Edited By ,Updated: 27 Jun, 2024 05:12 AM
हालांकि पुलिस विभाग पर देशवासियों की सुरक्षा का जिम्मा होने के नाते इनसे अनुशासित व कत्र्तव्य परायण होने की अपेक्षा की जाती है पर आज कई पुलिस कर्मचारी अन्य अपराधों के अलावा सैक्स स्कैंडलों तक में संलिप्त पाए जा रहे हैं जो मात्र पिछले 3 महीनों के...
हालांकि पुलिस विभाग पर देशवासियों की सुरक्षा का जिम्मा होने के नाते इनसे अनुशासित व कत्र्तव्य परायण होने की अपेक्षा की जाती है पर आज कई पुलिस कर्मचारी अन्य अपराधों के अलावा सैक्स स्कैंडलों तक में संलिप्त पाए जा रहे हैं जो मात्र पिछले 3 महीनों के निम्न चंद उदाहरणों से स्पष्ट है :
* 2 मार्च को उत्तर प्रदेश के रामपुर की कोतवाली में तैनात एक महिला कांस्टेबल ने अपने मकान में किराए पर रहने वाले 2 कांस्टेबलों ‘गर्वित चौधरी’ और ‘ललित यादव’ के विरुद्ध उसके साथ छेडख़ानी करने, डंडों से पीटने और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने के आरोप में केस दर्ज करवाया।
* 8 मार्च को जी.आर.पी. पटना के एक जवान द्वारा एक युवती ने शादी का झांसा देकर उससे बलात्कार करने और फिर ‘गांधी मैदान’ थाने में शिकायत करने जाने पर उसे 3 दिन थाने में रख कर महिला कांस्टेबल से पिटवाने का मामला सामने आया।
* 17 अप्रैल को आगरा पुलिस लाइन में रहने वाले सिपाही रविकांत के विरुद्ध 10 लाख रुपए की मांग को लेकर अपनी पत्नी के उत्पीडऩ के आरोप में केस दर्ज किया गया। आरोप है कि रविकांत ने अपनी 3 महीने की गर्भवती पत्नी को मारपीट करने के बाद उसे कार से कुचलने का प्रयास किया।
* 19 मई को उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक विवाहित हैड कांस्टेबल मनोज कुमार को अपने साथी के साथ मिल कर अपनी 26 वर्षीय प्रेमिका की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार उक्त कांस्टेबल इससे पहले भी एक अन्य महिला से संबंध बना चुका था।
* 25 मई को उत्तर प्रदेश के ‘जालौन’ जिले के ‘उरई’ में तैनात सिपाही राहुल द्वारा फिरोजाबाद की एक युवती को अपने प्यार के जाल में फंसा कर और शादी का झांसा देकर उसके साथ संबंध बनाने और युवती द्वारा शादी की बात करने पर उससे मारपीट करने के आरोप में युवती ने सिपाही राहुल, उसके पिता अजय पाल और मां पुष्पा देवी के विरुद्ध केस दर्ज करवाया।
* 20 जून को हरियाणा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने हिसार के अर्बन एस्टेट पुलिस थाने में तैनात एक महिला हैड कांस्टेबल सुमित्रा को 40,000 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
* 22 जून रात को लुधियाना में नशे में धुत्त ए.एस.आई. बलविंद्र सिंह ने तेज रफ्तार कार से 2 पी.सी.आर. मुलाजिमों को कुचल डाला जिससे हैड कांस्टेबल आकाश दीप की मौके पर ही मौत हो गई जबकि ए.एस.आई. सतनाम सिंह गंभीर घायल हो गया। पुलिस के अनुसार आरोपी बलविंद्र इस कदर नशे में धुत्त था कि उसे दुर्घटना का पता ही नहीं चला।
* 23 जून को उत्तर प्रदेश में उन्नाव के एक डी.एस.पी. कृपाशंकर को पदावनत करके दोबारा सिपाही बना दिया गया। यह मुलाजिम तरक्की करते हुए सिपाही से डी.एस.पी. के पद पर पहुंचा था परंतु 2021 में एक होटल में अपनी एक मातहत महिला कांस्टेबल के साथ आपत्तिजनक हालत में पकड़े जाने के बाद दंडस्वरूप उसे दोबारा कांस्टेबल बना दिया गया।
* 24 जून को नकोदर में होमगार्ड के 2 मुलाजिमों रोहित गिल और गुरप्रीत गोपी तथा उनके साथी जैकब के विरुद्ध नकोदर के एक पूर्व पार्षद के बेटे को अगवा कर ले जाने और अवैध हिरासत में रख कर 50,000 रुपए फिरौती मांगने के आरोप में केस दर्ज किया गया।
* 24 जून को ही नई दिल्ली में एक युवती ने दिल्ली पुलिस के एक सिपाही पर इंस्टाग्राम पर उससे दोस्ती करने के बाद घुमाने के बहाने ले जाकर उससे बलात्कार करने का आरोप लगाया। युवती का यह भी कहना है कि सिपाही ने घटना का वीडियो भी बना लिया और उसे वायरल करने की धमकी देकर बार-बार उसका यौन शोषण करता आ रहा है।
* 26 जून को असम के तिनसुकिया जिले की एक अदालत ने ‘अम्बिकापुर बाजार’ में 11 वर्ष पूर्व एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर देने के आरोप में 6 पुलिस कर्मियों को उम्र कैद की सजा सुनाई।
उक्त उदाहरणों से स्पष्टï है कि नागरिकों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार पुलिस विभाग आज किस कदर अपने मार्ग से भटक चुका है। अत: ऐसे पुलिस कर्मियों के विरुद्ध ठोस और तेजी से कार्रवाई करके उन्हें शिक्षाप्रद दंड दिया जाना चाहिए ताकि वे अपनी करतूतों से बाज आएं और पुलिस विभाग बदनामी से बचेे।—विजय कुमार