Edited By ,Updated: 19 Nov, 2024 05:25 AM
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रैगिंग इन दिनों मैडीकल तथा अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लेने वाले नए छात्रों का सीनियर छात्रों द्वारा उत्पीडऩ करने का माध्यम बन गई है। इसमें उनके साथ अपमानजनक छेड़छाड़, मारपीट, जबरदस्ती नशा करवाना, यौन उत्पीडऩ, कपड़े उतरवाना जैसे अमानवीय...
रैगिंग इन दिनों मैडीकल तथा अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लेने वाले नए छात्रों का सीनियर छात्रों द्वारा उत्पीडऩ करने का माध्यम बन गई है। इसमें उनके साथ अपमानजनक छेड़छाड़, मारपीट, जबरदस्ती नशा करवाना, यौन उत्पीडऩ, कपड़े उतरवाना जैसे अमानवीय कृत्य शामिल हैं। कई जगह रैगिंग को ‘बर्थडे पार्टी’ का नाम दिया गया है, जहां सीनियर छात्रों द्वारा जूनियर छात्र-छात्राओं को बर्थडे पार्टी के नाम पर बुला कर उनकी तरह-तरह से रैगिंग की जाती है। समाज विज्ञान व लैंगिक हिंसा के विशेषज्ञों के अनुसार, ‘‘ये रैगिंग सैशन बलात्कार की संस्कृति को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।’’
एक मैडीकल कालेज की छात्रा ने एक पत्रकार से इस विषय में चर्चा करते हुए कहा, ‘‘हमें पुरुष डाक्टरों के समक्ष खड़ा करके अपने कपड़े उतारने को कहा गया और हमें दिखाया गया कि वक्ष की जांच किस प्रकार की जानी है।’’ महिलाओं को उनकी सहमति के बिना अनावश्यक रूप से छुआ गया। इस तरह के हालात के बीच मैडीकल कालेजों तथा अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में रैगिंग के मात्र 2 महीनों के उदाहरण निम्न में दर्ज हैं :
* 11 सितम्बर को सोलन (हिमाचल प्रदेश) में कंडाघाट स्थित एक निजी विश्वविद्यालय का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक जूनियर छात्र को घेर कर खड़े सीनियर छात्र शराब पीने से इंकार करने पर उसकी बार-बार बैल्ट से पिटाई करते नजर आए। छात्र ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया कि उक्त छात्र उसे कई दिनों से इसी तरह तंग करते आ रहे थे जिससे उसके शरीर पर कई जगह चोटें आ गईं।
* 17 अक्तूबर को कानपुर (उत्तर प्रदेश) स्थित ‘हारकोर्ट बटलर टैक्नीकल यूनिवर्सिटी’ के 8 छात्रों ने कुछ जूनियर छात्रों को कपड़े उतारने को कहा और इंकार करने पर उन्होंने उनको पीट-पीट कर अधमरा कर दिया।
* 18 अक्तूबर को ‘ग्रांट गवर्नमैंट मैडीकल कालेज’, मुम्बई सैंट्रल की रैगिंग विरोधी कमेटी ने प्रथम वर्ष के एक छात्र को कालेज के कैम्पस में नाचने के लिए विवश करने के आरोप में द्वितीय वर्ष के 2 एम.बी.बी.एस. छात्रों को निलंबित करने की सिफारिश की।
* 12 नवम्बर को खम्मम (तेलंगाना) स्थित सरकारी मैडीकल कालेज के एक असिस्टैंट प्रोफैसर ने विवेक नामक प्रथम वर्ष के छात्र को हज्जाम के यहां ले जाकर उसके सिर के बाल उस्तरे से यह कहते हुए साफ करवा दिए कि उसका हेयर स्टाइल सही नहीं है।
* 12 नवम्बर को ही बाड़मेर (राजस्थान) स्थित मैडीकल कालेज के सीनियर छात्रों ने कुछ सीनियर छात्राओं के साथ मिल कर जूनियर छात्राओं की रैगिंग कर डाली। इस सिलसिले में कालेज प्रबंधन ने 2 छात्रों को 2 महीने और 6 छात्रों को 15 दिनों के लिए निलम्बित कर दिया, जबकि रैगिंग में शामिल छात्राओं को वाॄनग लैटर दिया गया है।
* 13 नवम्बर को नोएडा (उत्तर प्रदेश ) स्थित एक प्राइवेट यूनीवर्सिटी में रैगिंग का विरोध करने पर कुछ सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों को पीट डाला।
* 15 नवम्बर को रायपुर (छत्तीसगढ़) के ‘पंडित जवाहर लाल नेहरू मैडीकल कालेज’ में सीनियर छात्रों ने चंद जूनियर छात्रों के कपड़े उतरवा कर उन्हें बोतलों पर बैठने को विवश किया व उनके सिर के बाल मुंडवा दिए। सीनियरों ने जूनियरों से उनकी ‘बैच मेट’ लड़कियों के फोटो भी मांगे।
* और अब 17 नवम्बर को नालगोंडा (तेलंगाना) के सरकारी मैडीकल कालेज में शराब के नशे में धुत्त सीनियर छात्रों ने केरल के छात्रों का शारीरिक शोषण करने के अलावा उन्हें गंदे काम करने के लिए मजबूर किया।
* 17 नवम्बर को ही पाटन (गुजरात) के ‘धारपुर’ स्थित ‘जी. आर.ई.एम.एस. मैडीकल कालेज’ में सीनियर छात्रों द्वारा एम.बी.बी.एस. प्रथम वर्ष का 18 वर्षीय छात्र ‘अनिल मेथानिया’ 3 घंटे तक लगातार खड़ा रखने के कारण बेहोश होकर गिर पड़ा और बाद में उसकी मौत हो गई।
* 17 नवम्बर को ही रांची (झारखंड) में ‘मेसरा’ स्थित ‘यूनीवर्सिटी पॉलीटैक्निक’ में ‘राजा पासवान’ नामक एक जूनियर छात्र द्वारा रैगिंग का विरोध करने पर 15 सीनियर छात्रों ने उसे इतनी बुरी तरह पीटा कि गर्दन की हड्डी टूट जाने से उसकी दर्दनाक मौत हो गई।
हालांकि कालेजों में एंटी रैगिंग कमेटियां भी बनी हुई हैं परंतु इसके बावजूद रैगिंग की घटनाएं सामने आती रहती हैं। हालांकि सभी छात्र ऐसे नहीं हैं परंतु इस तरह की घटनाएं निश्चित रूप से दुखद हैं और इनके लिए जिम्मेदार लोगों को शिक्षाप्रद सजा मिलनी ही चाहिए ताकि इस बुराई पर रोक लगे।—विजय कुमार