Edited By ,Updated: 13 Apr, 2025 04:22 AM
देश में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए बनाए गए कानूनों को लागू करने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के स्तर पर सी.बी.आई., सैंट्रल विजीलैंस कमीशन, इन्फोर्समैंट डायरैक्टोरेट, राज्यों के एंटी करप्शन ब्यूरो, लोकायुक्त और स्टेट विजीलैंस विभाग जैसी...
देश में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए बनाए गए कानूनों को लागू करने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के स्तर पर सी.बी.आई., सैंट्रल विजीलैंस कमीशन, इन्फोर्समैंट डायरैक्टोरेट, राज्यों के एंटी करप्शन ब्यूरो, लोकायुक्त और स्टेट विजीलैंस विभाग जैसी एजैंसियां काम करती हैं। इसके बावजूद देश में भ्रष्टाचार के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे। पिछले सिर्फ 9 दिनों में सामने आए रिश्वतखोरी के मामले निम्न में दर्ज हैं :
* 4 अप्रैल को झारखंड के ‘रांची’ में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने नामकुम थाने के दारोगा ‘चंद्रदीप प्रसाद’ को 30,000 रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
* 5 अप्रैल को हरियाणा के ‘कैथल’ में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने गुहला पुलिस थाने के एस.एच.ओ. ‘रामपाल कुमार’ को मारपीट के एक मामले में 30,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
* 6 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के ‘कोरबा’ जिले में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने डीजल चोरी के आरोप में पकड़े गए व्यक्ति से 50,000 रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप में ‘मनोज मिश्रा’ नामक पुलिस कर्मी को गिरफ्तार किया।
* 6 अप्रैल को ही ‘करनाल’ के एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने एक प्लॉट की रजिस्ट्री करवाने के लिए 1 लाख रुपए रिश्वत मांगने के आरोप में गोहाना तहसील कार्यालय के सेवादार ‘आशीष’ को गिरफ्तार किया।
* 7 अप्रैल को ‘जयपुर’ में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने ड्रग कंट्रोल ऑफिस के असिस्टैंट अकाऊंट आफिसर ‘दिनेश कुमार सिंधी’ को 5000 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
* 8 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के ‘गाजीपुर’ स्थित ‘रेवतीपुर’ थाना में तैनात एक दारोगा को एंटी करप्शन टीम ने मारपीट के एक मामले में चार्जशीट लगाने के लिए 10,000 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
* 8 अप्रैल को ही बिहार के सॢवलांस इन्वैस्टीगेशन ब्यूरो विभाग ने ‘पटना’ में जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय के क्लर्क ‘पुंजय कुणाल’ को 15,000 रुपए की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया।
* 9 अप्रैल को मध्य प्रदेश के ‘टीकमगढ़’ में लोकायुक्त की टीम ने फूड इंस्पैक्टर ‘पंकज करोरिया’ को 10,000 रुपए की रिश्वत के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
* 9 अप्रैल को ही इंदौर लोकायुक्त की टीम ने वन रेंजर ‘वैभव उपाध्याय’ को एक ठेकेदार से 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
* 10 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के ‘बागपत’ में सी.बी.आई. की टीम ने सी.जी.एस.टी. इंस्पैक्टर ‘विवेक कुमार सिंह’ को जी.एस.टी. नंबर जारी करने के बदले में 6000 रुपए की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया।
* 11 अप्रैल को मध्य प्रदेश के ‘मंडला’ में ‘जबलपुर’ लोकायुक्त की टीम ने ग्राम पंचायत सचिव ‘संतोष कुमार झारिया’ को ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ की किस्त के भुगतान के एवज में 4000 रुपए रिश्वत के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
* 11 अप्रैल को ही उत्तर प्रदेश के ‘शामली’ में पुलिस के दारोगा ‘वीरेंद्र सिंह’ का 20,000 रुपए की रिश्वत मांगने का ऑडियो वायरल होने के बाद उसे सस्पैंड कर दिया गया।
* 11 अप्रैल को ही ‘हरियाणा’ के ‘गुरुग्राम’ में एक स्ट्रीट वैंडर से हर हफ्ते 15,000 से 20,000 रुपए की वसूली करने वाले 4 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर गिरफ्तार किया गया जिनमें एक ए.एस.आई., एक मुख्य सिपाही, एक सिपाही और एक एस.पी.ओ. शामिल हैं।
* 11 अप्रैल को ही ‘कर्नाटक’ की ‘शिवगंगा’ नगर पालिका के बिल कलैक्टर ‘बाला मुरुगन’ को एक आवेदक से हाऊस टैक्स की रसीद पर नाम परिवर्तन करने के एवज में 9000 रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। भ्रष्टाचार के मामलों के न रुकने का एक कारण इनमें सजा का कम होना भी है। इसकी सबसे बड़ी वजह जांच एजैंसियों द्वारा समय पर चालान पेश न करना और गवाहों का अदालत में मुकर जाना भी है। रिश्वत का यह रोग सभी राज्यों में तेजी से फैल गया है। यदि पुलिस और जांच एजैंसियां जांच प्रक्रिया में तेजी व सख्ती लाएं तो ज्यादा आरोपी पकड़े जा सकते हैं, जिससे भ्रष्टाचार पर कुछ हद तक लगाम लग सकती है।—विजय कुमार