‘रेल दुर्घटनाएं रोकने के लिए’‘स्टाफ की कमी व अन्य त्रुटियां तुरंत दूर की जाएं’

Edited By ,Updated: 18 Jun, 2024 05:25 AM

to prevent railway accidents  staff shortage should be removed immediately

भारतीय रेलवे एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल नैटवर्क है। सार्वजनिक परिवहन होने के नाते इसके सस्ता और सुरक्षित होने की अपेक्षा की जाती है परंतु लगातार किराए बढ़ाने के बावजूद सुविधाओं और सुरक्षा के मामले में अक्सर रेलवे में लापरवाही के मामले सामने आते...

भारतीय रेलवे एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल नैटवर्क है। सार्वजनिक परिवहन होने के नाते इसके सस्ता और सुरक्षित होने की अपेक्षा की जाती है परंतु लगातार किराए बढ़ाने के बावजूद सुविधाओं और सुरक्षा के मामले में अक्सर रेलवे में लापरवाही के मामले सामने आते रहते हैं। पिछले एक वर्ष में देश में दर्जनों रेल दुर्घटनाएं हो चुकी हैं जिनमें 330 के लगभग यात्रियों की मौत तथा 1500 के लगभग घायल हुए हैं। यहां प्रस्तुत हैं पिछले एक वर्ष के दौरान हुई चंद बड़ी रेल दुर्घटनाएं : 

* 2 जून, 2023 को ओडिशा के बालासोर में चेन्नई से हावड़ा जा रही ‘कोरोमंडल एक्सप्रैस’ के एक मालगाड़ी तथा एक अन्य यात्री गाड़ी से टकरा जाने से 296 लोगों की मौत व 1200 से अधिक लोग घायल हो गए।
* 11 अक्तूबर, 2023 को नई दिल्ली से कामाख्या जा रही ‘नार्थ एक्सप्रैस’ के बक्सर स्टेशन के निकट दुर्घटनाग्रस्त होने से 4 लोगों की मौत हो गई। 
* 29 अक्तूबर, 2023 को आंध्र प्रदेश में विजयनगरम जिले के ‘कंटाकापल्ली’  में ‘रायगढ़ा पैसेंजर ट्रेन’ ने पीछे से आकर विशाखापत्तनम पलासा ट्रेन को टक्कर मार दी, जिससे 14 यात्रियों की मौत व 50 यात्री घायल हो गए। 
* 2 जून, 2024 को पंजाब में सरङ्क्षहद के माधोपुर के निकट 2 मालगाडिय़ों के आपस में टकरा जाने से 2 ड्राइवर घायल हो गए। 

* 7 जून, 2024 को राजस्थान के जयपुर में ‘खातीपुरा’ तथा ‘जगतपुरा’ रेलवे स्टेशनों के बीच ‘दौलतपुर-साबरमती एक्सप्रैस’ के थर्ड ए.सी. कोच में आग लग गई। 
* 10 जून, 2024 को दिल्ली के सराय रोहिला से जम्मू तवी जा रही दुरंतो एक्सप्रैस के इंजन में शाहाबाद रेलवे स्टेशन पर शार्ट सर्किट से आग लग गई।
* 16 जून, 2024 को वैष्णो देवी जा रही मालवा एक्सप्रैस ट्रेन के इंजन की पावर फगवाड़ा तथा गोराया के बीच तथा जम्मू तवी-गांधी नगर कैपीटोल की पावर दसूहा के निकट फेल हो जाने से यात्रियों को भारी परेशानी हुई।
* और अब 17 जून, 2024 को सुबह के समय पश्चिम बंगाल के सियालदह जा रही ‘कंचनजंगा एक्सप्रैस’ को दार्जीलिंग जिले में एक मालगाड़ी द्वारा पीछे से टक्कर मार देने से मालगाड़ी के पायलट तथा सह-पायलट सहित 15 लोगों की मौत तथा 60 घायल हो गए। 

रेलवे के सूत्रों के अनुसार ‘रानीपात्रा’ रेलवे स्टेशन तथा ‘छत्तरहाट’ जंक्शन के बीच आटोमैटिक सिग्नङ्क्षलग सिस्टम सुबह 5.50 बजे से ही खराब था। रेल मंत्रालय करोड़ों रुपए खर्च करके रेलवे स्टेशनों के नवीकरण तथा तेज रफ्तार गाडिय़ां चलाने पर तो जोर दे रहा है, परंतु रेलवे में सुरक्षित  परिचालन के लिए जरूरी रिक्त पद भरने की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा। जून, 2023 तक रेलवे में ग्रुप ‘सी’ में सेफ्टी कैटेगरी के 1.7 लाख पदों सहित 2,74,580 पद खाली थे जिस कारण स्टाफ को ओवरटाइम काम करना पड़ रहा है तथा रेल दुर्घटनाओं का एक कारण परिचालन स्टाफ की थकान और नजर का कमजोर होना भी शामिल है। लोको पायलटों की नजर काफी दूर तक स्पष्टï देखने में सक्षम होनी चाहिए परंतु कई मामलों में वे अधिक दूर तक स्पष्टï नहीं देख पाते। फिटनैस सर्टीफिकेट लेने के लिए कथित रूप से रिश्वत का सहारा लिया जाता है। 

एक ओर विश्व के विकासशील देशों के साथ कदम से कदम मिलाकर भारतीय रेल मंत्रालय नई तेज रफ्तार गाडिय़ां चला रहा है तो दूसरी ओर प्रश्न चिन्ह लगाती उक्त रेल दुर्घटनाएं प्रमाण हैं कि भारतीय रेलें किस कदर दुर्घटनाओं के जोखिम पर हैं। ऐसी स्थिति पैदा न हो, इसके लिए भारतीय रेलों की कार्यशैली और रख-रखाव में तुरंत बहुआयामी सुधार लाने तथा रेलगाडिय़ों के परिचालन जैसी महत्वपूर्ण ड्यूटी पर तैनात होने के बावजूद लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई करने की जरूरत है। इसके साथ ही रेलों तथा आवागमन के अन्य सार्वजनिक माध्यमों के चालकों के चयन के मापदंड कड़े तथा निष्पक्ष होने चाहिएं।-विजय कुमार 

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