‘रिश्वतखोर पुलिस कर्मचारी’ ‘बन रहे हैं विभाग की बदनामी का कारण’

Edited By ,Updated: 20 Oct, 2024 04:40 AM

the reason behind the bad reputation of the corrupt police department

हालांकि पुलिस विभाग के सदस्यों से अनुशासित तथा रिश्वतखोरी जैसी बुराइयों से दूर रहने की उम्मीद की जाती है, परन्तु आज देश में चंद पुलिस कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त होकर अपने विभाग की बदनामी का कारण बन रहे हैं और इसमें महिला पुलिस कर्मी भी समान रूप...

हालांकि पुलिस विभाग के सदस्यों से अनुशासित तथा रिश्वतखोरी जैसी बुराइयों से दूर रहने की उम्मीद की जाती है, परन्तु आज देश में चंद पुलिस कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त होकर अपने विभाग की बदनामी का कारण बन रहे हैं और इसमें महिला पुलिस कर्मी भी समान रूप से शामिल पाई जा रही हैं, जिसके अक्तूबर महीने के चंद उदाहरण निम्न में दर्ज हैं : 

* 1 अक्तूबर को बिहार में ‘अतरी’ के थाना अध्यक्ष सब इंस्पैक्टर डा. नरेंद्र कुमार को तथा बोधगया थाना में महिला सिपाही पूनम कुमारी को रिश्वत लेने के आरोप में निलंबित किया गया। 
* 2 अक्तूबर को विजीलैंस विभाग की टीम ने भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के अंतर्गत सी.आई.ए. स्टाफ मुक्तसर में मुख्य मुंशी सतनाम सिंह को 5,000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया। 
* 9 अक्तूबर को शिकोहाबाद (उत्तर प्रदेश) में एक शराब ठेकेदार को उसका ठेका रद्द करवाने की धमकी देकर उससे 8000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में एंटी क्रप्शन टीम ने सिपाही सूरजपाल सिंह को गिरफ्तार किया।
* 11 अक्तूबर को पंजाब विजीलैंस ब्यूरो की टीम ने एक पीड़ित महिला की शिकायत पर फगवाड़ा सिटी पुलिस के एस.एच.ओ. जितेंद्र कुमार और उसके साथी जसकरण सिंह उर्फ जस्सा को 50,000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।  
* 12 अक्तूबर को दिल्ली पुलिस की विजीलैंस टीम ने वसंत कुंज (दक्षिण) थाने के सिपाही अमित कुमार को शिकायतकत्र्ता से 3000 रुपए लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। 
* 14 अक्तूबर को बलिया (उत्तर प्रदेश) में एक दुर्घटना में पकड़ी गई ई-रिक्शा को समझौते के बाद भी छोडऩे के लिए रिश्वत मांगने के आरोप में सिपाही आशीष सैनी और सौरभ कुमार तिवारी को निलंबित किया गया।
* 15 अक्तूबर को एंटी क्रप्शन ब्यूरो पानीपत (हरियाणा) की टीम ने पुलिस के एक सब-इंस्पैक्टर बलवान सिंह को 2 पक्षों के विवाद में समझौते के बाद एक पक्ष को समझौते की कापी देने के बदले में 50,000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया। 

* 15 अक्तूबर को ही सी.बी.आई. ने नई दिल्ली उत्तरी जिले के बुराड़ी थाने में तैनात इंस्पैक्टर संदीप अहलावत तथा सब इंस्पैक्टर भूपेश कुमार को शिकायतकत्र्ता को जालसाजी के एक मामले से बाहर निकालने के बदले में 10 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। 
* 17 अक्तूबर को नई दिल्ली दक्षिण-पश्चिम जिले के वसंत कुंज (दक्षिण) में 35,000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में एक सिपाही को गिरफ्तार किया गया। 
* 17 अक्तूबर को ही दौसा (राजस्थान) में एंटी क्रप्शन ब्यूरो की टीम ने ‘मानपुर’ थाने में तैनात हैडकांस्टेबल अजीत सिंह को जमीन संबंधी विवाद के एक मामले में शिकायतकत्र्ता के विरुद्ध दर्ज मामले से नाम हटाने और गंभीर धाराएं कम करके राहत दिलाने के बदले में 10,000 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया, जबकि पीड़ित उसे 10,000 रुपए पहले ही दे चुका था। 

* 18 अक्तूबर को पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने थाना सदर बरनाला में तैनात ए.एस.आई. भोला सिंह को 10,000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। पहले भी पुलिस बल के चंद सदस्य अपनी ऐसी हरकतों के कारण कानून के शिकंजे में फंस चुके हैं। पुलिस कर्मचारियों का इस प्रकार का गलत आचरण सुरक्षा व्यवस्था के लिए भारी खतरा सिद्ध हो सकता है। अत: ऐसा करने वाले पुलिस कर्मियों को कठोर और शिक्षाप्रद दंड देने की आवश्यकता है, ताकि दूसरों को भी इससे सबक मिले और वे रिश्वत लेने की बात तो दूर रही, इसके नाम से भी डरने लगें।—विजय कुमार 

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