mahakumb

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के मददगारों के विरुद्ध कार्रवाई और तेज करने की जरूरत

Edited By ,Updated: 05 Dec, 2024 05:09 AM

there is a need to intensify action against those who help terrorists

जम्मू-कश्मीर प्रशासन एवं सुरक्षा बलों ने देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त तत्वों को शह देने वाले उनके मददगारों तथा ऐसी गतिविधियों में संलिप्त सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध अभियान चला रखा है जिसके अंतर्गत की गई कार्रवाइयों के चंद ताजा उदाहरण निम्न...

जम्मू-कश्मीर प्रशासन एवं सुरक्षा बलों ने देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त तत्वों को शह देने वाले उनके मददगारों तथा ऐसी गतिविधियों में संलिप्त सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध अभियान चला रखा है जिसके अंतर्गत की गई कार्रवाइयों के चंद ताजा उदाहरण निम्न में दर्ज हैं : 

*  27 नवम्बर को पाकिस्तान से जम्मू में घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों के लिए सुरक्षित ठिकाने उपलब्ध करवाने और उनके भोजन आदि का प्रबंध करने वालों के एक बड़े नैटवर्क के विरुद्ध कठुआ जिले में 17 स्थानों पर छापेमारी कर 10 मददगारों को इलैक्ट्रॉनिक उपकरणों और आपत्तिजनक दस्तावेजों सहित गिरफ्तार किया गया।
* 29 नवम्बर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ऊधमपुर और डोडा जिलों में आतंकवादी संगठनों के 2 सहयोगियों ‘अब्दुल सत्तार’ तथा ‘फिरदौस अहमद वानी’ को गिरफ्तार करके उनके कब्जे से आपत्तिजनक सामग्री तथा अन्य दस्तावेज बरामद किए। 

* 29 नवम्बर को ही उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंकवादियों को मदद पहुंचाने और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में 2 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया। इनमें 1992 से स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत फार्मासिस्ट ‘अब्दुल रहमान नैका’ लम्बे समय से आतंकवादी गिरोह हिजबुल मुजाहिदीन के लिए काम कर रहा था तथा कुलगाम के राष्ट्रवादी नेता ‘गुलाम हसन लोन’ की 2021 में हत्या की जांच के दौरान उसकी भूमिका सामने आई थी। गिरफ्तारी के समय उससे हैंड ग्रेनेड और ए.के. 47 की गोलियां बरामद हुईं। उसने स्वीकार किया कि पाकिस्तान स्थित हैंडलरों ने उसे कुलगाम में सुरक्षा बलों और राजनीतिक वर्करों पर हमले करने का निर्देश दिया था। बर्खास्त किया गया दूसरा कर्मचारी जहीर अब्बास शिक्षा विभाग में 2012 से कार्यरत अध्यापक था जिसे 2020 में 3 सक्रिय आतंकवादियों को शरण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जहीर अब्बास भी हिजबुल मुजाहिदीन के लिए काम करता था। उसने न केवल आतंकवादियों के लिए खाने-पीने और हथियारों का प्रबंध किया बल्कि सुरक्षा बलों की गतिविधियों की जानकारी भी पाकिस्तानी हैंडलरों को दी।  

* और अब 3 दिसम्बर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पाकिस्तान से घुसपैठ करके जंगलों में छिपे उच्च प्रशिक्षण प्राप्त आतंकवादियों की मददगार 2 महिलाओं ‘मरयामा बेगम’ तथा ‘अरशद बेगम’ को ऊधमपुर जिले के ‘बसंतगढ़’ से सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत गिरफ्तार किया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार सुरक्षा के लिए चुनौती बनी ये दोनों महिलाएं आतंकवादी गिरोहों के लिए गाइड के रूप में काम करने के साथ-साथ उन्हें तमाम सुविधाएं उपलब्ध करवा रही थीं। उल्लेखनीय है कि ‘बसंतगढ़’ का इलाका पारंपरिक तौर पर कठुआ जिले में अंतर्राष्ट्रीय सीमा से पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ के लिए इस्तेमाल किया जाता है। डोडा और किश्तवाड़ के पर्वतीय जिलों में घुसपैठ करने से पूर्व ये आतंकवादी आमतौर पर जंगलों में छिपकर रहते हैं।  

हाल ही के महीनों में डोडा और किश्तवाड़ जिलों में सुरक्षा बलों पर हुए हमलों से यहां विभिन्न आतंकी गिरोहों की सक्रियता का संकेत मिला है। बताया जाता है कि आतंकवादी गिरोहों ने घुसपैठियों की सहायता के लिए ‘बसंतगढ़’ में अपने मददगारों का एक नैटवर्क कायम कर रखा है। सुरक्षा बलों द्वारा जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद समाप्त करने के लिए चलाए जा रहे अभियान के दौरान मात्र एक सप्ताह के भीतर सामने आए उक्त मामलों से स्पष्ट है कि यहां पाकिस्तान सरकार माहौल खराब करने पर किस कदर आमादा है। भारी बेरोजगारी के दौर में सरकारी नौकरी पाकर देश का आभार मानने की बजाय देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त ऐसे लोग न जाने अपने ही कितने लोगों को मरवा चुके होंगे। हालांकि हाल ही में उप राज्यपाल श्री मनोज सिन्हा ने एक सुरक्षा समीक्षा बैठक में यहां से आतंकवाद और उसके समर्थकों को जड़ से खत्म करना अपनी प्राथमिकता बताई है और सुरक्षा बल ऐसा कर भी रहे हैं, परंतु इस काम में और तेजी लाने की आवश्यकता है।—विजय कुमार

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!