Edited By ,Updated: 29 Aug, 2024 05:06 AM
आज हमारा देश भारत घोटालों का देश बनकर रह गया है और कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं बचा जिसमें कोई न कोई घोटाला या हेराफेरी न हुई हो।
आज हमारा देश भारत घोटालों का देश बनकर रह गया है और कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं बचा जिसमें कोई न कोई घोटाला या हेराफेरी न हुई हो। इनमें सरकारी तथा गैर सरकारी नौकरियां या रोजगार देने के नाम पर की जा रही हेराफेरियां भी शामिल हैं जिसके चंद ताजा उदाहरण निम्र में दर्ज हैं :
- 1 अप्रैल, 2024 को कोरबा (छत्तीसगढ़) के ‘ढोढीपारा’ में पान की दुकान चलाने वाले विकास राठौर तथा उसकी बहन को राजस्व विभाग में पटवारी की नौकरी दिलवाने का झांसा देकर उसे नकली नियुक्ति पत्र थमा कर 7 लाख रुपए ठग लेने के आरोप में पुलिस ने भिखारी लाल ‘कर्ष’ नामक व्यक्ति पर केस दर्ज किया।
- 5 जुलाई को दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर नौकरी दिलाने का प्रलोभन देकर लोगों को ठगने वाले गिरोह के एक सदस्य को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार किया।
- 17 जुलाई को नोएडा (उत्तर प्रदेश) में थाना सैक्टर 49 की पुलिस ने सोशल मीडिया पर भ्रामक विज्ञापन डाल कर नौकरी दिलाने के नाम पर पिछले डेढ़ वर्ष से लोगों से ठगी करते आ रहे गिरोह का पर्दाफाश किया और 4 महिलाओं सहित 7 लोगों को गिरफ्तार करके इनके कब्जे से 11 मोबाइल, 5 मोहरें, रिज्यूम फार्म, 2 कारें व नकद राशि बरामद की।
- 18 जुलाई को गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) में ऑनलाइन नौकरी की तलाश कर रहे एक युवक से कनाडा में नौकरी दिलाने के बहाने साइबर ठगों ने 14 लाख रुपए ठग लिए। साइबर ठगों ने उसे मोबाइल पर मैसेज भेज कर कनाडा की एक कम्पनी में नौकरी का ऑफर दिया और फिर रजिस्ट्रेशन तथा वीजा लगवाने सहित तरह-तरह के बहानों से 14 लाख रुपए से अधिक की ठगी मार ली। न ही उसे नौकरी मिली और न ही अपनी रकम।
- 24 अगस्त को ठाणे (महाराष्ट्र) में एक महिला को नवी मुम्बई पुलिस में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उससे 12.65 लाख रुपए ठग लेने के आरोप में पुलिस ने एक व्यक्ति के विरुद्ध केस दर्ज किया।
पहले ही रोजगार न होने के कारण आॢथक तंगी के शिकार लोगों की मजबूरी का लाभ उठाते हुए उन्हें ठगना गंभीर अपराध है, अत: बेरोजगार लोगों से नौकरियों के नाम पर छल करने के जिम्मेदार लोगों पर फास्ट ट्रैक अदालतों में केस चला कर उन्हें जल्द से जल्द कड़ा दंड दिया जाना चाहिए ताकि मजबूर लोग ऐसे समाज विरोधी तत्वों के झांसे में आने से बच सकें। -विजय कुमार