हरियाणा के सरकारी स्कूलों में अध्यापकों तथा बुनियादी ढांचे की कमी तुरंत दूर करने की जरूरत

Edited By ,Updated: 28 Mar, 2025 04:57 AM

there is an urgent need to address shortage teachers in govt schools in haryana

वैसे तो लोगों को सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाना केंद्र एवं राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है, परंतु सरकारों की उदासीनता के कारण आम लोग अच्छी और सस्ती शिक्षा से वंचित रह रहे हैं। इसी सिलसिले में 26 मार्च, 2025 को हरियाणा विधानसभा में एक...

वैसे तो लोगों को सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाना केंद्र एवं राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है, परंतु सरकारों की उदासीनता के कारण आम लोग अच्छी और सस्ती शिक्षा से वंचित रह रहे हैं। इसी सिलसिले में 26 मार्च, 2025 को हरियाणा विधानसभा में एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान कांग्रेस विधायकों अशोक कुमार अरोड़ा, नवदीप चट्ठा और बलवान सिंह ने राज्य के सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी, खस्ताहाल इमारतों और बुनियादी ढांचे के अभाव के कारण इनकी दयनीय हालत का उल्लेख किया। इस पर हरियाणा के शिक्षा मंत्री ‘महिपाल ढांडा’ ने  बताया कि राज्य के  सरकारी स्कूलों में 14,295 ‘पोस्ट ग्रैजुएट अध्यापकों’ (पी.जी.टी.) के 37,738 स्वीकृत पदों में से 8,519 (22.6 प्रतिशत) अध्यापकों व   ‘प्रशिक्षित ग्रैजुएट अध्यापकों’ (टी.जी.टी.) के 39,828 स्वीकृत पदों में से 4583 (11.5 प्रतिशत) अध्यापकों की कमी है। प्राइमरी स्कूलों के अध्यापकों की कुल स्वीकृत संख्या 37,759 है परंतु इनमें भी 2557 (6.8 प्रतिशत) अध्यापकों की कमी है। कुल मिलाकर 1.15 लाख अध्यापकों में से 15,659 (13.6 प्रतिशत) अध्यापक कम हैं।

‘श्री महिपाल ढांडा’ ने यह भी बताया कि पिछले 5 वर्र्षों के दौरान 13,621 अध्यापकों की भर्ती की गई है तथा बाकी अध्यापकों की भर्ती भी जल्दी ही पूरी कर ली जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि राज्य के सरकारी स्कूलों में 6848 क्लासरूमों सहित कम से कम 11,475 कमरों की कमी है जबकि 10 मई, 2023 को लिए गए राज्य के सरकारी स्कूलों के बुनियादी ढांचे के जायजे के अनुसार राज्य के स्कूलों को 8240 क्लासरूमों, 5,630 अन्य कमरों तथा 321 स्कूलों के लिए चारदीवारी की आवश्यकता थी। इसे पूरा करने के लिए शिक्षा विभाग ने 2023-24 में 473.44 करोड़ रुपए तथा फिर 2024-25 में 306.84 करोड़ रुपए की और रकम स्वीकृत की थी। अप्रैल, 2023 और इस वर्ष जनवरी के बीच 1392 क्लास रूमों, 1003 दूसरे कमरों और 172 चारदीवारियां बनाने की योजना थी। यदि यह मान भी लिया जाए कि ये परियोजनाएं पूरी कर ली गई हैं, तो भी 6848 क्लासरूमों और 4,627 दूसरे कमरों की अभी जरूरत है। 

शिक्षा मंत्री ने स्वीकार किया कि 1144 क्लासरूमों, 624 अन्य कमरों और 192 चारदीवारियों के निर्माण का काम जारी है जो इस वर्ष जून एवं दिसम्बर के बीच पूरा कर लिए जाने की आशा है। इनके अलावा 3237 क्लासरूमों, 1385 अन्य कमरों तथा 118 चारदीवारियों के निर्माण को स्वीकृति देकर इनके लिए भी टैंडर मांगे जा रहे हैं। इनका निर्माण अप्रैल, 2025 और मार्च, 2026 के बीच पूरा हो जाने की आशा है। उन्होंने यह भी बताया कि 10 मई, 2023 को लिए गए जायजे के अनुसार राज्य के 131 सरकारी स्कूलों में पीने का पानी उपलब्ध नहीं था जबकि 1047 स्कूलों में लड़कों व 538 स्कूलों में लड़कियों के शौचालय नहीं थे। इसी प्रकार 236 स्कूलों में बिजली के कनैक्शन नहीं थे। इसके लिए वर्ष 2023-24 में 43.48 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए थे। 

सदन में बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (कांग्रेस) ने कहा कि ‘‘सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी के कारण अभिभावक अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में दाखिल करवा रहे हैं जो पुस्तकों और अन्य आवश्यक वस्तुओं के लिए अत्यंत ऊंची कीमत वसूल करते हैं।’’ 

उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व 10 अगस्त, 2022 को भी राज्य विधानसभा में हरियाणा के तत्कालीन शिक्षा मंत्री ‘कंवर पाल गुर्जर’ ने भी राज्य के सरकारी स्कूलों में अध्यापकों के खाली पदों की बात कही थी। इस पृष्ठïभूमि में राज्य के सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी दूर करने तथा बुनियादी ढांचे में सुधार करने और लड़कियों के लिए शौचालय आदि बनाने की तुरंत जरूरत है ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो और वे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करके देश के उपयोगी नागरिक बन सकें।—विजय कुमार 

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