‘पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर में हिंसा’‘और पंजाब में नशे फैलाने का डबल गेम जारी’

Edited By ,Updated: 11 Jul, 2024 05:24 AM

violence in jammu and kashmir by pakistan

आर्थिक बदहाली और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फजीहत झेल रहा पाकिस्तान अभी भी सुधरने का नाम नहीं ले रहा। इसके शासकों के भारत विरोधी इरादों का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि स्वयं अस्थिर होने के बावजूद इसकी गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई. तथा सेना भारत में...

आर्थिक बदहाली और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फजीहत झेल रहा पाकिस्तान अभी भी सुधरने का नाम नहीं ले रहा। इसके शासकों के भारत विरोधी इरादों का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि स्वयं अस्थिर होने के बावजूद इसकी गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई. तथा सेना भारत में आतंकवाद भड़़काने से बाज नहीं आ रहीं। यह इसी से स्पष्ट है कि पाकिस्तान के पाले हुए आतंकवादी कश्मीर के बाद अब जम्मू संभाग में भी एक महीने की अवधि में ही कम से कम 6 हमले कर चुके हैं, जिनमें हमारे सुरक्षा बलों के सदस्यों तथा आम नागरिकों सहित डेढ़ दर्जन के लगभग लोगों के प्राण जा चुके हैं। 

जम्मू-कश्मीर पुलिस के प्रमुख आर.आर. स्वैन के अनुसार राज्य के लोगों में भय पैदा करने के लिए सीमा पार स्थित भारत के शत्रु भाड़े के विदेशी हत्यारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये हत्यारे न केवल हत्याओं में शामिल हैं, बल्कि लोगों के मवेशी तक चुरा ले जाते हैं। भाड़े के ये हत्यारे पाकिस्तान होकर आए स्थानीय आतंकवादियों की सहायता से हमले कर रहे हैं। इन आतंकवादियों को इस बात की जानकारी है कि क्षेत्र के जंगलों में कहां-कहां सेना की मौजूदगी नहीं है। इन आतंकवादियों ने अपने साथ ऐसे ‘भेदिए’ मिला रखे हैं जो दिन के समय रेकी करके हमारे सैन्य वाहनों, पर्यटकों और धार्मिक स्थलों पर आने-जाने वाले वाहनों की गतिविधियों की जानकारी जुटा कर उन्हें देते हैं और वे उसी के आधार पर कार्रवाई करते हैं। 

जहां पाकिस्तान ने भारत के जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए अपने पाले हुए आतंकवादियों द्वारा हिंसा और खून-खराबा जारी रखा हुआ है, वहीं पंजाब के साथ लगते सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोनों द्वारा हथियारों और नशीले पदार्थों के अलावा असली और नकली दोनों तरह की भारतीय करंसी आदि की तस्करी तेज कर रखी है और इसमें लगातार वृद्धि हो रही है। वर्ष 2021 के मुकाबले वर्ष 2022 में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार से पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में ड्रोनों द्वारा घुसपैठ और तस्करी के मामलों में लगभग 2 गुणा वृद्धि हुई,जबकि बाद के वर्षों में भी इसमें लगातार वृद्धि होती चली गई है। 

बी.एस.एफ. के सूत्रों के अनुसार इस वर्ष जनवरी, 2024 से लेकर 9 जुलाई के बीच बी.एस.एफ. ने पाकिस्तान के साथ लगती पंजाब की सीमा के आसपास के इलाकों में 125 ड्रोन मार गिराए हैं, जबकि 2023 के  समूचे वर्ष में 107  तथा 2022 के सारे वर्ष में 22 ड्रोन गिराए थे। ये ड्रोन ज्यादातर पंजाब के अबोहर, फिरोजपुर, तरनतारन, अमृतसर, गुरदासपुर और पठानकोट जिलों में गिराए गए हैं, जबकि ड्रोनों से सर्वाधिक बरामदगी तरनतारन और अमृतसर जिलों में दर्ज की गई है। पंजाब में जब्त किए गए ड्रोनों में सर्वाधिक जब्ती चीन में बने ‘डी.जे.-आई माविक’ क्लासिक ड्रोनों की हुई है जो नशीले पदार्थों के अलावा आटोमैटिक हथियार और गोली-सिक्का लेकर आते हैं। 

अंधेरे का लाभ मिलने के कारण ये ड्रोन आमतौर पर रात में बिना रोशनी के संचालित किए जाते हैं। कई पाकिस्तानी तस्कर ‘हैंगिंग मैथड’ का इस्तेमाल करते हैं जिसमें सीमा पार करवाने के लिए कोई पदार्थ ड्रोन के साथ लटका कर उस वस्तु को गिराना आसान हो जाता है। तस्करों को केवल इतना करना होता है कि ड्रोन भारतीय सीमा में घुसपैठ कर जाए। बी.एस.एफ. के पास अब ड्रोनों का पता लगाने की बेहतर तकनीक होने के कारण अधिकारी बड़ी संख्या में ड्रोनों को गिराने और उनके द्वारा लाई गई अवैध वस्तुएं जब्त करने में सफल हो रहे हैं। उक्त घटनाक्रम से स्पष्ट है कि पाकिस्तान के शासक अपनी घरेलू समस्याएं सुलझाने की बजाय भारत में अशांति फैलाने पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं जबकि स्वयं उनके देश में उन्हीं के पाले हुए आतंकवादी हमले करके वहां भी आम नागरिकों और सुरक्षा बलों के सदस्यों की जान ले रहे हैं। अत: पाकिस्तान का भला तो इसी में है कि वह अपने पाले हुए आतंकवादियों पर नकेल डाले, ताकि वहां भी ङ्क्षहसा और खून-खराबा समाप्त हो और भारत में भी।—विजय कुमार 

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