ‘की गुंडागर्दी पर लगाई जाए लगाम’

Edited By ,Updated: 23 Feb, 2025 05:30 AM

the hooliganism of influential people and their relatives should be curbed

एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार देश का राजनीतिक, प्रशासनिक और सामाजिक वातावरण सुधारने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी ओर देश में अधिकांश राजनीतिक दलों के कुछ नेता, सरकारी अधिकारी और उनके सगे-संबंधी अपनी दबंगई व गुंडागर्दी से वातावरण दूषित कर...

एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार देश का राजनीतिक, प्रशासनिक और सामाजिक वातावरण सुधारने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी ओर देश में अधिकांश राजनीतिक दलों के कुछ नेता, सरकारी अधिकारी और उनके सगे-संबंधी अपनी दबंगई व गुंडागर्दी से वातावरण दूषित कर रहे हैं जिससे देश की छवि खराब हो रही है। ऐसे ही डेढ़ माह के उदाहरण निम्न में दर्ज हैं : 

* 6 जनवरी को लखनऊ में ‘वाई’ सुरक्षा प्राप्त भाजपा नेता मनोज सिंह के गुर्गों ने एक होटल में खाना खा रहे एक परिवार की महिलाओं और बच्चों से बदसलूकी की और जब उन्हें पुलिस पकड़ कर ले गई तो मनोज सिंह ने स्वयं थाने पहुंच कर उन्हें छुड़ा लिया। 
* 25 जनवरी को बरेली में एक दारोगा के बेटे ने पहले तो अपनी मोटरसाइकिल से एक भाजपा नेता और ‘विश्व हिन्दू महासंघ’ के कार्यकत्र्ता ‘मुकेश यादव’ की स्कूटी में टक्कर मार दी, फिर उसे ‘चौराहा’ पुलिस चौकी में ले जाकर पुलिस कर्मचारियों की मौजूदगी में बैल्ट से पीटते हुए उसकी आंख फोड़ दी और उसके गले में पहनी हुई चेन भी छीन ली। 
* 28 जनवरी को बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश) के सिकंदराबाद में ‘बसपा’ के पूर्व विधानसभा प्रभारी ‘इमरान’ और उसके 3 समर्थकों ने अपने मकान का निर्माण करवा रहे ‘मोबीन’ नामक एक सिपाही के साथ विवाद होने पर उसे तथा उसके परिवार के सदस्यों को पीट डाला।  

* 29 जनवरी को भागलपुर (बिहार) में मुख्यमंत्री नीतिश कुमार की प्रगति यात्रा से लौट रहे जद (यू) सांसद ‘अजय मंडल’ उस समय भड़क गए जब 2 पत्रकारों ने उनका फोटो खींचने की कोशिश की। 
उन्होंने तथा उनके साथियों ने पत्रकारों से गाली-गलौच करने के अलावा उन्हें बुरी तरह पीटा जिससे वे दोनों घायल हो गए और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। हमले के दौरान उनके मोबाइल भी छीन लिए गए। 
* 13 फरवरी को पूर्णिया (बिहार) में  ‘रेहान फैजल’ नामक ‘जद (यू)’ नेता का सरेआम अपहरण कर उसे यातनाएं पहुंचाने के आरोप में ‘बायसी’ विधानसभा क्षेत्र से ‘राजद’ विधायक ‘सैयद रुकनुद्दीन अहमद’ के विरुद्ध शिकायत दर्ज करवाई गई।  
* 16 फरवरी को रायपुर (छत्तीसगढ़) में यूथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष ‘विनोद कश्यप’ उर्फ ‘भक्कू’ ने अपने जन्मदिन के अवसर पर 10-12 समर्थकों के साथ बीच सड़क पर जन्मदिन मनाया, जोरदार आतिशबाजी करके केक काटा और 20 मिनट तक हंगामा किया। 
* 18 फरवरी को श्योपुर (मध्य प्रदेश) नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस नेता ‘दौलतराम गुप्ता’ ने किसी काम में देरी को लेकर नगर पालिका के कार्यालय में घुस कर कर्मचारियों को गालियां दीं और उन्हें ‘देख लेने’ की धमकी दी।
* 20 फरवरी को हरियाणा के एक पूर्व मुख्यमंत्री के पोते ने अपने दोस्तों के साथ जोधपुर में उत्पात मचाया। एक कार ड्राइवर से मारपीट की और उसकी कार के शीशे तोड़ दिए।  
* 20 फरवरी को ही भागलपुर (बिहार) के गोपालपुर से जद (यू) विधायक ‘नरेंद्र कुमार नीरज’ उर्फ ‘गोपाल मंडल’ ने किसी बात पर विवाद हो जाने के कारण नगर निगम के कर्मचारियों से मारपीट कर उन पर लाठी-डंडे बरसाए। विधायक ने नगर निगम कर्मचारियों पर उनकी पत्नी से बदसलूकी करने का आरोप लगाया।

* 22 फरवरी को कांग्रेस नेता उदित राज ने नई दिल्ली में पुलिस के पास दर्ज करवाई शिकायत में आरोप लगाया कि ‘बसपा’ सुप्रीमो मायावती के निर्देश पर पार्टी कार्यकत्र्ता उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं और उनका गला काटने वाले को 1 लाख रुपए ईनाम देने की बात कही जा रही है।
प्रभावशाली लोगों व उनके सगे-संबंधियों की दबंगई के ये तो कुछ नमूने मात्र हैं। इनके अलावा भी न जाने कितनी ऐसी घटनाएं हुई होंगी जो प्रकाश में नहीं आईं। इस रुझान को सख्ती से रोकने की आवश्यकता है ताकि कोई किसी की कमजोरी का लाभ न उठा सके और देशवासी स्वच्छ प्रशासन तथा भयमुक्त वातावरण में स्वतंत्रता का सुख भोग सकें।—विजय कुमार 

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